"साल 2023 में सॉफ्टवेयर में कुछ दिक्कत आई थी, तभी अपडेशन हुआ था. उसी के बाद मतदाताओं की ओरिजनल फोटो की जगह ब्राजीलियन मॉडल की फोटो अपडेट हुई."
ये कहना है हरियाणा के सोनीपत में ईआरओ (इलेक्ट्रोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर) मनीष कुमार का. हाल ही में राहुल गांधी ने वोट चोरी का आरोप लगाते हुए वोटर लिस्ट में 22 जगहों पर ब्राजीलियन मॉडल की फोटो के इस्तेमाल का मुद्दा उठाया था. ये सभी 22 एपिक नंबर हरियाणा के सोनीपत जिले के मतदाताओं के हैं. द क्विंट ने पता लगाया कि जिन 22 एपिक नंबर्स पर ब्राजीलियन मॉडल की फोटो लगी थी वो लोग कौन हैं? फोटो बदले जाने के बाद भी उन्होंने लोकसभा और विधानसभा में कैसे वोट किया? चुनाव से जुड़े अधिकारी क्यों कह रहे हैं कि साल 2023 में ही ये सभी 22 फोटो अपडेट हुए?
"2023 से पहले फोटो में नहीं थी गड़बड़ी"
सोनीपत में 22 महिला मतदाताओं की फोटो बदले जाने पर द क्विंट ने ईआरओ मनीष कुमार से बात की. उन्होंने बताया, सभी 22 के 22 ओरिजनल वोटर हैं. हमने उनके पुराने एपिक (साल 2023 से पहले के) निकलवाए हैं. उनपर उनके ओरिजनल फोटो हैं.
"साल 2023 में सॉफ्टवेयर में कोई अपडेटशन हुआ था उसमें कोई ग्लिच हुआ था उसके बाद वह सारे फोटोग्राफ अपडेट हुए थे. साल 2024 के लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव में फोटो को लेकर कोई शिकायत नहीं आई थी. अब हमारे नॉलेज में है तो उसे ठीक करवाएंगे."
"गलत फोटो के बाद भी कर सकते हैं वोट"
गलत फोटो के बाद भी 22 में से कई मतदाताओं ने वोट किए. इसपर ईआरओ मनीष कुमार ने कहा, ये तो नहीं बता सकते हैं कि किसने वोट किया और किसने नहीं. लेकिन अगर फोटो बदली है तब भी वोट कर सकते हैं. अपने एपिक दिखाकर या इलेक्शन कमीशन ने जो डॉक्यूमेंट तय किए हैं. वह दिखाकर वेरिफिकेशन कराकर आसानी से वोट कर सकते हैं.
ईआरओ मनीष कुमार के जवाबों से ही कुछ सवाल उठते हैं. चुनाव आयोग वोटर वेरिफिकेशन के लिए हर साल स्पेशल समरी रिवीजन करता है. साल 2023 के एक साल बाद लोकसभा और फिर विधानसभा का चुनाव हुआ, लेकिन दोनों चुनावों में चुनाव आयोग मतदाता सूची में ब्राजीलियन मॉडल की फोटो आईडेंटिफाई नहीं कर सका. ब्राजीलियन मॉडल की फोटो के अलावा डुब्लीकेट वोटर का मामला भी सामने आया.
शादी के 24 साल बाद भी क्यों नहीं कटा वोटर लिस्ट से नाम?
सोनीपत के बूथ संख्या 138 अकबरपुर बारोटा गांव में बीएलओ हरीश कुमार ने बताया, उनके गांव की 5 महिलाओं बिमला, सरोज, पूनम, कलावन्ती और अंजू के एपिक नंबर में ब्राजीलियन मॉडल की फोटो है. इन 5 में से सरोज भिवाड़ी में रहती हैं. वह वहीं की वोटर हैं.
सरोज की मां कलावती ने बताया,
"साल 2001 में ही मेरी बेटी की शादी हो गई थी. शादी के बाद वह भिवाड़ी चली गई. अब वह भिवाड़ी की मतदाता है. वहीं पर वोट डालती है. साल 2024 में सरोज ने यहां (सोनीपत) वोट नहीं डाला था."
अकबरपुर बारोटा गांव की ही अंजू भी हैं. बीएलओ हरीश कुमार ने बताया कि उन्होंने अंजू के परिवार से बात की तब पता चला कि उन्होंने लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वोट नहीं किया था. वह गांव में नहीं रहती. सोनीपत के पटेल नगर में शिफ्ट हो गई हैं.
दो चुनाव बीत गए, मुनीश देवी को पता ही नहीं कि उनकी जगह मॉडल की फोटो
एक अन्य मतदाता मुनीश देवी साल 2004 में बने वोटर लिस्ट के जरिए ही वोट डालती आ रही हैं. मुनीश देवी के देवर सुनील कुमार ने बताया, मुनीष देवी सहित पूरे परिवार ने साल 2024 में मतदान किया था. हमें तो किसी ने बताया तक नहीं कि फोटो में कुछ बदलाव हुआ है. मतदान करते वक्त भी किसी ने नहीं बताया कि गलत फोटो लगी है. करीब 20 साल पहले वोटर कार्ड बना था. तभी से वोट डाल रहे हैं.
मुनीश देवी के वोटर आईडी पर साल 2004 के हिसाब से उम्र का जिक्र किया गया है. इनका वोटर कार्ड साल 2004 में बना था. तब से मुनीश देवी इसी वोटर कार्ड के जरिए वोट डालती आ रही हैं. फोटो बदले जाने के बाद भी मुनीश देवी को पता नहीं था कि वोटर लिस्ट में उनकी फोटो बदली गई है. वह बड़े आराम से अपने वोटर कार्ड से वोट डालती आ रही हैं.
3 साल पहले मौत, फिर भी वोटर लिस्ट में नाम
ब्राजीलियन मॉडल की फोटो से जुड़ा एक अन्य मामला गुनिया का है. उनके नाम के साथ भी ब्राजीलियन मॉडल की फोटो है. उनके ससुर जगबीर ने बताया, गुनिया की साल 2022 में मौत हो चुकी है. लेकिन चुनाव आयोग की मतदाता सूची के मुताबिक, सोनीपत के मुरथल गांव में गुनिया अभी भी वोटर हैं. वोटर लिस्ट में गुनिया की उम्र 35 साल बताई गई है.
राहुल गांधी ने दावा किया था कि 22 एपिक नंबर्स के साथ एक ही ब्राजीलियन मॉडल की फोटो है. पड़ताल करने पर पता चला कि जिन महिला मतदाताओं के नाम के साथ ब्राजीलियन मॉडल की फोटो है उनमें से अधिकतर को तो पता ही नहीं है कि उनकी फोटो बदली है. इसके बावजूद उन्होंने लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वोट किया. ऐसे में सवाल उठता है कि हर साल जो चुनाव आयोग SSR के बाद वोटर लिस्ट जारी करता है उसकी कितनी प्रामाणिकता मानी जाए? किसने वोट किया और किसने नहीं, इससे बड़ा सवाल है कि हरियाणा में दो बड़े चुनाव होने के बाद भी इन बड़ी गलतियों को चुनाव आयोग क्यों नहीं पकड़ पाया?
