सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें देखा जा सकता है कि कुछ बच्चें थर्माकोल के डिब्बों में बैठकर पानी से भरा रास्ता पार कर रहे हैं.
दावा: इस पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो मध्यप्रदेश का है, "जहां थर्माकोल में चढ़ के बच्चे नदी पार करते हैं उसके बाद 2 किलोमीटर चलकर पढ़ने जाते हैं."
क्या यह दावा सही है ? नहीं, यह दावा सही नहीं है.
यह वीडियो मध्यप्रदेश या भारत का नहीं है बल्कि इंडोनेशिया का है.
इस वीडियो में इंडोनेशिया के दक्षिण सुमात्रा के कुआला सुंगई दुआ बेलास गांव के स्कूली बच्चों को नदी पार करने के लिए स्टायरोफोम के डिब्बे का इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया है.
इस घटना की रिपोर्ट स्थानीय इंडोनेशियाई मीडिया ने 2021 में की थी.
हमने सच का पता कैसे लगाया ? हमने वायरल वीडियो पर Google Lens की मदद से इमेज सर्च ऑप्शन का इस्तेमाल किया. हमारी सर्च में हमें इस वीडियो से सम्बंधित विजुअल्स इस रिपोर्ट में मिले. इस रिपोर्ट में इसे इंडोनेशिया का बताया गया था.
यहां से अंदाजा लगाकर हमने इससे सम्बंधित कीवर्ड्स इंटरनेट पर सर्च किए हमारी सर्च में हमें इंडोनेशिया की मैगजीन TEMPO पर यही सीन दिखें.
इस रिपोर्ट में इस वीडियो को इंडोनेशिया का बताया गया था.
इसके सिवा हमें इंडोनेशिया की अन्य न्यूज वेबसाइट (यहां और यहां) पर भी यह रिपोर्ट मिलीं जिसमें इस घटना को इंडोनेशिया का बताया गया था.
सितंबर, 2021 में छपी इस रिपोर्ट के मुताबिक यह वीडियो दक्षिण सुमात्रा, इंडोनेशिया का बताया गया था.
किसी भी न्यूज रिपोर्ट में इस वीडियो को भारत का नहीं बताया गया था. इस वीडियो से जुड़ी सभी न्यूज रिपोर्ट्स इंडोनेशिया भाषा में थीं और घटना को इंडोनेशिया का बता रहीं थीं.
निष्कर्ष: पानी में थर्माकॉल के डिब्बों में बैठकर रास्ता पार करते बच्चों का वायरल वीडियो मध्यप्रदेश नहीं इंडोनेशिया का है.
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