17 जुलाई 2023 के दिन मध्यप्रदेश के उज्जैन में रहने वाले अदनान जब सोडे की दुकान बंद कर अपने घर जा रहे होंगे तो उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि एक अफवाह उनकी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल कर रख देगी. अदनान अपने छोटे भाई और पड़ौस के दो बच्चों के साथ बगल वाले घर की बालकनी पर जाते हैं, उसी वक्त नीचे सड़क पर महाकाल की सवारी गुजर रही थी. कुछ लोग अदनान और उनके दोस्तों का वीडियो बनाते हैं, जिसके बारे में अदनान को कुछ पता ही नहीं है.
शाम को पास के खाराकुआं थाने से पुलिसकर्मी आते हैं और अदनान को गिरफ्तार कर लिया जाता है. तब अदनान को और उनके परिवार को पता चलता है कि अदनान पर महाकाल की सवारी पर थूकने का आरोप लगा है. क्या वीडियो में अदनान सवारी पर थूकते दिख रहे थे ? नहीं. क्या कोई और सबूत था जिससे साबित होता हो कि अदनान ने थूका है ? नहीं. तो फिर गिरफ्तारी किस आधार पर हुई ? सिर्फ इस आधार पर कि वीडियो शेयर करने वालों ने दावा किया कि उन्होंने अदनान को थूकते हुए देखा है.
पुलिस का कथित एक्शन यहीं नहीं थमा, अगले दिन प्रशासन डीजे और ढोल - नगाड़े लेकर अदनान के घर पहुंचा और बुलडोजर से उनके घर को गिरा दिया गया.
अपने घर पर हुए बुलडोजर एक्शन पर अदनान बताते हैं,
मैं जेल में था और मुझे पता ही नहीं था कि मेरा घर गिराया जा चुका है. घर वालों को लगा होगा कि जेल में मुझे और ज्यादा तनाव ना हो, इसलिए शायद मुझे नहीं बताया गया. 2 महीने बाद मुझे इसके बारे में पता चला.अदनान, केस के मुख्य आरोपी
द क्विंट की फैक्ट चेकिंग टीम वेबकूफ अपनी खास सीरीज 'एक अफवाह की कीमत' में वो कहानियां आप तक पहुंचा रही है, जहां अफवाहों का सीधा असर लोगों की जिंदगी पर पड़ा. हम उज्जैन गए, और ये समझने की कोशिश की कि महाकाल की सवारी पर थूकने का आरोप लगाने वाले कौन थे, आरोप कितने सच्चे थे और क्या पुलिस ने आरोपों की जांस वैसे की जैसे करनी चाहिए थी ?
क्या है महाकाल की सवारी पर थूकने के दावों का सच?
द क्विंट की टीम ने उसी जगह पहुंचकर मामले का पूरा सच पता लगाया, जहां का वीडियो वायरल हुआ था. वायरल वीडियो का असली वर्जन जो हमें अदनान के परिवार ने उपलब्ध कराया, उसमें साफ हो रहा है कि अदनान वीडियो में कुछ करते ही नहीं दिख रहे. फिर पुलिस ने अदनान को मुख्य आरोपी क्यों बनाया ?
चूंकि बालकनी में खड़े बच्चों में से सिर्फ अदनान ही बालिग थे, इसलिए उन्हें ही मुख्य आरोपी बनाया गया.अशरफ, अदनान के पिता
इसके अलावा जिस वीडियो के आधार पर FIR हुई, उसे देखने पर साफ हो रहा है कि अदनान के साथ खड़े एक दूसरे बच्चे ने जो चुइंग गम थूकी वो नीचे सड़क पर नहीं बल्कि खिड़की पर गिरी. सवाल ये उठता है कि क्या पुलिस ने वीडियो की जांच किए बिना ही ये मान लिया कि बालकनी पर खड़े बच्चों ने सवारी पर थूका ?
शिकायतकर्ता पक्ष की तरफ से और सरकारी वकील की तरफ से जिस वीडियो की CD हमें उपलब्ध कराई गई. उसमें तो यही दिख रहा है कि बालकनी में खड़े बच्चों में से किसी ने भी सवारी पर नहीं थूका. जिस बच्चे ने चुइंग गम थूकी वो खिड़की पर गिरती दिख रही है.देवेंद्र सैंगर अदनान के वकील
जिस वीडियो के आधार पर FIR हुई, उसको लेकर बीजेपी नेता मासूम जायसवाल का दावा है कि वीडियो उन्होंने बनाई. इस केस में वो गवाह भी हैं. हालांकि मासूम जायसवाल घटना स्थल से लगभग 50 किलोमीटर दूर इंदौर में रहते हैं. हमने मासूम जायसवाल से भी मुलाकात की ये जानने के लिए कि क्या उनके पास कोई सबूत है? जिससे साबित होता हो कि अदनान ने महाकाल की सवारी पर थूका ?
जवाब में मासूम जायसवाल ने हमें एक और वीडियो दिखाई, जिसमें एक लड़का बालकनी में पानी की बोतल पकड़े दिख रहा है. मासूम जायसवाल का दावा था कि इसमें वो कुल्ला कर रहा है.
पर वीडियो में कोई कुल्ला करता नहीं दिख रहा. जब ये सवाल हमने जायसवाल से पूछा तो उनका जवाब था.
जब महाकाल की सवारी गुजर रही है और वो बालकनी में खड़े हुए हैं, इसका मतलब कुछ ना कुछ तो उन्होंने किया है ?मासूम जायसवाल, केस के गवाह
मासूम जायसवाल हमें ऐसा कोई ठोस सबूत या वीडियो नहीं दिखा पाए, जिससे साबित होता हो कि किसी ने महाकाल की सवारी पर थूंका है.
केस का एक और जरूरी पहलू है, जिसकी तरफ अदनान के पिता का ध्यान गया. जिस बालकनी का वीडियो वायरल हुआ. उसके ठीक बगल में एक सरकारी CCTV कैमरा लगाया जाता है. ये कैमरा खासतौर पर महाकाल की सवारी को रिकॉर्ड करने के लिए ही लगाया जाता है. अदनान के पिता अशरफ का कहना है कि जब उन्होंने इस कैमरे की CCTV फुटेज RTI के तहत मांगी, तो जवाब दिया गया कि कैमरा यात्रा के दौरान बंद था.
अदालत में क्या सामने आया ?
मामला जब कोर्ट पहुंचा तो जिन सावन लोट को पुलिस ने शिकायतकर्ता बताया था. उन्होंने कोर्ट में बयान दिया कि वो महाकाल की सवारी वाले दिन अदनान के घर के पास मौजूद ही नहीं थे. इसी आधार पर अदनान को अदालत ने जमानत दी. पर जब तक महाकाल की सवारी पर थूंकने की अफवाह का सच सामने आया, अदनान 151 दिन जेल में गुजार चुके थे.
हालांकि, अदनान को जमानत मिलने के बाद शिकायतकर्ता सावन लोट ने मीडिया में ये बयान दिया कि उन्होंने दबाव में आकर शिकायत वापस ली. इसपर अदनान के वकील देवेंद्र सेंगर कहते हैं
जिन लोगों ने सावनलोट को FIR का माध्यम चुना था, उन्होंने ही दोबारा सावन लोट पर दबाव बनाना शुरू कर दिया. इसके बाद उन्हें ये कहना पड़ा कि दबाव में आकर उन्होंने शिकायत वापस ली. जबकि कोर्ट में दिए बयान में दबाव का तो कोई सवाल ही नहीं उठता.देवेंद्र सेंगर, अदनान के वकील
सवाल जिनके जवाब मिलने बाकी हैं.
भले ही अदनान को अब जमानत मिल चुकी है और अब वो वापस अपनी जिंदगी को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं. कुछ सवाल हैं जिनके जवाब मिलने बाकी हैं.
पुलिस ने मामले की जांच किए बिना ही घर पर बुलडोजर एक्शन क्यों किया ?
चूंकि मुख्य शिकायतकर्ता ने ही कोर्ट में अपना बयान वापस ले लिया. क्या जिस घर पर बुलडोजर एक्शन हुआ उसको लेकर परिवार को मुआवजा मिलेगा ?
जो कैमरा यात्रा को रिकॉर्ड करने के लिए ही लगाया जाता है, उस सरकारी कैमरे की CCTV फुटेज कहां गई?