सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर किया जा रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि इस्लामिक स्कूल या मदरसे जैसे दिखने वाली किसी जगह पर टीचर छात्रों को पढ़ा रहे हैं.
दावा: इस पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि तस्वीर में देखा जा सकता है कि एक मदरसे में छात्राओं को हिंदू-विरोधी बातें पढ़ाई जा रहीं हैं.
क्या यह दावा सही है ? नहीं, यह दावा सही नहीं है.
यह फोटो असली नहीं है बल्कि तस्वीर को एडिट किया गया है.
यह उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में दारुल उलूम हुसैनी नाम के मदरसे की तस्वीर है.
तस्वीर उस समय की है जब इस मदरसे में संस्कृत पढ़ाई जा रही थी.
हमने सच का पता कैसे लगाया ? हमने वायरल तस्वीर पर Google Lens की मदद से इमेज सर्च ऑप्शन का इस्तेमाल किया. हमारी सर्च में हमें यही तस्वीर Outlook की इस न्यूज रिपोर्ट में मिली जिसे 10 अप्रैल 2018 को पब्लिश किया गया था.
इस न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक यह मदरसा आधुनिक शिक्षा का केंद्र बन गया है, जहां अरबी और अंग्रेजी के साथ-साथ संस्कृत भी पढ़ाई जाती है (हिंदी से अनुवादित.) इसमें आगे कहा गया है, "इस मदरसे की खासियत यह है कि यहां संस्कृत एक मुस्लिम शिक्षक द्वारा पढ़ाई जाती है. संभवतः यह पहली बार है कि मदरसे में संस्कृत भी पढ़ाई जा रही है. "
इसके सिवा हमें यही तस्वीर ANI UP के आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर ) अकाउंट पर भी मिली जिसमें बताया गया था कि यह तस्वीर गोरखपुर के एक मदरसे की है जिसमें संस्कृत पढ़ाई जा रही है.
यह तस्वीर 2018 में भी भ्रामक दावों के साथ शेयर की गई थी हमें तब भी इसका फैक्ट-चेक किया था आप वह रिपोर्ट यहां पढ़ सकते हैं.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं.)