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तालिबान की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं थी महिलाएं, VIF की है यह फोटो

यह फोटो दिल्ली में विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन (VIF) के एक कार्यक्रम से है.

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बीते दिनों तालिबान के विदेश मंत्री मावलवी अमीर खान मुत्ताकी भारत दौरे पर आए थे. 10 अक्टूबर 2025 को उन्होंने दिल्ली में मौजूद अफगान एम्बेसी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी जिसमें महिला पत्रकारों को शामिल नहीं किया गया था. इस बात को लेकर काफी विवाद भी हुआ था.

दावा: इसी बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसे शेयर कर यह दावा किया जा रहा है है कि 10 अक्टूबर को हुई उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस की है और इसमें महिलाएं भी मौजूद है जैसा कि तस्वीर में देखा जा सकता है.

(ऐसे ही दावे करने वाले अन्य पोस्ट के अर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं. )

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क्या यह दावा सही है ? नहीं, यह दावा सही नहीं है.

  • वायरल फोटो 10 अक्टूबर 2025 को अफगान एम्बेसी में विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताक़ी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद महिला पत्रकारों की नहीं है.

  • यह फोटो दिल्ली में विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन (VIF) के एक कार्यक्रम से है, जहां मुत्ताकी ने भारत और अफगानिस्तान के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों पर बात की थी.

हमने सच का पता कैसे लगाया ? इस वायरल तस्वीर पर गूगल लेंस की मदद से इमेज सर्च करने पर हमें विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन (VIF) की यह X पोस्ट मिली.

  • VIF नई दिल्ली में मौजूद एक थिंक टैंक है जो विदेश मामलों, राष्ट्रीय सुरक्षा, रणनीति और लोक नीति में विशेषज्ञता रखता है. यह पोस्ट 10 अक्टूबर 2025 को अपलोड हुई थी.

  • इसमें पोस्ट में अपलोड की गई तस्वीरों में से एक वही वायरल तस्वीर भी थी.

  • इस पोस्ट के मुताबिक यह तस्वीर VIF में आमिर खान मुत्ताकी के एक कार्यक्रम की है जहां उन्होंने दोनों देशों के आर्थिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों पर चर्चा की थी. इस चर्चा के दौरान मुत्ताकी ने रवींद्रनाथ टैगोर की कहानी "काबुलीवाला" का भी जिक्र किया था.

  • कुछ मीडिया रिपोर्ट्स (यहां और यहां) में भी इस तस्वीर को देखा जा सकता है जहां इसे VIF का बताया गया था.

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महिला पत्रकारों और प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में: 10 अक्टूबर 2025 को अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने नई दिल्ली में अफगानिस्तान एम्बेसी के अंदर अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी.

  • इस प्रेस कॉन्फ्रेंस की भारी आलोचना हुई थी क्योंकि इसमें कथित तौर पर महिला पत्रकारों को शामिल होने की अनुमति नहीं थी, जिससे भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहस छिड़ गई थी.

  • मीडिया में छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक इस विवाद पर तालिबान के राजनीतिक प्रमुख सुहैल शाही ने कथित तौर पर कहा था कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों के प्रवेश पर प्रतिबंध नहीं था और यह घटना अनजाने में हुई थी.

  • उन्होंने कहा कि तालिबान का महिला पत्रकारों को कार्यक्रम में शामिल होने से रोकने का कोई इरादा नहीं था और उनके खिलाफ भेदभाव के आरोप झूठे हैं. सुहैल शाही ने यह भी कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए सीमित पास थे जो कुछ को मिले और कुछ को नहीं.

इस विवाद के बाद तालिबान के विदेश मंत्री मुत्तकी ने 12 अक्टूबर 2025 को एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी जिसमें महिला पत्रकारों को शामिल किया गया था. इस विवाद पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि 10 अक्टूबर 2025 को अफगान एम्बेसी में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं थी.

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निष्कर्ष: विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की तस्वीर को अफगान एम्बेसी में हुई उनकी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस का बताकर भ्रामक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.

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