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वक्त ने किया क्या हसीं सितम...

पर वक्त के साथ-साथ हम भी बहुत कुछ सीख गए।

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BOL
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BOL LOVE YOUR BHASHA

वक्त बहुत कुछ सिखा जाता है,

जो हम सोच भी न सकते थे,

लोगों के वो रंग भी हमें दिखा जाता है।

वक्त के साथ-साथ हम भी बहुत कुछ सीख गए,

खुद को जज़्बातों के काबू में होने से रोक लिया,

और जज़्बातों को काबू करना सीख गए।

यूँ तो दिल को हमेशा काबू में ही रखा है,

पर दिल में थोड़ा भी जो कुछ था,

उसे भी छिपाना सीख गए।

पता नहीं वक्त बदलता है,

या लोग बदल जाते हैं,

पर धीरे-धीरे हम भी लोगों की पहचान करना सीख गए।

वक्त को यूँ ही सबसे बड़ा शिक्षक नहीं कहते,

थोड़ा बहुत तो हम भी वक्त को पहचानना सीख गए।

धीरे-धीरे हम भी खुद को बदलना सीख गए,

आहिस्ता ही सही,

पर वक्त के साथ-साथ हम भी बहुत कुछ सीख गए।

- Namrata Singh

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(This article was sent to The Quint by Namrata Singh for our Independence Day campaign, BOL – Love your Bhasha. Namrata is an English Literature student, who loves to write in Hindi because she finds Hindi an easier language to express herself.

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