"मेरे बेटे (फिरदौस) की टोपी उछाली गई और फिर उसकी हत्या कर दी गई. वह हमारे बुढ़ापे का सहारा था. अब वह इस दुनिया में नहीं रहा," यह कहना है जमालुद्दीन का.
हरियाणा के पानीपत में शनिवार, 24 मई 2025 की शाम को मुस्लिम युवक फिरदौस आलम उर्फ असजद बाबू की कथित तौर पर धार्मिक टोपी को लेकर हुए विवाद में सिर पर डंडा मारकर हत्या कर दी. इस मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
बिहार के किशनगंज जिले के रहने वाले 24 वर्षीय फिरदौस पानीपत में दर्जी का काम करते थे. द क्विंट से बातचीत में मृतक के पिता जमालुद्दीन कहते हैं,
"तीन साल से वह पानीपत में रह रहा था. छह महीने पहले ही उसकी शादी हुई थी. उसकी पत्नी बेवा हो गई और हमारे बुढ़ापे का सहारा हमसे छीन लिया गया. हमने औलाद को इसलिए नहीं पाला था कि हमारे बुढ़ापे का सहारा छिन जाए."
24 मई की शाम को क्या हुआ था?
मृतक फिरदौस के भाई असद रजा की ओर से दर्ज करवाई गई FIR के मुताबिक, "24 मई को फिरदौस, पानीपत शहर के सेक्टर 29 स्थित फ्लोरा चौक स्थित अपने ससुराल आया था. शाम करीब साढ़े 8 बजे वह अपने दोस्त शाहनवाज के साथ पास के एक खाली मैदान में टहलने चला गया. वापस लौटने के दौरान जब वह आरोपी नरेंद्र उर्फ सुसु लाला की किराना दुकान के सामने से गुजर रहा था, तब नरेंद्र ने फिरदौस के सिर से टोपी छीनकर पहन ली. जब फिरदौस ने अपनी टोपी वापस मांगी, तो नरेंद्र ने टोपी को गली में फेंक दिया."
FIR में आगे कहा गया है, "टोपी उठाने के दौरान फिरदौस ने गुस्से में नरेंद्र से पूछा कि उसने टोपी गली में क्यों फेंकी. इससे नाराज होकर नरेंद्र ने फिरदौस को धमकाया और कहा, 'तेरी हिम्मत कैसे हुई मुझसे यह बात बोलने की'. इसके बाद वह अपनी दुकान से डंडा उठाकर लाया और फिरदौस के सिर पर मार दिया."
फिरदौस के दोस्त शाहनवाज ने इस घटना की जानकारी उनके भाई असद रजा को फोन पर दी. वे मौके पर पहुंचे और फिरदौस को इलाज के लिए ऑटो से सरकारी अस्पताल ले गए. जहां से उसे खानपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. खानपुर से उसे रोहतक पीजीआई रेफर किया गया. पीजीआई में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
आरोपी के खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे
पूरे मामले को लेकर द क्विंट ने इंडस्ट्रियल सेक्टर 29 पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) सुभाष चंद्र से बात की. उन्होंने बताया कि "फिरदौस और आरोपी नरेंद्र उर्फ सुसु लाला पहले से एक-दूसरे को नहीं जानते थे, इसलिए यह हत्या पुरानी रंजिश के कारण नहीं लगती. इस घटना में फिरदौस गंभीर रूप से घायल हो गए थे और अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई."
25 मई को इंडस्ट्रियल सेक्टर 29 पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करवाई गई थी. नामजद आरोपी नरेंद्र उर्फ सुसु लाला के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 103(1) (हत्या) के तहत दर्ज किया गया है.
पुलिस ने बताया कि "आरोपी नरेंद्र उर्फ सुसु लाला, जो इस मामले में गिरफ्तार है, के खिलाफ पहले से कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और वह अवैध शराब बेचने का धंधा करता था."
"उसे फांसी होनी चाहिए"
मृतक के पिता जमालुद्दीन ने द क्विंट से बात करते हुए कहा "मेरा अदालत से आग्रह है कि सही फैसला सुनाए ताकि मेरे बेटे के हत्यारे को सख्त से सख्त सजा मिले. उसे फांसी होनी चाहिए ताकि फिर से कोई लड़की बेवा न हो और किसी के बुढ़ापे का सहारा छीनने का दुस्साहस कोई न कर सके."
जमालुद्दीन के 5 बेटे और तीन बेटियां हैं. फिरदौस, तीसरे बेटे थे. उनके दो अन्य बेटे भी पानीपत में ही सिलाई का काम करते हैं.
फिरदौस के ससुर रिजवान अली ने द क्विंट से बात करते हुए न्याय की मांग की है. उन्होंने कहा,
"हम गरीब लोग हैं, मजदूरी करने पानीपत आए थे. हम फ्लौरा चौक, सेक्टर 29 में किराए के मकान में रहते हैं. हमने अपनी बेटी की शादी छह महीने पहले की थी, लेकिन अब वह बेवा हो गई. हम न्याय चाहते हैं. हमारी बेटी को इंसाफ मिले, और जिसने मेरे दामाद की हत्या की, उसे वही सजा मिले जो एक हत्यारे को मिलनी चाहिए."
कांग्रेस सांसद ने की 50 लाख के मुआवजे की मांग
किशनगंज से कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने सोशल मीडिया प्लटेफॉर्म X पर फिरौदस की हत्या का मामला उठाते हुए हरियाणा सरकार से 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है.
अपने पोस्ट में उन्होंने कहा, "किशनगंज के कोचाधामन निवासी असजद बाबू की हरियाणा में- केवल टोपी पहनने के 'अपराध' में निर्मम हत्या- सिर्फ हेट क्राइम नहीं है, बल्कि यह राज्य समर्थित आतंक है. हरियाणा सरकार को इस लक्षित हत्या के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए."
"हम सभी दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई और पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग करते हैं. किसी भी सभ्य समाज में इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती."