ADVERTISEMENTREMOVE AD

दिल्ली ने वोट देकर अपना फर्ज निभाया, AAP-BJP की जंग में मिल नहीं पा रहा मेयर

Delhi Mayor Elections: माननीय पार्षद धक्का-मुक्की कर रहे, राजनीति में धार्मिक नारे लगा रहे हैं.

Aa
Aa
Small
Aa
Medium
Aa
Large
ADVERTISEMENTREMOVE AD

स्कूल-कॉलेज में जब क्लास में टीचर नहीं होते हैं तब कुछ शरारती बच्चे बेंच पर चढ़ जाते हैं, हंगामा करते हैं. एक दूसरे पर कागज की गेंद बनाकर फेंकते हैं. हूटिंग करते हैं. लेकिन ये सब अब 'माननीय' कर रहे हैं. वो भी कहीं और नहीं देश की राजधानी दिल्ली में. एक बार नहीं बार-बार कर रहे हैं. और ये 'माननीय' कोई और नहीं हैं, बल्कि पार्षद हैं. ये पार्षद जिन पार्टियों से हैं उनमें से एक राजनीति बदलने आई थी और दूसरी खुद को दुनिया की सबसे बड़ी और अनुशासित पार्टी होने का दावा करती है.

दरअसल, 24 जनवरी 2023 को दिल्ली को नया मेयर मिलना था, सभी नए पार्षदों और नामित एल्डरमैन काउंसलर ने सदन में शपथ ले ली थी, लेकिन सदन में 'माननीयों' ने बवाल शुरू कर दिया. फिर क्या था दिल्ली नगर निगम का सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. मतलब 11 महीने से बिना मेयर वाली दिल्ली को अभी साफ-सफाई और खुशहाली के लिए इंतजार करना होगा. मतलब दिल्ली मेयर का चुनाव न हो गया, लटकाव हो गया. बस अटका दो और चुनाव को लटका दो.

दरअसल 2022 मार्च में ही दिल्ली में एमसीडी चुनाव होने थे लेकिन फिर तीन निगमों को एक में मिला दिया गया और परिसीमन किया गया. इसके चलते चुनाव टालना पड़ा. आखिर में दिसंबर में चुनाव हुए.

7 दिसंबर 2022 को दिल्ली नगर निगम चुनाव का रिजल्ट आया था, अब डेढ़ महीने हो गए लेकिन अब तक दिल्ली को मेयर नहीं मिल सका है.

इससे पहले 6 जनवरी 2023 को मतदान होना था, लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पार्षदों के बीच झड़प के बाद सदन की पहली बैठक स्थगित करनी पड़ी थी.

यही नहीं इस बार चुनाव से पहले सिविक सेंटर में पैरामिलिट्री फोर्स और सिविल डिफेंस के वॉलंटियर्स तैनात किए गए. मानो मेयर का चुनाव ना हो बल्कि कहीं गुंडो पर कार्रवाई करनी हो.

बता दें कि दिसंबर 2022 में हुए एमसीडी के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 250 वार्ड में से 134 पर जीत दर्ज की थी, वहीं बीजेपी के हाथ 104 सीट लगी थी. बीजेपी पिछले 15 साल से एमसीडी की सत्ता में काबिज थी. वहीं कांग्रेस सिर्फ 9 सीटों पर जीत सकी थी.

पहले चुनावी समीकरण समझ लीजिए

दिल्ली के मेयर और डिप्टी मेयर के लिए मतदान में कुल 274 वोट पड़ने हैं.

  • 250 पार्षद

  • दिल्ली के 14 विधायक

  • 7 लोकसभा सांसद

  • 3 राज्यसभा सांसद

बहुमत के लिए 138 वोटों की जरूरत होगी. आम आदमी पार्टी दावा कर रही है कि उसके पास 134 पार्षद, 13 विधायक, 3 सांसद और एक निर्दलीय का सपोर्ट है. मतलब कुल 151 वोट आम आदमी पार्टी के पास है. ऐसे में सवाल उठता है फिर बीजेपी किस आधार पर मेयर बनाने का दावा कर रही है?

ADVERTISEMENTREMOVE AD

आम आदमी पार्टी vs BJP

अब इस हंगामे पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों एक दूसरे पर अटैक कर रही है. दोनों के दावे हैं कि दूसरे पार्टी के पार्षद 'गुंडागर्दी' कर रहे हैं.

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सासंद संजय सिंह कह रहे हैं, "बीजेपी ने अजीब गुंडागर्दी शुरू कर दी है. आपके (मीडिया) पास सारे विजुअल हैं आप दिखाइए, वो लोग गालियां दे रहे थे, लेकिन हम अपने लोगों को बैठा रहे थे कि मत दीजिये जवाब... वो गुंडा गर्दी कर रहे हैं, महिला पार्षदों से बदतमीजी कर रहे हैं. संजय सिंह ने कहा,

बीजेपी ने बहुत ही खतरनाक काम किया है, जहां ये हारेंगे ये चुनाव नहीं होने देंगे. संसद में हार जाएंगे तो कोई दूसरा प्रधानमंत्री नहीं बनने देंगे? जवाब मत दीजिए. एलजी साहब यहां आएं, प्रधानमंत्री यहां आएं, गृह मंत्री अमित शाह यहां आएं. हम सब यहां मौजूद हैं. हमारे पास 151 की संख्या है और बीजेपी के पास 111 वोट हैं."

उधर बीजेपी इस हंगामे के लिए आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार बता रही है. BJP कह रही है,

सदन में AAP ने फिर की नारेबाजी, मचाया खूब बवाल. आखिर किस डर से मेयर चुनाव रोकने के लिए बदतमीजी और गुंडागर्दी पर उतर आए आप और केजरीवाल?

मेयर चुनाव से पहले जब सदन में हंगामा हो रहा था तब बीजेपी नेत्री और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी वहां मौजूद थीं. मिनाक्षी लेखी कह रही हैं, "बहुत दुख का विषय है कि वोट डालने के लिए सभी बैठे थे लेकिन फिर हंगामा हो गया. ये बहुत दुख की बात है ऐसा नहीं होना चाहिए, लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन होना चाहिए."

अब जब दोनों ही पार्टी खुद को दूध का धुला कह रही है तो क्यों ना इस पूरे हंगामे की जांच हो जाए? कम से कम दिल्ली के वोटरों को पता तो चले कि उनके माननीय पार्षद कितना काम कर रहे हैं.

Speaking truth to power requires allies like you.
Become a Member
Monthly
6-Monthly
Annual
Check Member Benefits
×
×