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पुलिस की मारपीट का पुराना वीडियो हालिया बरेली हिंसा से जोड़कर वायरल

वीडियो हालिया नहीं है बल्कि पुराना है और इस वीडियो का बरेली में हुई हिंसा से कोई संबंध नहीं है.

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ पुलिस वालो को लॉकअप में बंद कुछ युवकों को बुरी तरह से मारते हुए देखा जा सकता है.

दावा: इस वीडियो को उत्तर प्रदेश के बरेली में हुई हालिया हिंसा के बाद पुलिस की कार्रवाई का बताकर शेयर किया जा रहा है.

( ऐसे ही दावे करने वाले अन्य पोस्ट के अर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं. )

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क्या यह दावा सही है ? नहीं, यह दावा सही नहीं है.

  • यह वीडियो हालिया नहीं है बल्कि पुराना है और इस वीडियो का बरेली में हुई हिंसा से कोई संबंध नहीं है.

  • वीडियो में पुलिस द्वारा उन लोगों की पिटाई करते हुए दिखाया गया है जो बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की पैगंबर मुहम्मद सहाब पर की गई टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.

हमने सच का पता कैसे लगाया ? हमने वायरल वीडियो पर गूगल लेंस की मदद से इमेज सर्च ऑप्शन का इस्तेमाल किया. हमारी सर्च में हमें 2022 की कुछ न्यूज रिपोर्ट्स मिली जिनमें यह वीडियो शामिल थी.

  • बरेली हिंसा सितंबर 2025 में हुई है और यह वीडियो 2022 से इंटरनेट पर मौजूद है, इससे साफ हो गया है कि वायरल वीडियो का बरेली हिंसा से कोई संबंध नहीं है.

  • यहां से अंदाजा लगाकर हमने इससे सम्बंधित कीवर्ड्स इंटरनेट पर सर्च किए हमारी सर्च में हमें यही वीडियो अखिलेश यादव और प्रशांत भूषण की 2022 की इस X पोस्ट पर भी दिखाई दी.

  • हमारी सर्च में हमें The Wire की ये रिपोर्ट मिली जिसमें इस वायरल वीडियो के बार में लिखा था कि, "सहारनपुर: पुलिस हिरासत में मारपीट के वायरल वीडियो में दिखे आठ लोग सभी आरोपों से बरी."

  • The Wire में छपी इस रिपोर्ट के मुताबिक यह सहारनपुर का वीडियो था और इसका संबंध नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा पैगम्बर मुहम्मद साहब पर की गई टिपण्णी के विरोध में हुए प्रदर्शनों से था.

  • इस रिपोर्ट के मुताबिक सहारनपुर पुलिस ने इस वीडियो को लेकर सवाल उठाए थे और कहा था कि वे जांचेंगे कि वीडियो कहां का है.

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  • इसके सिवा हमें Times of India की यह वीडियो रिपोर्ट भी मिली जिसमें वायरल वीडियो का जिक्र था और लिखा था कि उत्तर प्रदेश पुलिस आखिरकर बीजेपी विधायक शलभ मणि त्रिपाठी द्वारा ट्वीट किए गए वायरल वीडियो की जांच करने के लिए सहमत हो गई है.

  • जिसमें कई युवकों - माना जा रहा है कि वे मुस्लिम प्रदर्शनकारी थे जिन्होंने पुलिस पर पथराव किया था, उन्हें पुलिस एक कमरे के अंदर लाठियों से पीट रही थी.

निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर पुलिस की मारपीट का पुराना वडियो बरेली में हुई हालिया हिंसा से जोड़कर भ्रामक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.

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(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर  9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं.? )

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