सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसे मोबाइल की दुकान पर शूट किया हुआ बताया जा रहा है. इसमें एक व्यक्ति पर आरोप लगाया जा रहा है कि वह लड़कियों के मोबाइल में एक एप्लीकेशन डाउनलोड कर उनकी जासूसी करता था.
दावा: इस वीडियो को असली घटना बताकर साम्प्रदायिक दावों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.
क्या यह दावा सही है ? नहीं, यह दावा सही नहीं है. यह वीडियो असली नहीं है बल्कि स्क्रिप्टेड है.
वीडियो में सभी पात्र काल्पनिक है इसका सच्ची घटना से कोई संबंध नहीं है.
हमने सच का पता कैसे लगाया ? हमने वायरल वीडियो पर Google Lens की मदद से इमेज सर्च ऑप्शन का इस्तेमाल किया. हमारी सर्च में हमें इस वायरल क्लिप का पूरा वीडियो मिला.
अक्की गिल नाम के इस फेसबुक पेज पर इसका पूरा वीडियो 29 दिसंबर 2021 को अपलोड किया गया था.
पूरे वीडियो में देखा जा सकता है कि वीडियो में 01:07 मिनट पर एक डिस्क्लेमर आता है जिसमें लिखा हुआ है कि, "यह वीडियो मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया है. अगर इससे किसी की भावना को ठेस पहुंचती है तो यह पूर्णतः संयोग है. " (अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद)
इसके साथ ही 01:57 मिनट पर एक और डिस्क्लेमर आता है जिसमें लिखा है कि, "नोटिस: यह वीडियो स्क्रिप्टेड है और सभी पात्र काल्पनिक हैं.
निष्कर्ष: लड़कियों के मोबाइल में जासूसी के स्क्रिप्टेड वीडियो को असली वीडियो बताकर साम्प्रदायिक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.
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