सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कथित तौर पर कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शाखाओं से निकलने वाले लोग महात्मा गांधी को नहीं समझ सकते और उन्हें सही मायने में समझने के लिए मदरसे में पढ़ाई करनी होगी.
क्या यह दावा सही है ? नहीं, यह दावा सही नहीं है.
राहुल गांधी ने यह नहीं कहा कि महात्मा गांधी को समझने के लिए मदरसे में पढ़ाई करना जरुरी है.
29 मई 2024 को एक वीडियो में उन्होंने कहा था कि RSS की शाखा की विश्वदृष्टि से प्रभावित लोग गांधी को पूरी तरह नहीं समझ पाते और गोडसे की विचारधारा का पालन करते हैं.
हमने सच का पता कैसे लगाया ? इस दावे की पुष्टि करने के लिए हमने इंटरनेट पर राहुल गांधी के इस बयान से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट्स सर्च की जहां राहुल गांधी ने ऐसा बयान दिया हो कि, 'RSS शाखा के सदस्य महात्मा गांधी को नहीं समझ सकते और इसके लिए मदरसे में पढ़ाई जरुरी है.'
हमें इसकी पुष्टि करने वाला कोई विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली.
हालांकि राहुल गांधी पहले भी RSS और उसके वैचारिक आधार पर टिप्पणी कर चुके हैं लेकिन हमें ऐसी कोई विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें उन्होंने कहा हो कि महात्मा गांधी को समझने के लिए मदरसे में पढ़ाई जरुरी है.
इसके सिवा हमने देखा कि वायरल पोस्ट में हमारा भारत का एक लोगो लगा हुआ है.
ऑनलाइन सर्च करने पर हमें 'हमारा भारत' का 2 अक्टूबर 2025 का यह फेसबुक पोस्ट मिला, जिसमें मिलते-जुलते ग्राफिक थे इनमें कहा गया था कि RSS की शाखाओं से निकलने वाले लोग महात्मा गांधी को नहीं समझ सकते हैं.
हालांकि इसमें यह नहीं लिखा था कि महात्मा गांधी को समझने के लिए मदरसे में पढ़ाई जरुरी है, इसे देखने से यह साफ होता है कि वायरल पोस्ट को असल में 'हमारा भारत' की पोस्ट के ग्राफिक का इस्तेमाल करके एडिट किया गया है.
29 मई 2024 को राहुल गांधी ने X पोस्ट पर एक वीडियो मैसेज पोस्ट किया था, इस वीडियो में, उन्होंने कहा था,
'शाखाओं में जिनकी वर्ल्डव्यू बनती है वो गांधी जी को नहीं समझ सकते, वो गोडसे को समझते हैं, गोडसे के रास्ते को अपनाते हैं, गांधी जी पूरी दुनिया के लिए एक इंस्पिरेशन थे. मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला, अल्बर्ट आइंस्टीन यह सब लोग गांधी से इंस्पायर हुए. हिंदुस्तान में करोड़ो लोग गांधी का रास्ता अपनाते हैं. अहिंसा और सत्य के रास्ते पर चलते हैं, लड़ाई सत्य और असत्य के बीच में है, हिंसा और अहिंसा के बीच में है, हिंसा के लोग, ना अहिंसा को समझ सकते हैं ना सत्य को समझते हैं.'राहुल गांधी
निष्कर्ष: राहुल गांधी ने यह नहीं कहा है कि महात्मा गांधी को समझने के लिए मदरसे में पढ़ाई करनी चाहिए, वायरल पोस्ट को एडिट किया गया है.
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