"23 अप्रैल को 11 बजे पाकिस्तानी सेना ने उन्हें (बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार) पकड़ लिया था, मुझे ये जानकारी बीएसएफ में मेरे पति के साथ काम करने वाले एक जवान ने दी थी. एक मिनट रुकिए भैया. मैं आपको बताती हूं एक कॉल आ रहा है."
क्विंट से बात करते हुए बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ की पत्नी रजनी अपने पति के पाकिस्तान के हिरासत में लिए जाने की कहानी सुना ही रही थी तब ही इसी बीच उन्हें एक कॉल आती है. रजनी हमारा कॉल ऑन रखते हुए दूसरा कॉल पिक करती हैं, दूसरी तरफ से कुछ आवाज आती है और रजनी ऊंची आवाज में कहती हैं क्या बात कर रहे हैं, सच में? तब ही क्विंट के रिपोर्टर ने पूछा क्या हुआ, सब ठीक है? तब रजनी ये बोलते हुए कॉल कट कर देती हैं कि भैया मैं थोड़े देर में कॉल करती हूं.
रजनी के कॉल कट करते ही हमने तुरंत इंटरनेट पर बीएसएफ जवान पूर्णम से जुड़ी जानकारी देखने की कोशिश की. लेकिन हमें पूर्णम के पाकिस्तान में गलती से घुस जाने और परिवार से जुड़ी पुरानी खबरों के अलावा कुछ नया नहीं मिला.
5 मिनट के इंतजार के बाद फिर से हम रजनी शॉ को कॉल करते हैं, इस बार उनकी आवाज में खुशी थी. वो बोलती हैं, भैया मैं बात करती हूं. जब हमने पूछा कि क्या कोई खबर आई है, तुरंत रजनी कहती हैं, सब डीटेल में बताती हूं. बहुत अच्छा है सब.
हम समझ गए कि बीएसएफ जवान पूर्णम शॉ की वापसी की खबर आ चुकी है.
दरअसल, 23 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान रेंजर्स ने बीएसएफ के एक जवान पूर्णम कुमार शॉ को हिरासत में ले लिया था. शॉ गलती से पाकिस्तान बॉर्डर में घुस गए थे. करीब 21 दिन बाद सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान पूरनम कुमार शॉ को मंगलवार लगभग साढ़े 10 बजे पाकिस्तान ने भारत को सौंप दिया है. पाकिस्तानी रेंजर्स ने अटारी वाघा सीमा के रास्ते बीएसएफ कॉन्स्टेबल को वापस भेजा है.
बेटे की रिहाई पर मां देवंती देवी शॉ कहती हैं, "सुबह 9-10 बजे के आसपास मुझे खबर मिली. सुनकर बहुत अच्छा लगा, यह हमारे लिए खुशी की बात है. पिछले 20 दिनों से हमलोग काफी परेशान थे. मैं हर रोज रोती थी और बेटे की वापसी के लिए मंदिर में प्रार्थना करती थी."
क्या है पूरी कहानी?
हिमाचल के कांगड़ा में बीएसएफ के 34 बटालियन में तैनात पूर्णम कुमार की ड्यूटी 16 अप्रैल 2025 को पंजाब के पठानकोट के पास फिरोजपुर में पोस्टिंग हुई थी. 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने 26 लोगों की जान ले ली. इसी बीच कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार शॉ 23 अप्रैल 2025 को दोपहर 11:50 बजे, फिरोजपुर सेक्टर के क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान गलती से पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए, जिसके बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया.
रजनी ने क्विंट से बात करते हुए बताया,
"22 अप्रैल को रात में 8 बजे पूर्णम से मेरी बात हुई थी, उन्होंने कहा था कि मैं खाना खाकर सोने जा रहा हूं क्योंकि मेरी ड्यूटी है तो. फिर बात नहीं हुई. इसके बाद 23 अप्रैल को उनके एक कलीग का फोन आया और उन्होंने पूछा कि आखिरी बार आपकी पीके से कब बात हुई थी, मैंने कहा कल रात में. तब उन्होंने कहा कि पीके सुबह ड्यूटी पर गए थे, तब ही पाकिस्तान ने उनका अपहरण कर लिया है. मैंने विश्वास नहीं किया. लेकिन उन्होंने कहा अभी फिलहाल हमारे पास यही जानकारी है."
रजनी आगे कहती हैं, "11 बजे दिन में उन्हें पाकिस्तान ने हिरासत में ले लिया था. जब हमने दिल्ली हेडक्वार्टर कॉल किया तो उन लोगों ने भी कन्फर्म किया और कहां हां सच है."
बीएसएफ की ओर से जारी प्रेस रिलीज में लिखा है, "आज सुबह 10:30 बजे कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार शॉ को अटारी-वाघा सीमा पर बीएसएफ द्वारा पाकिस्तान से वापस लिया गया. कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार शॉ ड्यूटी के दौरान फिरोजपुर सेक्टर के क्षेत्र में 23 अप्रैल 2025 को लगभग 11:50 बजे गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे और उन्हें पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा हिरासत में लिया गया था."
BSF ने अपने प्रेस रिलीज में लिखा है,
"पाकिस्तान रेंजर्स के साथ नियमित फ्लैग मीटिंग्स और अन्य संचार माध्यमों के माध्यम से बीएसएफ के निरंतर प्रयासों के कारण, बीएसएफ कॉन्स्टेबल की वापसी संभव हो सकी है."
बता दें कि रजनी अपने पति के लिए पहले कांगड़ा, हिमाचल गईं फिर फिरोजपुर. वो कहती हैं, "हमें हर तरफ से ये आश्वासन मिल रहा था कि बात हो रही है, वो लौट आएंगे."
पूर्णम कुमार शॉ हुगली के रिशरा के रहने वाले हैं. पूर्णम का एक 8 साल का बेटा है और फिलहाल उनकी पत्नी प्रेग्नेंट हैं.