बिहार विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें मुख्य चुनाव आयोग ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar) को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को शाल उढ़ाते और उनके सामने झुकते हुए देखा जा सकता है.
क्या यह दावा सही है ? नहीं, यह दावा सही नहीं है. वीडियो में AI की मदद से छेड़छाड़ कर इसे एडिट किया गया है.
हमने सच का पता कैसे लगाया ? हमने वायरल वीडियो पर गूगल लेंस की मदद से इमेज सर्च ऑप्शन का इस्तेमाल किया. इस सर्च में हमें वायरल वीडियो से मेल खाती हुई यह तस्वीर ‘कंटेंट गार्डन’ नाम की वेबसाइट पर मिली जहां इसे ANI की तस्वीर बताया गया था.
इस तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा था कि, '08 नवंबर 2023 को नई दिल्ली में नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड द्वारा कोऑपरेटिव के जरिए ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने पर आयोजित नेशनल सिंपोजियम के दौरान कोऑपरेटिव मिनिस्ट्री के सेक्रेटरी ज्ञानेश कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सम्मानित किया. (ANI फोटो/श्रीकांत सिंह)'
दोनों तस्वीरों को आपस में मिलाने पर हमने पाया कि वायरल वीडियो के शुरुआती सीन इस फोटो से हूबहू मेल खा रहे थे. यहां तक की पड़ताल से अबतक यह साफ हो चुका था कि यह उसी कार्यक्रम का वीडियो है जिसका कैप्शन में जिक्र किया गया है.
इसके साथ ही यह भी साफ था कि इस कार्यक्रम के दौरान ज्ञानेश कुमार कोऑपरेटिव मिनिस्ट्री के सेक्रेटरी थे ना कि भारत के मुख्य चुनाव आयोग.
वीडियो की पड़ताल: अब हमने ये पता लगाना शुरू किया कि क्या ज्ञानेश कुमार वैसे ही झुके थे, जैसा वायरल वीडियो में दिखाया गया है?, हमने इस कार्यक्रम का ऑफिशियल लाइवस्ट्रीम चेक किया.
यह कार्यक्रम मिनिस्ट्री ऑफ कोऑपरेशन ने “NCOL द्वारा कोऑपरेटिव सेक्टर के जरिए ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने पर नेशनल सिम्पोजियम” टाइटल के साथ अपलोड किया था.
पूरे वीडियो को 01:24 मिनट से देखने पर पता चलता है कि ज्ञानेश कुमार अमित शाह को शॉल देते हैं, लेकिन वह उनके पैरों में झुकते नहीं हैं, वह यह प्रोग्राम जारी रखने के लिए एक तरफ हट जाते हैं.
असल वीडियो की पुष्टि और वायरल वीडियो के बाद वाले हिस्से को ध्यान से देखने के बाद हमें इस वीडियो के दूसरे हिस्से में AI की मदद से छेड़छाड़ होने का शक हुआ.
AI की पहचान करने वाले टूल्स का इस्तेमाल: क्या बाद वाले हिस्से को वाकई AI की मदद से एडिट कर जोड़ा गया है? इसकी पड़ताल के लिए हमने इस वीडियो को AI की पहचान करने वाले Deepfake Analysis Unit (DAU) पर चेक किया.
यहां AI की पहचान करने वाले अलग-अलग टूल ने इस वीडियो को कई हिस्सों में बांट दिया और इनमें से कुछ हिस्से AI की मदद से बने होने की पुष्टि की.
इन टूल्स की पड़ताल से यह साफ हो गया कि वीडियो के शुरूआती हिस्से सही थे और बाद के हिस्से में AI की मदद से वीडियो को एडिट किया गया था.
हमारी पड़ताल से साफ था कि ज्ञानेश कुमार का गृह मंत्री अमित शाह को शाल पहनाने वाला हिस्सा सही है. लेकिन उनके सामने झुकने वाला वीडियो का हिस्सा असली नहीं बल्कि AI की मदद से बनाया गया है.
निष्कर्ष: गृहमंत्री अमित शाह के पैर छूते मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का वीडियो असली नहीं है बल्कि AI की मदद से बनाया गया है.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं.)
