"FIITJEE ने धोखा दिया. 5 महीने से शिक्षकों की कमी थी. लेकिन संस्थान झूठा भरोसा दिलाता रहा. मैंने अपने बेटे के लिए 3 लाख 33 हजार रुपए की फीस भरी थी, लेकिन 15 जनवरी को संस्थान के कुछ शिक्षकों ने अभिभावको को बुलाकर कहा कि यह कोचिंग अब बंद हो रहा. आप लोग अब दूसरे कोचिंग संस्थान में दाखिला ले लें."
ये कहना है पटना के रहने वाले संजय सिन्हा का. उन्होंने अपने बेटे रमन का एडमिशन FIITJEE में कराया था. लेकिन अब फिटजी का पटना सेंटर बंद है. कुछ दिनों बाद ही नोएडा, भोपाल, गाजियाबाद, दिल्ली के सेंटर भी बंद कर दिए गए. कई जगहों पर परिजनों ने एफआईआर दर्ज कराई. फिटजी ने प्रेस नोट जारी कर बताया, किसी भी सेंटर को बंद नहीं किया गया है. कुछ सेंटर के प्रबंधक, पूरी टीम के साथ अचानक रातोंरात भाग गए हैं. संस्थान में वर्तमान उथल-पुथल अस्थायी है. कंपनी के अधिकारी उचित समय के भीतर सभी जगहों पर संचालन फिर से शुरू करने के लिए काम कर रहे हैं. द क्विंट ने तमाम सेंटर्स से अभिभावकों, टीचर्स और बच्चों से बात कर उनकी स्थिति पर बात की.
सभी सेंटर पर दिखा एक ही पैटर्न, एडवांस में लाखों की फीस, फिर ताला
FIITJEE जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम यानी IIT-JEE एग्जाम की तैयारी कराने के लिए जाना जाता है. लेकिन करीब 8 महीने पहले इंदौर के सेंटर को अचानक से बंद कर दिया गया. वहां FIR भी दर्ज हुई. उसके बाद अब प्रयागराज, गाजियाबाद, दिल्ली, वाराणसी, पुणे, भोपाल, थाणे और पटना के सेंटर को बंद करने की शिकायत आ रही है. बच्चे और अभिभावक परेशान है.
नोएडा के रहने वाले आलोक यादव ने भी अपने बटे का एडमिशन फिटजी में कराया था. उन्होंने बताया साल 2023 में 4 साल के कोर्स के लिए एडमिशन कराया. एडवांस में लाख रुपए फीस दी. अब अगले महीने बेटे की 10वीं बोर्ड की परीक्षा है, लेकिन कोचिंग सेंटर के अचानक बंद होने से उसके भविष्य को लेकर चिंता बढ़ गई है.
इसी तरह प्रतीक राजवंसी अपने बच्चे के फ्यूचर को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहते हैं,
"मेरा बेटा 10वीं में है. पिछले साल फीटजी में उसका एडमिशन कराया था. हमने लगभग साढ़े 3 लाख रुपये फीस जमा की थी. सेंटर वाले पूरी फीस एडवांस में ही ले लेते हैं. अब सेंटर के बंद होने से हमें बहुत चिंता हो रही है क्योंकि मेरे बेटे का अभी 2 साल का कोर्स बाकी था"प्रतीक राजवंसी, अभिभावक
पटना के रहने वाले संजय सिन्हा वकील है. उन्होंने ही पटना में फिटजी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. उन्होंने बताया,
"लगातार शिक्षकों की कमी थी, लेकिन संस्थान झूठा वादा कर फीस लेता रहा. फिर एक दिन अचानक सभी परिजनों को बुलाकर कहा कि अब संस्थान बंद हो रहा है. आपलोग अपने बच्चों को दूसरे संस्थान में ले जाइए. हमने नामांकन के समय 3 लाख 33 हजार रूपये फीस दी. फिटजी ने अपने गुडविल और प्रचार माध्यम का प्रयोग करके छात्रों को अच्छी तैयारी का प्रलोभन देकर सभी का पैसा हड़प लिया."संजय सिन्हा, शिकायतकर्ता
मेरठ के रहने वाले अनुज चौहान की भी वैसी ही कहानी है. उन्होंने कहा कि बेटे के एडमिशन के लिए 6 लाख रुपए जमा किए. मुझे आश्वासन दिया गया था कि यह केंद्र बंद नहीं होगा, इसलिए हम फीस जमा करते रहे. हमने 6 लाख रुपये जमा किए, वहीं 71 हजार रुपये अभी भी बाकी हैं.
भोपाल सेंटर पर पढ़ रहे छात्र निलय दंडवते कि मां कहती हैं,
15 फरवरी से हमारे बच्चों का एग्जाम है लेकिन फिटजी ने बीच अधर में छोड़ दिया है, जिससे बच्चों को मानसिक स्तर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है. कुल 3 लाख 27 हजार रुपये फीस जमा कराई थी. 9 दिसंबर 2024 को भोपाल सेंटर के अचानक बंद होने से लगभग 700 छात्रों के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.ममता दंडवते , अभिभावक
22 जनवरी को भोपाल सेंटर हेड ने एक पत्र जारी किया. द क्विंट को कई परिजनों ने पत्र का स्क्रीन शॉट भेजा. जिसमें लिखा था कि फीस रिफंड करना उनके हाथ में नहीं है. अभिभावकों को अपनी रकम दिल्ली सेंटर से मांगनी होगी. यह पत्र एक सादे कागज पर लिखा गया है, जिसमें इसके पीछे का कारण लेटर हेड न होना बताया गया.
फिटजी पर 6 शहरों में 7 FIR दर्ज, लेकिन कोई ठोस एक्शन नहीं
फिटजी के सेंटर बंद होने पर परिजनों ने जगह-जगह एफआईआर दर्ज कराई. द क्विंट के पास सभी जगहों पर दर्ज एफआईआर की कॉपी है. भोपाल में 2, इंदौर में एक, ठाणे में एक, प्रयागराज में एक, नोएडा में एक, पटना में एक, मेरठ-पुणे और दिल्ली में शिकायतपत्र दर्ज है. लगभग सभी जगहों पर धोखाधड़ी, बेईमानी और विश्वासघात का केस हुआ है. हालांकि इस पूरे मामले पर अभी तक कोई ठोक एक्शन नहीं लिया गया है. नोएडा डीएसपी राम बदन सिंह ने कहा, अभिभावकों की शिकायत पर फीटजी चेयरमैन और सेंटर प्रभारी पर क्रिमिनल कंस्पायरेसी और आपराधिक विश्वासघात के तहत मुकदमा पंजीकृत कर अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है.
"ठाणे में 3.20 करोड़ रु फीस ली, फिर अचानक क्लासेस बंद"
ठाणे में परिजनों ने जो एफआईआर दर्ज कराई उसके मुताबिक, ठाणे सेंटर ने 80 छात्रों से 3.20 करोड़ रुपए फीस लिए और अचानक 5 दिसंबर से क्लासेस बंद कर दी गईं.
बता दें कि दिसंबर 2024 में फिटजी के चेयरमैन डीके गोयल का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें कथित तौर पर वे ऑनलाइन मीटिंग के दौरान ठाणे सेंटर के अपने एक कर्मचारी को गाली देते हुए देखे गए. उस समय ऐसा दावा किया गया था कि यह मीटिंग संस्थान के कर्मचारियों के वेतन भुगतान में हो रही देरी पर पर चर्चा करने के लिए हुई थी.
गाजियाबाद में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, सेंटर 11 जनवरी को अचानक से बंद कर दिया. यहां 800 से अधिक स्टूडेंट्स थे. यहां अभिभावकों की शिकायत पर शिक्षा विभाग की ओर से कोचिंग सेंटर पर FIR दर्ज कराई गई है. यहां बिना किसी रजिस्ट्रेशन के कोचिंग चलाने का भी आरोप लगाया गया.
नोएडा में 22 जनवरी को सेक्टर 58 में विशाल गुप्ता समेत कुल 140 परिजनों ने लिखित शिकायत दर्ज कराई. क्विंट हिंदी के पास मौजूद शिकायत पत्र के मुताबिक, 21 जनवरी को अचानक हमलोगों को पता चला कि सेक्टर 62 स्थित FEETJEE सेंटर बंद हो गया है और सभी अध्यापक और कर्मचारी गायब हो गए हैं. कुछ दिनों में हमारे बच्चों के एग्जाम होने वाले हैं. लेकिन फिटजी की तरफ से कोई जबाव नहीं दिया जा रहा है.
पुणे में दर्ज शिकायतपत्र के मुताबिक, जून 2024 में फिटजी ने पुणे और पिंपरी-चिंचवाड़ में अपना केंद्र अचानक बंद कर दिया. सेंटर के 300 से अधिक स्टूडेंट्स का लाखों रुपये की फीस का डूब गई.
इंदौर में फिटजी हेड ने बताया, हमें वेतन नहीं मिल रहा था
फिटजी का इंदौर सेंटर जून 2024 को बंद हुआ था, तब वहां करीब 50 परिजनों ने सामूहिक रूप से एफआईआर दर्ज कराई थी. तब इंदौर अर्बन थाने में दर्ज FIR के अनुसार, वहां के सेंटर हेड अतिल अरोरा ने 12 जून 2024 को बताया था,
"4 महीने से कर्मचारियों और अध्यापकों का वेतन फिटजी की मुख्य शाखा दिल्ली द्वारा नहीं दिया जा रहा है. इसके कारण, संस्था के अधिकांश अध्यापकों को वेतन नहीं मिला है, जिससे संस्था में शैक्षणिक गतिविधियां चलाना संभव नहीं हो पा रहा है. वेतन की मांग के बावजूद, दिल्ली की मुख्य संस्था (FIITJEE) द्वारा वेतन नहीं देने के कारण, अब अध्यापन कार्य को बंद करना पड़ रहा है."अतिल अरोरा, सेंटर हेड(इंदौर)
नाम न लिखने के शर्त पर दिल्ली फिटजी के एक पूर्व शिक्षक ने खुलासा किया कि
"पिछले एक साल से शिक्षकों को नियमित वेतन नहीं मिल रहा था, जिसके कारण मैंने कुछ दिन पहले आकाश इंस्टीट्यूट में नौकरी ज्वॉइन कर ली है. साथ ही, फिटजी के साउथ दिल्ली सेंटर को आकाश इंस्टीट्यूट के साथ मर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है."
पहले फिटजी ने साधी चुप्पी, फिर महीनों बाद जारी किया बयान
फिटजी के कई सेंटर जैसे इंदौर, प्रयागराज और पुणे 8 महीने पहले ही बंद हो गए थे. परिजन परेशान होते रहे. एफआईआर दर्ज हुई, लेकिन फिटजी की तरफ से कोई सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया गया. दिसंबर और जनवरी के महीने में अचानक कई सेंटर बंद हुए तब भी करीब 10 दिनों तक कोई बयान नहीं आया. फिर 25 जनवरी को फिटजी ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा,
फिटजी ने अपने किसी भी सेंटर को बंद नहीं किया है, बल्कि कुछ सेंटरों के प्रबंधक पूरी टीम के साथ अचानक रातोंरात भाग गए हैं. संस्थान में वर्तमान उथल-पुथल अस्थायी है. कंपनी के अधिकारी उचित समय के भीतर सभी जगहों पर संचालन फिर से शुरू करने के लिए काम कर रहे हैं.
फिटजी के खिलाफ दर्ज किए गए आपराधिक मामलों पर उनकी कानूनी टीम कार्रवाई कर रही है.
फिटजी का दावा है कि यह पूरा मामला एक साजिश है जो उनके प्रतिद्वंद्वियों द्वारा रची गई है.
प्रत्येक सेंटर के हेड इसके लिए जिम्मेदार हैं. दिल्ली स्थित कॉर्पोरेट कार्यालय केवल सेंटर हेड के सुझावों के अनुसार सहयोग करता है.
फिटजी ने बताया, मिसमैनेजेंट की वजह से वित्तीत स्थिति हुई खराब
फिटजी की तरफ से जारी नोट में बताया गया कि मैनेजिंग पार्टनर्स के मिसमैनेजमेंट की वजह से जनवरी 2024 में FIITJEE की वित्तीय स्थिति खराब हो गई. ग्रुप सीएफओ ने पूर्वानुमान लगाया कि 6 महीने बाद, कंपनी को चलाने में नकदी संकट का सामना करना पड़ सकता है.
"फरवरी 2024 में, कंपनी ने कोर ग्रुप के साथ-साथ सभी मैनेजिंग पार्टनर्स से पूछताछ की और उन्हें अतिरिक्त मैनपावर का अनुकूलन करने, कार्य संस्कृति में सुधार करने और स्थिति से उबरने की रणनीति के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए कहा, ताकि उनके संबंधित केंद्र बिना किसी नुकसान के काम करना शुरू कर सकें."
"यह रिकॉर्ड किए गए जूम मीटिंग और लिखित संचार के माध्यम से किया गया था. अधिकांश मैनेजिंग पार्टनर्स ने कोई कार्रवाई नहीं की. वास्तव में, इस स्थिति का भी कुछ मैनेजिंग पार्टनर्स ने अनुचित लाभ उठाने के लिए फायदा उठाया. उन्होंने उचित काम करने के बजाय, प्रवेश रोक दिए और नियमित प्रक्रियाओं को बाधित कर दिया. इससे वित्तीय संकट और बढ़ गया."
इस पूरे मामले में पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली है लेकिन कोई एक्शन होता नहीं दिख रहा. वहीं फिटजी ने जो बयान जारी किया उसमें कहीं पर भी फीस वापसी का जिक्र तक नहीं किया. सेंटर्स को दोबारा खोलने का आश्वासन दिया, लेकिन ये सेंटर्स कब तक खुलेंगे उसके बारे में बताने की जरूरत नहीं समझी.
ऐसे में बच्चों और परिजनों के सवाल जस के तस हैं. बच्चे कब तक इंतजार करें कि फिटजी का सेंटर खुलेगा और वह अपनी पढ़ाई जारी कर सकेंगे? किसी पिता ने जमीन बेचकर तो किसी ने लोन लेकर फीस जमा की थी. लेकिन अब भी उन्हें नहीं पता कि पुलिस-प्रशासन के पास जाने के बाद भी पैसे वापस मिलेंगे या नहीं. द क्विंट ने फीस वापसी या सेंटर्स को शुरू करने जैसे कुछ जरूरी सवालों को लेकर फिटजी को मेल भी किया है. रिप्लाई आने पर कॉपी को अपडेट किया जाएगा.