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"मेरे एक फेसबुक पोस्ट के कारण बीजेपी, आरएसएस और बजरंग दल से जुड़े कार्यकर्ताओं ने मेरे ऊपर जानलेवा हमला किया. मैं अपनी जान बचाने के लिए अपने समर्थकों को बुला रही थी और एएसपी व डीएम को फोन लगा रही थी. उस समय मॉब लिंचिंग जैसा माहौल बन गया था."
यह कहना है बिहार के दरभंगा नगर निगम की डिप्टी मेयर नाजिया हसन का. आरएसएस (RSS) पर एक विवादित सोशल मीडिया पोस्ट के बाद से वे लगातार बीजेपी और आरएसएस के निशाने पर हैं. पिछले करीब दो हफ्तों से बीजेपी और आरएसएस से जुड़े लोग विभिन्न माध्यमों से नाजिया का विरोध कर रहे हैं. एक पार्षद ने डिप्टी मेयर के खिलाफ देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने सहित बीएनएस की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराई है.
दरअसल, 31 मई की शाम कथित तौर पर बीजेपी जिला अध्यक्ष आदित्य नारायण मन्ना के नेतृत्व में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने नगर निगम स्थित डिप्टी मेयर के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान हंगामा हुआ, जिसके बाद नाजिया हसन ने टाउन थाने में एफआईआर दर्ज कराई. नाजिया हसन का आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने लाठी-डंडों और हथियारों से उनके कार्यालय पर हमला किया. इस घटना में उनके पीए देवेंद्र कुमार दास और मोहम्मद गुफरान गंभीर रूप से घायल हो गए.
इसी दौरान घटना की कुछ वीडियो वायरल हुईं, जिनमें कथित तौर पर आरएसएस और बीजेपी से जुड़े कुछ लोग डिप्टी मेयर के कार्यालय के गेट पर हंगामा करते दिख रहे हैं. वहीं कुछ लोग डंडों से तोड़फोड़ कर रहे हैं.
यह विवाद उनके 27 मई के फेसबुक पोस्ट से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने आरएसएस को टू-नेशन थ्योरी का समर्थक बताते हुए लिखा था, "हम हिंदू भाइयों से उतना ही स्नेह रखते हैं जितना मुस्लिम भाइयों से. हम पाकिस्तान से उतनी ही नफरत करते हैं जितनी आरएसएस से, क्योंकि दोनों टू-नेशन थ्योरी के समर्थक हैं."
इस पोस्ट के बाद प्रदर्शनकारियों ने उनके कार्यालय पर पुतला फूंका और घुसने की कोशिश की. दरवाजा बंद मिला तो गेट पर लात-घूंसे चलाए. नेम प्लेट और पर्दा उखाड़ दिया गया. डिप्टी मेयर ने आरोप लगाया कि हमले में बीजेपी जिला अध्यक्ष आदित्य नारायण मन्ना,वार्ड नंबर 11 और 12 के पार्षद, वार्ड नंबर 40 के पार्षद प्रतिनिधि, समेत अन्य सैकड़ों आरएसएस और बीजेपी के नेता शामिल थे.
डिप्टी मेयर के खिलाफ प्रदर्शन करते बीजेपी-आरएसएस कार्यकर्ता
फोटो: द क्विंट द्वारा प्राप्त
बीजेपी जिला अध्यक्ष आदित्य नारायण मन्ना ने डिप्टी मेयर नाजिया हसन के आरोपों को खारिज करते हुए कहा,
मन्ना ने यह भी कहा कि आरएसएस दो-राष्ट्र सिद्धांत का समर्थन नहीं करता, बल्कि एक देश, एक विधान, और एक संविधान की बात करता है.
वायरल वीडियो में डंडे लिए दिख रहे लोगों के बारे में मन्ना ने सफाई देते हुए कहा कि किसी के हाथ में डंडा नहीं था, बल्कि यह कार्यालय के गेट पर लगा पर्दा था जो हंगामे के दौरान टूट गया था.
अपनी सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर नाजिया ने कहा, "मैं कांग्रेस से जुड़ी हुई हूं, और मेरी विचारधारा बीजेपी व आरएसएस से अलग है. इसलिए मैं सोशल मीडिया पर अक्सर इनके खिलाफ लिखती हूं."
नाजिया ने अपनी विवादित पोस्ट पर सफाई देते हुए कहती हैं, "हम पाकिस्तान और आरएसएस दोनों से बराबर नफरत करते हैं, क्योंकि दोनों ने दो-राष्ट्र सिद्धांत का समर्थन किया. यही बात मैंने अपनी पोस्ट में लिखी थी. इस पर नाराज होकर ये लोग मेरे कार्यालय तक आ गए. मैंने उनसे कहा कि अगर मैंने कुछ गलत लिखा है, तो पुलिस में मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं."
फोटो: द क्विंट द्वारा प्राप्त
दरभंगा नगर निगम की डिप्टी मेयर नाजिया हसन ने नगर थाना में आवेदन देकर 24 नामजद और 100 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ गाली-गलौज, अभद्र व्यवहार और जान-माल की क्षति पहुंचाने का मामला दर्ज करवाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह हमला उनकी जान लेने और एक महिला जनप्रतिनिधि को डराने के साथ-साथ लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने का प्रयास था.
एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता की धारा 190, 191(2), 115(2), 126(2), 324(2), 132, 351(2), 352 सहित कुल आठ धाराएं लगाई गई हैं.
डिप्टी मेयर द्वारा दर्ज कराई गई FIR की कॉपी
1 जून को नगर थाना में दर्ज एफआईआर में बीजेपी जिलाध्यक्ष आदित्य नारायण झा मन्ना, पार्षद सोनी पूर्वे समेत 24 नामित और 100 अज्ञात लोगों के नाम शामिल हैं.
वार्ड 11 की पार्षद सोनी पूर्वे ने डिप्टी मेयर नाजिया हसन के खिलाफ नगर थाने में गंभीर आरोपों के साथ प्राथमिकी दर्ज कराई है. पार्षद ने आरोप लगाया है कि नाजिया हसन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और अपमानजनक पोस्ट किए हैं, जिससे समाज में सांप्रदायिक तनाव और राष्ट्र की सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है.
पार्षद के अनुसार, यह काम न सिर्फ एक संवैधानिक पद की गरिमा के खिलाफ है बल्कि देश के सामाजिक सौहार्द और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा है.
एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया है कि उपमहापौर राजनीतिक लाभ और सुर्खियों में बने रहने के लिए विवादित बयान देती हैं. साथ ही, यह आशंका भी जताई गई है कि नाजिया हसन विदेशी फंडिंग और राष्ट्रविरोधी संगठनों से संपर्क में हैं और दरभंगा में किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने की साजिश में शामिल हो सकती हैं. पार्षद ने उनके दो मोबाइल नंबर की जांच की मांग की है और यह भी दावा किया कि उनका संबंध कुख्यात आतंकवादी यासीन भटकल से हो सकता है.
सोनी पूर्वे द्वारा डिप्टी मेयर के खिलाफ दी गई शिकायत पत्र की कॉपी
दरभंगा पुलिस ने पार्षद सोनी पूर्वे की शिकायत पर डिप्टी मेयर नाजिया हसन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की निम्नलिखित गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है:
धारा 152: देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालना
धारा 196: धर्म, जाति आदि के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देना
धारा 299 व 302: धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना
मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी छोटू कुमार ने द क्विंट को बताया, "हमने शिकायत के आधार पर संबंधित कानूनी धाराएं लगाई हैं. फिलहाल मामले की गहन जांच चल रही है. आरोपों की सत्यता स्थापित होने के बाद ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी."
डिप्टी मेयर नाजिया हसन ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा, "मेरा भाई सीमा पर देश की सेवा कर रहा है, लेकिन यहां मुझे 'गद्दार', 'देशद्रोही' और 'पाकिस्तानी' जैसे शब्दों से निशाना बनाया जा रहा है," यह कहते हुए डिप्टी मेयर नाजिया हसन ने आरोपों को सांप्रदायिक राजनीति का हिस्सा बताया.
उन्होंने कहा, "दरभंगा नगर निगम में मेयर और डिप्टी मेयर दोनों पदों पर मुस्लिम हैं, जबकि अधिकांश पार्षद हिंदू और बीजेपी से जुड़े हैं. मेरे धर्म के कारण मुझे जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है."
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