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मेरठ: मुस्लिम युवक के घर खरीदने पर हिंदू संगठन का विरोध, पुलिस कार्रवाई पर सवाल

हिंदू संगठनों ने धरना तीन दिन के लिए स्थगित किया; उन्होंने कहा अगर पुलिस असफल रही तो अनिश्चितकालीन धरना देंगे.

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"हमने पैसा देकर घर लिया है. दो नंबर का कोई काम नहीं किया है कि डरें. हमने बैंक से लोन लिया है और थोड़ा बहुत अपना भी लगाया है. जब सब कुछ कानूनी तरीके से लिया है, तो डरने की कोई बात नहीं है."

यह कहना है हिंदू बाहुल्य कॉलोनी में घर खरीदने वाले शाहिद कुरैशी की पत्नी अफसाना का. दरअसल उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा हिंदू बहुल इलाके की कॉलोनी सदर थाना क्षेत्र में घर खरीदने पर विवाद खड़ा हो गया. कई हिंदू संगठन सड़क पर उतर आए. थाने पर धरना दिया और कहा कि हिंदू परिवारों का पलायन नहीं होने दिया जाएगा.

स्थानीय लोग और कुछ हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों ने सदर थाना परिसर में विरोध प्रदर्शन किया. उनका कहना था कि कॉलोनी में मुस्लिम परिवार को बसने नहीं दिया जाएगा. यह पूरा मामला मेरठ के थापरनगर इलाके का है.

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हिंदू संगठनों ने लैंड जिहाद का आरोप लगाया

हिंदू संगठनों ने इसे "लैंड जिहाद" बताया और रजिस्ट्री रद्द करने की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने थाने में हनुमान चालीसा का पाठ कर पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश की. हिंदूवादी नेता (हिंदू सुरक्षा संगठन) सचिन सिरोही ने कहा कि थापर नगर गली नंबर छह में एक मुस्लिम व्यक्ति ने हिंदू का मकान पैसों के लालच में खरीद लिया है. उन्होंने कहा कि यह मकान वापस लिया जाए और ऐसा कानून बने कि कोई भी मुस्लिम हिंदू का मकान न खरीद सके. उनका दावा है कि बहन बेटियों की सुरक्षा और "लव जिहाद" जैसी घटनाओं को रोकने के लिए यह जरूरी है.

मकान चोरी छुपे खरीदा गया है. यदि खुले में खरीदा जाता और सबको पता होता तो कोई दिक्कत नहीं होती. अब मकान विवादित स्थिति में पहुंच गया है. मकान खरीददार चाहे तो वापस बेच दें और आगे की कार्रवाई पुलिस प्रशासन तय करे.
सचिन सिरोही ने द क्विंट को बताया

प्रदर्शनकारी सुभाष शर्मा ने कहा कि हम लोगों ने रास्ता जाम किया था. सदर थाने के इंस्पेक्टर पहुंचे, रास्ता खुलवाया और मकान में ताला लगाकर चाबी अपने साथ ले गए.

स्थानीय निवासी ऋषभ ने आरोप लगाया कि इस मकान से व्यापार किया जाता है जिससे ट्रैफिक में दिक्कत होती है और गाली गलौज भी होती है. उनका कहना है कि मोहल्ले वालों की मांग है कि मकान स्थायी रूप से बंद किया जाए या किसी हिंदू को बेच दिया जाए.

अफसाना ने इस आरोप को खारिज करते हुए द क्विंट से कहा कि वे दूध का व्यापार करती हैं. गाड़ी सिर्फ दस पंद्रह मिनट रुकती है. दूध तड़के सुबह चार बजे उतरता है. उस समय ट्रैफिक जाम जैसी कोई बात नहीं होती.

"शांति व्यवस्था खराब करने के लिए लिया गया है मकान"

थापर नगर के निवासी जसवीर सिंह का कहना है कि तीन महीने पहले भी इस मामले को लेकर विरोध हुआ था. गाड़ियां हटवाई गई थीं. फिर भी शाहिद कुरैशी ने जानबूझ कर यह मकान लिया है ताकि शांति व्यवस्था खराब हो. उनका कहना है कि कुरैशी मकान वापस कर दें. जितने में खरीदा है उसी रकम में किसी और को दिला दिया जाएगा.

"किसी भी तरह की दिक्कत नहीं थी"

अफसाना ने बताया कि मकान खरीदने की बात छह महीने से चल रही थी. मकान की चाबी बीजेपी विधायक अमित अग्रवाल के पास थी. बयाना देने के बाद चाबी उन्हें सौंप दी गई थी. उन्होंने दावा किया कि हिंदू समुदाय में कोई भी वह मकान खरीदने के लिए तैयार नहीं था. पुराने मकान मालिक से उनका पहले से संबंध था और दोनों का कारोबार दूध और आइसक्रीम से जुड़ा था. इसलिए बातचीत के बाद यह सौदा पक्का हुआ. रजिस्ट्री 26 नवंबर को हुई और वे दो दिन से घर में रह रहे थे. किसी भी तरह की दिक्कत नहीं थी. तीसरे दिन अचानक भीड़ जमा हो गई और पुलिस बुला ली गई.

पुलिस द्वारा घर पर ताला लगाए जाने और मौके पर हुए विरोध प्रदर्शन पर अफसाना ने कहा कि उनके पति इस समय अस्पताल में भर्ती हैं. वह पहले उनकी सेहत पर ध्यान देना चाहेंगी, उसके बाद ही आगे की कार्रवाई पर विचार करेंगी. वह किसी भी तरह के दबाव से इनकार करती हैं

द क्विंट ने पुराने मकान मालिक अनुभव से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया.

सदर थाने में 6 घंटे धरना, प्रशासन को 3 दिन का अल्टीमेटम

सदर थाने में छह घंटे धरने के बाद प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है. सचिन सिरोही का कहना है कि पास के पटेल नगर में हिंदुओं की बड़ी संख्या में पलायन हो चुका है. इसलिए वे अपने इलाके में ऐसा नहीं होने देंगे. यदि तीन दिन में मकान हिंदुओं को वापस नहीं कराया गया तो फिर से अनिश्चितकालीन धरना होगा.

"हमने सदर थाने में 6 घंटे धरना दिया. इसे तीन दिनों के लिए स्थगित किया है. प्रशासन को भी तीन दिन का समय दिया है कि इस अवधि में यह मकान हिंदुओं को वापस कराया जाए. इसके अलावा हमारे पास कोई और विकल्प नहीं है. अगर तीन दिन में ऐसा नहीं होता, और मेरठ का पुलिस प्रशासन इसमें असफल रहता है, तो हम फिर से उसी विवादित मकान स्थल पर धरना देंगे, और वह धरना अनिश्चितकालीन होगा."
सचिन सिरोही, हिंदूवादी नेता

पुलिस क्या कह रही है?

मेरठ के एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) डॉ. विपिन टाडा ने कहा है कि "इस संबंध में सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों से वार्ता की. वार्ता में दोनों पक्ष आपसी सहमति से समाधान निकालने पर सहमत हुए हैं. फिलहाल मौके पर शांति व्यवस्था बनी हुई है तथा पलायन जैसी कोई स्थिति नहीं है."

दूसरा मामला यूपी के बुलंदशहर से

दूसरा मामला बुलंदशहर के खुर्जा से सामने आया है. यहां मंदिर के सामने एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा मकान खरीदने को लेकर विवाद हुआ है. प्रदीप शर्मा हनुमान टीला मोहल्ले में अपना मकान एक वर्ष तक बेचने की कोशिश कर रहे थे. मोहल्ले का कोई भी व्यक्ति खरीदने को तैयार नहीं था. इसके बाद उन्होंने मकान सलीम नाम के व्यक्ति को बेच दिया. रजिस्ट्री एक साल पहले हुई थी. इसके बाद भी प्रदीप शर्मा और उनका परिवार वहीं रह रहा था. अब कुछ लोग विरोध कर रहे हैं. मंदिर के सामने हड्डी फेंके जाने का आरोप भी लगाया गया. कई घरों के बाहर "पलायन" और "मकान बिकाऊ" के पोस्टर लगा दिए गए.

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सलीम को घर बेचने वाले ने क्या कहा?

सलीम को मकान बेचने वाले प्रदीप शर्मा ने एक वीडियो जारी कर कहा कि उन्होंने यह मकान अपनी मर्जी से बेचा है. डेढ़ साल तक कोई ग्राहक न मिलने के कारण उन्होंने सलीम को घर बेच दिया. उनका कहना है कि उन्हें पैसों की जरूरत थी और दूसरी जगह प्लॉट लेना था.

मैं दूसरे मोहल्ले में एक प्लॉट खरीदना चाहता था. मैंने डेढ़ साल से मोहल्ले में बता रखा था कि अपना मकान बेचना है, लेकिन कोई ग्राहक नहीं मिल रहा था. इसलिए मैंने यह मकान सलीम को बेच दिया.
प्रदीप शर्मा, मकान विक्रेता

मुस्लिम शख्स मकान बेचने के लिए तैयार

एसएसपी दिनेश सिंह ने वीडियो जारी कर बताया है कि दोनों पक्षों से बातचीत कर स्थिति संभालने की कोशिश की जा रही है. किसी भी तरह के पलायन को पुलिस ने खारिज किया है और मंदिर के पास हड्डी फेंके जाने की बात को भी गलत बताया है.

सलीम बबलू ने पुष्टि की है कि मकान का बेनामा हो चुका है. उन्होंने यह भी कहा है कि यदि किसी को कोई समस्या हो रही है, तो वह मकान बेचने को तैयार हैं. उन्होंने स्पष्ट किया है कि वे अभी मकान में रहने नहीं गए हैं, और प्रदीप शर्मा का परिवार अभी भी वहीं रह रहा है.

इनपुट- मुनव्वर चौहान

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