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दलित की पीटकर हत्या: सिर्फ अफवाह वजह या डंडे लिए 'भीड़' पर कानूनी शिकंजे की कमी?

रायबरेली पुलिस ने अब तक 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि वारदात में शामिल 10-15 अन्य को चिन्हित किया है.

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"भीड़ ने मेरे बेटे को पीटकर मार डाला. आज मेरे साथ हुआ है कल किसी और के साथ होगा. मुझे न्याय चाहिए"

ये बोलते-बोलते गंगादीन रो पड़ते हैं. उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हरिओम नाम के शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. मामला 1 और 2 अक्टूबर की दरमियानी रात ऊंचाहार क्षेत्र का है. रायबरेली पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह ने बताया, हरिओम वाल्मीकि नाम के व्यक्ति को संदिग्ध चोर समझकर यमुनापुर गांव में मारपीट हुई थी. लाठी-डंडों और बेल्ट से मारा गया था.

व्यक्ति मानसिक रूप से थोड़ा कमजोर था, वह अपनी बात एक्सप्लेन नहीं कर पाया, जिससे वहां के लोगों को लगा कि वह चोरी करने के उद्देश्य से आया है.
यशवीर सिंह, एसपी

पुलिस ने इस मामले में अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि 10-15 अन्य को चिन्हित किया है.

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ससुराल जा रहे थे, रेलवे ट्रैक के पास शव मिला

मृतक हरिओम फतेहपुर जिले के तरावती का पुरवा के रहने वाले थे. पुलिस की ओर से जारी बयान के मुताबिक, 2 अक्तूबर को उनका शव ईश्वरदासपुर हाल्ट के पास रेलवे ट्रैक से करीब 20 फीट की दूरी पर मिला था.

उनके पिता गंगादीन (85) ने द क्विंट को बताया कि हरिओम ऊंचाहार NTPC नई बस्ती स्थित अपने ससुराल जा रहे थे. शाम को वो घर से निकले थे.

"रोड से पकड़कर और चोर बताकर मेरे बच्चे को मारा गया है. मेरे दिल पर क्या बीत रही है, मैं क्या ही बताऊं," ये कहत हुए गंगादीन फफककर रो पड़ते हैं.

मृतक हरिओम की पत्नी पिंकी ने कहा, "कुछ लोगों ने बताया कि वे (हरिओम) अपने भाई के साथ भंडारा खाने गए थे. वहां उनके भाई ने उन्हें छोड़ा और वे इधर (अपने ससुराल) की ओर चल दिए. तभी मैं भी जान पाई कि वे मेरे पास आ रहे थे."

द क्विंट से बात करते हुए रायबरेली एडिशन एसपी संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि हरिओम फतेहपुर से पैदल ही आ रहे थे. देर रात होने की वजह से गांव के लोगों ने संदिग्ध मानते हुए उन्हें पकड़ लिया और उनके साथ मारपीट की.

'ड्रोन चोर' की अफवाह और भीड़ का कहर

यूपी के कई जिलों में पिछले कुछ महीनों से ड्रोन से रेकी और चोरी की अफवाह चल रही है. कुछ जगहों पर मारपीट की घटनाएं भी सामने आई है. द क्विंट से बातचीत में रायबरेली के एक स्थानीय पत्रकार बताते हैं कि 'ड्रोन चोर' की अफवाह की शुरुआत पश्चिमी उत्तर प्रदेश से शुरू हुई थी, जो धीरे-धीरे रायबरेली तक फैल गई. वे कहते हैं,

"जिले के लगभग सभी गांवों में ड्रोन चोरी की चर्चा थी. ऊंचाहार में भी ऐसी ही स्थिति थी. शाम को जब ड्रोन आने की बात फैलती तो लोग लाठी-डंडे लेकर घरों से बाहर निकल आते. इस बीच चोरी की घटनाएं भी हुई, जिससे इस अफवाह को बल मिला."

एक अन्य स्थानीय पत्रकार रमेश शुक्ला कहते हैं, "ड्रोन उड़ते हुए कई लोगों ने देखा है. मैंने भी देखा है. ड्रोन के अलावा इधर चोरियां भी बहुत हुई हैं. अगस्त-सितंबर में पूरे क्षेत्र में करीब 20 चोरियां हुई हैं. अफवाह ये उड़ी कि पहले ड्रोन से रेकी करते हैं और फिर चोरी करते हैं."

1-2 अक्टूबर को हुई घटना के बारे में स्थानीय पत्रकार बताते हैं, "जिस दिन हरिओम के साथ मारपीट हुई थी, उस दिन भी एक अफवाह फैली थी कि इलाके में पिकअप से चार लोग आए हैं. हालांकि, ऐसा कुछ नहीं था. लेकिन इस अफवाह की वजह से लोग सतर्क थे. उसी दौरान रात में हरिओम पैदल सड़क से जा रहा था. जिसे लोगों ने पकड़ लिया."

"मैं वीडियो देखता हूं तो मेरी रूह कांप जाती है"

हरिओम के साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. जिसमें कुछ लोग बेरहमी से उसकी पिटाई करते दिख रहे हैं. ग्रामीण, हरिओम को चोर समझकर उससे अन्य लोगों के बार में भी पूछ रहे हैं. वीडियो में लोग कह रहे हैं, "100 पर्सेंट चोर है."

गंगादीन कहते हैं, "मैं वीडियो देखता हूं तो मेरी रूह कांप जाती है."

वायरल वीडियो में हरिओम राहुल गांधी का नाम लेते हैं, जिसपर उनके साथ मारपीट कर रहे लोग कहते हैं, "यहां सब बाबा वाले हैं."

कांग्रेस ने इसे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी पोस्ट शेयर किया है. पोस्ट में लिखा, "वीडियो में दलित युवक आखिरी उम्मीद के तौर पर जब नेता विपक्ष राहुल गांधी का नाम लेता है. हत्यारे तब भी नहीं रुकते और उल्टा कहते हैं कि- 'हम ‘बाबा’ वाले हैं'. ये घटना बताती है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों को खुली छूट दे रखी है."

गंगादीन कहते हैं, "मेरे बेटे ने अपनी जान बचाने के लिए राहुल जी का नाम लिया होगा. ताकि लोग उसे छोड़ दे. राहुल गांधी यहां के सांसद हैं. यहां उनका शासन है." वे आगे कहते हैं, "हमें यही दुख है कि इस तरह तो जेल के अंदर मुजरिम के साथ भी नहीं होता है."

इस मामले को लेकर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने ज्वाइंट स्टेटमेंट में कहा, "जो रायबरेली में हुआ, वह इस देश के संविधान के प्रति घोर अपराध है. दलित समुदाय के प्रति अपराध है और हम देश व समाज पर कलंक है."

इससे पहले राहुल गांधी ने मृतक हरिओम के पिता और भाई से फोन पर बात की थी. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी.

"हत्या का मामला दर्ज, 9 आरोपी गिरफ्तार"

मामला सामने आने के बाद पुलिस ने 2 अक्टूबर को बीएनएस की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया था. FIR में हरिओम के पिता ने कहा, "मेरे बेटे को कुछ गांव के लोगों द्वारा संदेह के आधार पर मारा-पीटा गया है. जिससे उसके शरीर पर चोट के निशान हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि मार-पीट की चोट से उसकी मौत हुई है."

पुलिस ने इस मामले में हत्या की धारा जोड़ दी है. एडिशनल एसपी ने बताया कि "मृतक के पिता द्वारा शव की शिनाख्तगी और मारपीट का वीडियो सामने आने के बाद बीएनएस की धारा 103 (हत्या) में मामले की विवेचना कर दी गई है."

क्या मामले में एससी/एसटी एक्ट और मॉब लिंचिंग की धारा लगाई गई है? इसपर एडिशन एसपी ने कहा, "लीगल टीम जिन-जिन धाराओं को कहेगी, उसके आधार पर हम आगे कार्रवाई करेंगे. इसमें हम लोग निष्पक्ष और पारदर्शी हैं. जैसे-जैसे तथ्य मिलती जा रही है, उसके हिसाब से कार्रवाई की जा रही है.

गंगादीन ने कहा, "मैं किसी पर आरोप नहीं लगा रहा हूं. वीडियो में साफ-साफ दिख रहा है कि कैसे मेरे बच्चे को मारा गया है. वीडियो में तो कई लोग दिख रहे हैं, लेकिन मैं उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा हूं, जिन्होंने मेरे बच्चे को मारा है."

पिंकी रोते हुए कहती हैं, "जिस तरीके से लोगों ने मेरे पति को चोर समझकर पीटा है. मारते-मारते उन्हें मार डाला है. मैं बस इंसाफ चाहती हूं और मैं कुछ नहीं कहना चाहती."

सोमवार, 6 सितंबर को मृतक हरिओम के परिवार ने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की थी. पिंकी कहती हैं, "अधिकारियों से मैं बस इंसाफ की गुहार लगाकर आई हूं. मुझे बस इंसाफ चाहिए."

हरिओम और पिंकी की 12 साल की एक बेटी भी है.

पुलिस पर भी उठे सवाल

इस मामले में पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं. मृतक के परिवार और स्थानीय लोगों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है. एक ढाबा मालिक और उनके बेटे ने मीडिया से बातचीत में दावा किया है कि पुलिस को फोन किया गया था, लेकिन करीब आधे घंटे तक इंतजार करने के बाद भी पुलिस नहीं आई.

दरअसल, ऊंचाहार से 10 किलोमीटर पहले रात साढ़े 9 से 10 बजे के बीच गदागंज थाना क्षेत्र के गोविंदपुर माधो गांव में भी 40-50 लोगों ने हरिओम को संदिग्ध चोर मानते हुए पकड़कर ढाबे पर बैठा रखा था. जिसकी सूचना पर ढाबा मालिक दिनेश कुमार और उनके बेटे श्यामू मौके पर पहुंचे थे.

श्यामू कहते हैं,

"मैंने अपने नंबर से 112 पर कॉल किया. 112 की PRV (Police Response Vehicles) 1770 आती है. दीवान गाड़ी में बैठे रहते हैं और उसको (हरिओम) अपने पास बुलाकर पूछताछ करते हैं. वो आदमी मानसिक रूप से कमजोर लग रहा था. PRV के जवान उसे अपने साथ ले जाने के लिए भी कहते हैं, लेकिन दीवान कहते हैं कि उसे जहां जाना होगा वो चला जाएगा."

साथ ही वे कहते हैं कि अगर पुलिसवाले हरिओम को अपने साथ ले जाते या उसके परिवार को सूचित करते तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती.

दिनेश कुमार का भी कहना है कि इसमें पुलिस की लापरवाही है.

गंगादीन कहते हैं कि इस देश में सभी की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की है, "अगर वो कानून के पास पहुंच गया था तो उसे बचाना चाहिए था. पुलिसवालों के पास बयान देने के बाद, उसे बचाया जाना चाहिए था."

गदागंज थाना प्रभारी दयानंद तिवारी ने बताया कि इस मामले में PRV के सिपाहियों को सस्पेंड किया गया है.

मामले में जवाबदेही तय करते हुए अब तक दो उपनिरीक्षक सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है.

"कोई जाति एंगल नहीं"

पुलिस ने इस मामले किसी भी तरह की जाति के एंगल को खारिज किया है. एसपी ने कहा, "कुछ लोग मामले को जातिगत रंग देने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस की तरफ से मैं इतना बताना चाहूंगा कि मृतक को गांव के लोग न जानते थे, न पहचानते थे और न ही उसकी जाति जानते थे. हत्या में सभी जाति के लोग शामिल थे, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वहीं अन्य आरोपियों की तलाश जारी है, जिनकी जल्द गिरफ्तारी होगी. सभी आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी."

एसपी ने बताया कि मामले में गैंगस्टर एक्ट और एनएसए के तहत भी कार्रवाई की जाएगी.

गंगादीन ने दोषियों के खिलाफ बुलडोजर एक्शन की मांग की है. उन्होंने कहा, "मैंने यही मांग रखी है कि दोषियों के खिलाफ शख्स से शख्त कार्रवाई हो और उनके घरों पर बुलडोजर चले. योगी आदित्यनाथ जी हमारे नेता हैं. हम गरीबों के रखवाले हैं. कम से कम वो तो ये देखें कि हम गरीबों के साथ क्या हो रहा है."

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रायबरेली में ड्रोन मालिकों को नोटिस जारी

ड्रोन से रेकी और चोरी के अफवाहों पर पुलिस क्या कर रही है? इसपर एडिशनल एसपी ने बताया कि ड्रोन मालिकों को नोटिस जारी किया गया है. इसके साथ ही ड्रोन्स का रजिस्ट्रेशन करवाया जा रहा है, जिससे कि उनपर नजर रखी जा सके.

उन्होंने कहा, "हमारे यहां तीन-चार दिन से ड्रोन से संबंधित खबरें बिल्कुल बंद है. हमने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे फ्लिपकार्ट, अमेजन से रायबरेली जिले में कितने ड्रोन की डिलीवरी हुई है, इसका डाटा मंगाया था. हमें 150 से ज्यादा ड्रोन की जानकारी मिली थी. हम लोगों ने 90 ड्रोन को चिह्नित किया था. इन ड्रोन मालिकों को थाने पर बुलाकर नोटिस जारी किया गया है. और जिन्होंने दुरुपयोग किया उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है."

इसके साथ ही उन्होंने बताया,

"अधिकांश ड्रोन ऐसे देखे गए, जिसमें कैमरा नहीं बल्कि ब्लिंक करने वाली लाइट लगी थी. जो अफवाह फैलाने का काम कर रही थी. कई मामलों में ये बात सामने आई है कि चोरी की अफवाह से लोग डरेंगे. दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज गया है."

ड्रोन से रेकी और चोरी की अफवाहों पर रोक लगाने के लिए अगस्त में मुख्यमंत्री योगी ने प्रमुख सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक (DGP) के साथ उच्चस्तरीय बैठक की थी. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया था कि ड्रोन के जरिए दहशत या अफवाह फैलाने की कोशिश करने वालों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) भी लगाया जा सकता है. साथ ही सीएम ने प्रदेश में ड्रोन मॉनीटरिंग सिस्टम को और मजबूत करने के निर्देश दिए थे.

हाल ही बलरामपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा, "ड्रोन और चोरी के नाम पर जो भी भय और दहशत पैदा करने की कोशिश करेगा, उन लोगों की संपत्ति जब्त करने के भी आदेश दिए जा चुके हैं."

(इनपुट- रायबरेली से पंकज कुमार)

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