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'गौरक्षा के नाम पर वसूली-फिरौती फिर हत्या', भाई बोला-पुलिस ने हल्की धाराएं लगाईं

हमलावरों ने शेरू और मोहसिन को वैन से बाहर खींचकर बिना सुने 'गाय काटने' का आरोप लगाकर पीटना शुरू कर दिया.

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"हमारा भाई निर्दोष था. उसने सिर्फ कानूनी तरीके से पालतू जानवर खरीदे थे, फिर भी गौरक्षकों ने झूठे आरोप लगाकर उसे पीट-पीटकर मार डाला."

ये कहना है मंजूर पेमला का, जिसके भाई शेरू सुसाडिया को गौ-तस्करी का आरोप लगाकर भीलवाड़ा में मार डाला गया. शेरू मध्य प्रदेश के मंदसौर के रहने वाले थे. भाई मंजूर पेमला ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है. आरोप है कि गौ-तस्करी के शक में गौरक्षकों की भीड़ ने शेरू को बेरहमी से पीटा, जिसके बाद 19 सितंबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

मंजूर पेमला ने द क्विंट से कहा,

"हमें पूरा यकीन है कि धर्म के नाम पर ही हमला किया गया, जबकि शेरू ने कोई गलत काम नहीं किया था. वह तो कानूनी तरीके से पालतू जानवर खरीदकर ला रहा था, लेकिन उस रात उसे बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला गया. अब हम सिर्फ इंसाफ चाहते हैं."
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"14-15 हमलावरों ने मिलकर बुरी तरह से पीटा था"

भीलवाड़ा के बनेड़ा थाना में दर्ज एफआईआर के अनुसार, शेरू सुसाडिया और उनके चचेरे भाई मोहसिन डोल 16-17 सितंबर की दरमियानी रात लाम्बिया रायला पशु मेले से बैल लेकर मंदसौर लौट रहे थे. रात लगभग 3:00 बजे, जब वे रायला टोल पार कर भीलवाड़ा की ओर बढ़ रहे थे, तभी पीछे से एक कार उनके पीछे आ गई. शेरू ने गाड़ी को मोड़ने की कोशिश की, लेकिन कार ने ओवरटेक करके उनके सामने रुककर उन्हें रोक दिया.

एफआईआर के अनुसार, इसके बाद मोटरसाइकिल सवार कई लोग और आ गए. करीब 14–15 हमलावरों ने शेरू और मोहसिन को घेरकर वैन से बाहर खींच लिया और बिना कुछ सुने पीटना शुरू कर दिया. आरोपियों ने शेरू पर 'गाय काटने' का आरोप लगाया. शेरू ने समझाने की कोशिश की कि बैल कानूनी तरीके से खरीदे गए हैं, लेकिन गौरक्षकों ने उसकी बात मानने से इनकार कर दिया.

शेरू का साथी रातभर जंगल में छिपा रहा

मोहसिन ने किसी तरह अपनी जान बचाकर जंगल में शरण ली, जबकि हमलावर शेरू को पीटते रहे. द क्विंट से बातचीत में मोहसिन ने कहा, "हमलावरों ने हमारे मवेशी खरीद की रसीदें भी छीन लीं और मारते समय लगातार 'गौ-तस्कर’ चिल्लाते रहे. मैं किसी तरह भाग निकला, लेकिन शेरू को बेरहमी से पीटते रहे. रातभर मुझे मदद नहीं मिली, इसलिए जंगल में ही छिपा रहा."

मोहसिन आगे कहते हैं,

"हम सिर्फ बैल खेतों के लिए लेकर जा रहे थे, लेकिन गौरक्षकों ने धर्म के नाम पर गालियां देकर हमें मार-पीट कर जंगल में फेंक दिया."

'गौरक्षकों' ने 36 हजार रु छीन लिए, फिर 50 हजार की फिरौती भी मांगी 

एफआईआर के मुताबिक, मारपीट के दौरान आरोपियों ने शेरू के पास रखे 36 हजार रुपए भी छीन लिए. इसके बाद, कुणाल नामक आरोपी ने शेरू के फोन से कॉल कर 50 हजार रुपए फिरौती मांगी और धमकी दी कि पैसा नहीं दिया तो शेरू को जान से मार देंगे. इसके बाद शेरू का फोन बंद कर दिया गया.

मंजूर पेमला ने द क्विंट से कहा, "रात करीब 3:30 बजे मुझे फोन आया था. आरोपियों ने पहले शेरू से बात करवाई. शेरू ने बताया कि उसे गौरक्षकों ने पकड़ लिया है. उसके बाद आरोपियों ने फोन छीनकर मुझसे फिरौती मांगी और धमकी दी कि अगर पैसे नहीं दिए तो शेरू को जान से मार देंगे.

गंभीर चोट और मौत

सिर में गंभीर चोट लगने के कारण शेरू को पहले भीलवाड़ा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, और बाद में जयपुर के एसएमएस अस्पताल रेफर किया गय. गंभीर हालत में शेरू ने 19 सितंबर को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

द क्विंट को मिले भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल के रेफरल दस्तावेज बताते हैं कि शेरू को सिर में गंभीर चोट लगने के कारण न्यूरोसर्जरी के लिए जयपुर के सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज (एसएमएस) अस्पताल भेजा गया था.

द क्विंट को प्राप्त कुछ तस्वीरों में भी शेरू के शरीर पर मारपीट के गंभीर निशान स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं.

5 आरोपी गिरफ्तार 

एफआईआर के अनुसार, चार आरोपियों के खिलाफ  भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इनमें शामिल हैं-

  • 189(2) (गैरकानूनी जमावड़ा)

  • 308(2) (जबरन वसूली)

  • 115(2) (चोट पहुंचाना)

  • 126(2) (गलत तरीके से रोकना)

  • 109(1) (हत्या का प्रयास)

भीलवाड़ा पुलिस ने अब पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें हिमांशु शर्मा, धर्मराज कुमावत, दीपक कुमावत, राहुल लोहार और दुर्गेश बैरवा शामिल हैं. हालांकि, एफआईआर में नामजद चार आरोपी देवा गुर्जर, कुणाल मालपुरा, प्रदीप राजपुरोहित और नितेश सैनी की पुलिस गिरफ्तारी नहीं कर पाई है. उनकी तलाश जारी है.

भीलवाड़ा एसपी धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि एक एसआईटी का गठन किया गया है और सीसीटीवी फुटेज, डिजिटल और अन्य साक्ष्यों के आधार पर जांच जारी है. एसआईटी घटना के सभी संभावित कारणों जैसे व्यक्तिगत विवाद, जबरन वसूली या सड़क पर किसी भी तरह की बहस की भी जांच करेगी.

उन्होंने आगे यह भी बताया कि पोस्टमार्टम किया गया है, लेकिन मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं है. विभिन्न फोरेंसिक जांच की गई हैं और रिपोर्ट का इंतजार है.

मंजूर पेमला ने कहा कि पुलिस अभी तक प्राथमिकी में दर्ज आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. उन्होंने बताया, "मोहसिन उनमें से कुछ लोगों को जानता था क्योंकि उसने उन्हें सोशल मीडिया पर वीडियो में देखा था. ये लोग मवेशी ले जाने वाले लोगों को परेशान करते रहते हैं, लेकिन पुलिस अभी तक किसी को नहीं पकड़ पाई है."

मंजूर ने द क्विंट से आगे कहा, "हमलावरों ने गाड़ी रोककर शेरू को जंगल में ले जाकर पीट-पीट कर मार डाला. लेकिन एफआईआर में मॉब लिंचिंग की धाराएं नहीं लगाई गई हैं. हमने पुलिस से कहा है कि इसे शामिल किया जाए. मेरा भाई निर्दोष था. अब शेरू के परिवार में उसकी पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं, जिनमें छह महीने का बेटा और ढाई साल की बेटी शामिल हैं. उसे इंसाफ मिलना चाहिए."

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