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DU के पूर्व प्रो. साईंबाबा बरी, वही हुआ जो उनकी पत्नी ने 5 साल पहले कहा था

Prof Saibaba की पत्नी ने क्विंट से कहा था- पुलिस रेड में मिले सामान को सीलबंद किए बिना ले गयी,फिर क्या जोड़ा,नहीं पता

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बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने शुक्रवार, 14 अक्टूबर को दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन. साईंबाबा और 5 अन्य आरोपियों को निर्दोष करार देते हुए बरी करने का फैसला (Ex DU Prof Saibaba acquitted) सुनाया. इन सभी पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत प्रतिबंधित माओवादी संगठनों से संबंधों का आरोप लगाया गया था.

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बॉम्बे हाई कोर्ट में जस्टिस रोहित देव और जस्टिस अनिल पानसरे की डिवीजन बेंच ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की निचली अदालत के 2017 के उस फैसले को पलटा है, जिसमें प्रोफेसर साईंबाबा और अन्य आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.

साईंबाबा की रिहाई के आदेश के बाद उनकी पत्नी वसंथ कुमारी ने कहा है कि ''मुझे यकीन था कि मिस्टर साईंबाबा रिहा होंगे. हम न्यायपालिका और हमारा समर्थन करने वालों के शुक्रगुजार हैं''

ऐसे में हम आपके लिए लेकर आए हैं वसंथ कुमारी के साथ क्विंट के इंटरव्यू का कुछ हिस्सा. इसे हमने आज से लगभग 5 साल पहले 2017 में उस समय लिया था जब गढ़चिरौली जिले की निचली अदालत ने प्रोफेसर साईंबाबा को दोषी ठहराया था.

"सरकार खुद आदिवासियों पर हिंसा कर रही, साईंबाबा ने इसके खिलाफ आवाज उठाई"

गढ़चिरौली जिले की निचली अदालत द्वारा प्रोफेसर साईंबाबा को दोषी ठहराने पर प्रतिक्रिया देते हुए उनकी पत्नी वसंथ कुमारी ने कहा था कि "हमें अदालत से न्याय नहीं मिला. यह ऐसा केस है जहां सभी 6 आरोपियों को निर्दोष साबित होना है. हमारा मानना है कि उनके पास कोई सबूत ही नहीं है. इस मामले में केवल एक गवाह है और वह भी पीछे हट गया, उसे पुलिस जबरदस्ती लेकर आई थी. बाकी के सभी 22 गवाह पुलिस वाले खुद हैं."

पुलिस ने निचली अदालत के सामने दावा किया था कि साईंबाबा के घर से कई आपत्तिजनक माओवादी किताबें, एक हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव बरामद किए गए थे. लेकिन पुलिस के इस दावे पर सवाल उठाते हुए वसंथ कुमारी ने कहा था कि "पुलिस ने छापे के बाद घर से जो कुछ भी बरामद किया, उसे वह बिना सीलबंद किए ले गयी. पुलिस ने ले जाने के बाद उसमें अपनी तरफ से क्या-क्या जोड़ा, हमें क्या पता?"

"क्या प्रोफेसर साईंबाबा अपनी विचारधारा के साथ स्थानीय लोगों को हिंसा के लिए उकसाते थे" के सवाल पर उनकी पत्नी ने कहा कि "संविधान ने हमें जो मूल अधिकार दिए हैं, उन्हें सरकार खुद कुचल रही है. प्रोफेसर साईंबाबा ने आदिवासी, दलितों और महिलाओं के खिलाफ सरकारी हिंसा और दमन के खिलाफ आवाज उठाई है.

"प्रोफेसर साईंबाबा संविधान से मिले मूल अधिकारों के उल्लंघन की ही बात कर रहे हैं. सिर्फ मेरे पति ने ही नहीं, कई मानवाधिकार एक्टिविस्टों और संगठनों ने इसको एक्सपोज किया. लेकिन सिर्फ प्रोफेसर साईंबाबा को निशाना बनाया. सरकार ने कॉरपोरेट के साथ मिलकर साजिश के तहत ऑपरेशन ग्रीन हंट के नाम पर आदिवासियों के इलाकों को जलाया, आदिवासियों पर माओवादी होने का झूठा आरोप लगाकर एनकाउंटर किया गया और डेवलपमेन्ट के नाम पर उन्हें विस्थापित किया."

"यह बीजेपी और RSS का षड्यंत्र है"

क्विंट से बात करते हुए वसंथ कुमारी ने आगे कहा था कि "अगर मैं कहती हूं कि यह बीजेपी और RSS का षड्यंत्र है, तो यह सिर्फ मेरे पति और 5 अन्य आरोपियों को सजा मिलने से नहीं जुड़ा है."

"जब से बीजेपी की सरकार बनी है एक-एक संगठन को निशाना बनाया जा रहा है. अभी एक झूठे एनकाउंटर में लोगों को मारा गया और एक फैक्ट-फाइंडिंग टीम के वहां से पहुंचने से पहले ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया... दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में स्टूडेंट्स और टीचर्स को मारा-पीटा गया... ये मेरे पति के ज्ञान से डरते हैं. ब्लास्ट के आरोपी स्वामी असीमानंद को तो आपने निर्दोष करार दे दिया. केंद्र और राज्य सरकार मल्टी नेशनल कंपनियों को आदिवासी क्षेत्र खनन के लिए देने को यह साजिश कर रही"
वसंथ कुमारी
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"अगर आपके मेरे विचार अलग-अलग हैं, तो हम देशद्रोही हो गए"

निचली अदालत के फैसले के बाद प्रोफेसर साईंबाबा को देशद्रोही कहे जाने के सवाल पर उनकी पत्नी वसंथ कुमारी ने कहा कि "अगर आपके विचार को सब नहीं मानें तो वे देशद्रोही हो जाएंगे? अगर ऐसा होगा तो जानवरों और इंसानों में क्या फर्क बचेगा? विरसा मुंडा और भगत सिंह ने ब्रिटिश हुकूमत से लड़ाई लड़ी थी, बगावत की थी. तो क्या भगत सिंह भी गद्दार हो गए? समाज पत्थर की तरह रुका नहीं होता, वह बदलता रहता है.

"कुछ लोग नए विचारों को स्वीकार नहीं करते हैं. एक तरफ तो वे भारत माता की जय के नारे लगाते हैं, वहीं दूसरी तरफ वे महिलाओं के अधिकारों को कुचलते हैं. जो आप बोलेंगे क्या वही चलेगा? क्या सिर्फ आपको देश में रहने का हक है? हम भी इसी देश का हिस्सा हैं. हम तो संविधान का ही पालन कर रहे हैं. जो हमें गद्दार बोल रहे हैं, वे ही संविधान का उल्लंघन करते हैं.

वसंथ कुमारी ने कहा कि जेल में 2 साल से अधिक का समय (तब) गुजारने के बाद प्रोफेसर साईंबाबा का एक हाथ भी पैलराइज हो गया है जबकि पहले दोनों हाथ काम करते थे. साथ ही उन्होंने बताया था कि जेल में रहते हुए प्रोफेसर की किडनी में पथरी की समस्या आ गयी. वसंथ कुमारी ने आरोप लगाया कि जेल में रहते वक्त उनके पति को कोर्ट के आदेश के बावजूद जरूरी मेडिकल सुविधा नहीं मिली, उन्हें दिल की समस्या आ गयी. वसंथ कुमारी का यह गंभीर आरोप था कि प्रोफेसर के लिए परिवार की तरफ से दवाई दिए जाने के बावजूद जेल प्रशासन ने बहुत समय तक उन तक दवाई नहीं पहुंचाई.

पूरा इंटरव्यू आप यहां देखें:

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