लोक गायिका से नेता बनी मैथिली ठाकुर बिहार विधानसभा चुनाव में दरभंगा की अलीनगर सीट से बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं. द क्विंट के साथ इंटरव्यू के दौरान उन्होंने राजनीति में आने, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात और अलीनगर के विकास को लेकर अपना विजन साझा किया.
मैथिली ठाकुर, जो अपनी सुरीली आवाज और पारंपरिक गीतों के लिए जानी जाती हैं, ने कहा कि उनका सिंगिंग करियर खत्म नहीं हुआ है बल्कि अब तो और शुरू हो गया है. उन्होंने हंसते हुए बताया कि वह जहां भी जाती हैं, लोग उन्हें बिना गाना सुने नहीं छोड़ते.
राजनीति में क्यों आईं?
राजनीति में आने के सवाल पर मैथिली ठाकुर ने इसे 'मोदी जी का आशीर्वाद' बताया. उन्होंने कहा,
"मोदी जी का आशीर्वाद है कि उन्होंने मुझे अपनी मिथिला की धरती की सेवा करने के लिए भेजा है. इससे बड़ा मेरे लिए सौभाग्य कुछ नहीं है."
जब उनसे पूछा गया कि चुनाव लड़ने के लिए उन्हें किसने अप्रोच किया था – बीजेपी ने या उनकी तरफ से पहल हुई थी, तो मैथिली ने कहा,
"मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरे बारे में सोचा जा रहा है, मुझे इस योग्य समझा जा रहा है कि मैं अपनी मां-बहन की सेवा कर सकूं. यह सब तो मेरे लिए बहुत ही अचानक हुआ, लेकिन जब हो रहा है, यह सब आप देख रहे हैं कि जिस तरीके से रैली में या फिर जनसंपर्क में माताओं-बहनों का आशीर्वाद मिल रहा है, यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है. लगता है कि जीवन का बेस्ट डिसीजन था."
क्या प्रधानमंद्री मोदी से मुलाकात के दौरान चुनाव लड़ने को लेकर कोई चर्चा हुई थी? इस पर वे कहती हैं, पीएम ने युवाओं को फ्रंट लाइन पर आकर काम करने का आह्वान किया था. मैथिली ने कहा कि जब उन्हें अवसर मिला तो उन्हें लगा कि वह अपनी 'मन की बात' सामने रख पा रही हैं.
"अलीनगर को आदर्श नगर बनाना है"
द क्विंट से बातचीत में मैथिली ने अलीनगर के लिए अपना विजन भी बताया. अलीनगर में पानी जमा होने और छठ घाट की मांग जैसी स्थानीय समस्याओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जो-जो चीजें उनके संज्ञान में आती जा रही हैं, वह सब नोट कर रही हैं और उन्हें इस बात की खुशी है कि वह अब इन चीजों को बदलने में सक्षम हैं.
"अलीनगर का सिर्फ एक ही मेरा विजन है. आने वाले समय में अलीनगर को आदर्श नगर बनाना है. लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुख-सुविधाएं मुहैया करवानी है."
मैथिली ठाकुर से जब अलीनगर का नाम बदलने की कथित कॉन्ट्रोवर्सी पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि वह इस तरह की कॉन्ट्रोवर्सी से दूर हैं. उन्होंने कहा कि यह लोगों का मानना है और लोग चाहते हैं कि यह काम हो. उन्होंने कहा कि "अगर मैं काम कर पाई तो मेरे पास ये ऑप्शन है."
नाम बदलने की कॉन्ट्रोवर्सी
मैथिली ठाकुर से उनके एक वीडियो के बारे में भी पूछा गया, जिसमें वह अली को लेकर गाना गा रही हैं ('दमादम मस्त कलंदर, अली दा पैला नंबर'), जबकि अली नगर में आकर वह नाम बदलने की बात कर रही हैं. इस पर उन्होंने जवाब दिया कि "कलाकार ऐसा होता है कि जो ऑडियंस डिमांड करती है, उनको वह गाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि 'दमादम मस्त कलंद' उन्होंने बचपन में बहुत गाया है और अभी भी गाती हैं."
इसके अलावा, बिहार में पलायन और बेरोजगारी के मुद्दे पर मैथिली ठाकुर ने कहा कि उनका परिवार 'इनडायरेक्टली अफेक्टेड जनरेशन' है.
संगठन और पार्टी के कार्यकर्ताओं को दरकिनार करके उन्हें टिकट दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, "संगठन का आदेश सब लोगों के लिए सर्वोपरि है. यह मुझे संगठन के परिवार में सम्मिलित होने के बाद महसूस हुआ कि संगठन कितना मजबूत है." उन्होंने आगे कहा कि वह उस परिवार की हिस्सा बन चुकी हैं, इसलिए उन पर अब जिम्मेदारियां हैं.