सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि अजमेर की दरगाह (Ajmer Sharif Dargah) का सर्वे करने वाले अधिकारी को हार्ट अटैक आया है.
क्या यह दावा सही है ? नहीं, यह दावा सही नहीं है.
अजमेर दरगाह का कोई भी सर्वे यह रिपोर्ट लिखे जाने तक नहीं हुआ है.
सुप्रीम कोर्ट ने अजमेर समेत देश के अन्य धार्मिक स्थलों के सर्वे पर भी अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है.
हमने सच का पता कैसे लगाया ? हमने इससे जुड़े कीवर्ड्स इंटरनेट पर ढूंढे लेकिन हमे ऐसी कोई खबर नहीं मिली. हालांकि खबर के महत्व को देखते हुए अगर ऐसी कोई घटना घटित हुई होती तो अखबार की सुर्खियों में जरूर होती.
इस घटना की पुष्टि के लिए हमने अजमेर में दरगाह थाने में संपर्क किया, जहां अजमेर पुलिस ने हमसे इस बात की पुष्टि कि की दगाह में अब तक किसी भी तरह का सर्वे नहीं हुआ है.
उन्होंने आगे बताया कि उनके पास दरगाह मामले से जुड़े किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आने की सूचना नहीं मिली है.
दरगाह प्रबंधक से बातचीत: अंजुमन सैय्यद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने टीम वेबकूफ को बताया कि, "दरगाह या ढाई दिन के झोपड़े में किसी भी तरह का कोई सर्वे नहीं हुआ है. यह सुब झूठ है. सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी तरह की कार्यवाही पर रोक लगा दी है."
ABP न्यूज में छपी इस रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने 12 दिसंबर 2024 को प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट पर सुनवाई करते हुए मंदिर-मस्जिद से जुड़े नए मुकदमे दाखिल करने पर रोक लगा दी. साथ ही सर्वे पर भी स्टे लगा दिया है.
अजमेर दरगाह में सर्वे होने की कोई भी खबर इंटरनेट पर मौजूद नहीं है.
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