प्रयागराज में 29 जनवरी को महाकुंभ में भगदड़ हुई थी. सरकार के मुताबिक, भगदड़ में 37 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें 25 मृतकों के परिजनों को 25 लाख रु का मुआवजा दिया जा चुका है. द क्विंट की पड़ताल में सामने आया था कि अभी भी कई ऐसे परिवार हैं जिनके परिजनों की मौत महाकुंभ भगदड़ में हुई लेकिन उन्हें मुआवजा नहीं मिला. कुछ पीड़ितों को बिना किसी डॉक्यूमेंट 5 लाख रुपए कैश दिए गए. लेकिन कैश देने के तरीके और पूरे मुआवजे को लेकर परिजनों ने कई गंभीर सवाल उठाए.
द क्विंट ने महाकुंभ भगदड़ में मृतकों के परिजनों से बात की. जिसमें गोरखपुर के सिंकदर निषाद, कृष्णा गुप्ता, शैलेश सहानी और आजमगढ़ की सुषमा चौहान से बात की. उन्होंने कैमरे के सामने उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन पर बड़े आरोप लगाए.
आजमगढ़ की सुषमा चौहान ने बताया कि उनकी सास की मौत महाकुंभ भगदड़ में हुई लेकिन अभी तक मुआवजा नहीं मिला. 5 लाख रुपए कैश दिए गए. लेकिन उसका भी कोई डॉक्यूमेंट नहीं मिला. कैश देने आए पुलिसवालों और अधिकारियों ने ये साफ-साफ नहीं बताया कि पूरे पैसे कब मिलेंगे?
गोरखपुर के सिंकदर निषाद ने तो कहा कि 5 लाख कैश के बदले उनसे जिस कागज पर साइन कराया जा रहा था उसपर लिखा था कि उनकी मां की मौत बीमारी की वजह से हुई है. तब सिकंदर निषाद ने अधिकारियों से पूछा कि यहां गलत क्यों लिखा है? जब मां की मौत भगदड़ में हुई तो बीमारी से क्यों लिखा गया है?
कृष्णा गुप्ता का आरोप है कि उनकी मां को कैमरे के सामने ये कहलवाया गया कि उनके पति के शव पर चोट के निशान नहीं थे. कृष्णा गुप्ता ने बताया कि बिना चोट मेरे पिता जी की मौत कैसे हो गई?