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श्रावस्ती के सील मदरसों को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी सरकार के फैसले पर आपत्ति जताते हुए श्रावस्ती के सील मदरसों को खोलने का आदेश दिया है. द क्विंट ने श्रावस्ती के सील मदरसों पर इनवेस्टिगेटिव रिपोर्ट की थी, जिसमें सामने आया था कि कैसे प्रशासन ने एक ही दिन 100 से ज्यादा मदरसों को एक जैसा नोटिस देकर कार्रवाई की थी. नोटिस में स्पष्ट वजह बताए बिना वैध मदरसों को भी सील कर दिया. कहीं-कहीं तो मदरसों पर नोटिस लगाकर तुरन्त निकाल लिया और फिर बुलडोजर से गिरा दिया गया. हाईकोर्ट के फैसले से द क्विंट की रिपोर्ट की पुष्टि होती है. द क्विंट की रिपोर्ट में भी यही खुलासा हुआ था.
कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की तरफ से कई जिलों के मदरसे शामिल थे, जिनमें मदरसा मुईनुल इस्लाम कासमिया, मदरसा रज़विया अहले सुन्नत, जामिया आईशा लिलबनात, मदरसा गौसिया सुलतानुल उलूम सहित कुल 30 से अधिक संस्थाएं थीं. इन मदरसों का आरोप था कि बिना किसी पूर्व सूचना या सुनवाई के उनके संचालन पर रोक लगा दी गई और परिसर को सील कर दिया गया. न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने आदेश दिए कि,
प्रशांत चंद्रा, वरिष्ठ अधिवक्ता, जो अविरल राज सिंह, अली मोइद और मोहम्मद यासिर वकीलों की सहायता से याचिकाकर्ताओं की ओर से उपस्थित हुए. नृपेन्द्र मिश्रा (Writ-C संख्या 5637/2025), उमेश सिंह (Writ-C संख्या 6097/2025), रत्नेश सिंह (Writ-C संख्या 7702/2025), अशोक शुक्ला, अपर महाधिवक्ता, संजीव सिंह, स्थायी अधिवक्ता (राज्य प्रतिवादीगण की ओर से) तथा कुमार आयुष, जो कुछ संबंधित याचिकाओं में बी.एस.ए. की ओर से उपस्थित हुए—सभी की बहस सुनी गई और अभिलेख पर प्रस्तुत सामग्री का अवलोकन किया गया.
इन सभी याचिकाओं में मुख्य चुनौती यह है कि मदरसों के संचालन को बिना सुनवाई का अवसर दिए रोका गया. कुछ मामलों में आदेश संलग्न हैं, जबकि अन्य में यह आरोप है कि कोई लिखित आदेश पारित नहीं हुआ, फिर भी याचिकाकर्ताओं को मदरसे चलाने से रोका जा रहा है, वह भी बिना सुनवाई का अवसर दिए.
इस न्यायालय ने इसी प्रकार के एक मामले में, Writ-C संख्या 4464/2025 में 14.05.2025 को निर्णय पारित किया था, जिसमें ऐसे आदेशों को रद्द कर दिया गया था और विधि के अनुसार नए आदेश पारित करने की स्वतंत्रता दी गई थी. बाद में कुछ अन्य याचिकाएं भी इन्हीं शर्तों पर निस्तारित की गईं.
न्यायालय का ध्यान कुछ ऐसे आदेशों की ओर भी आकर्षित किया गया, जिनमें यदि परिसर सील किए गए हों तो उन्हें खोलने के निर्देश दिए गए थे. वर्तमान मामले में भी प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि कुछ मामलों में बिना सुनवाई का अवसर दिए आदेश पारित किए गए हैं, और कुछ में याचिकाकर्ताओं के अनुसार उन्हें संस्थान चलाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. अतः इन याचिकाओं को इस टिप्पणी के साथ निस्तारित किया जाता है कि बिना सुनवाई का अवसर दिए पारित किए गए आदेशों को रद्द किया जाता है, और विधि के अनुसार, सुनवाई का अवसर देकर नए आदेश पारित करने की स्वतंत्रता दी जाती है.
जिन मामलों में आदेश संलग्न नहीं किए गए हैं, उनमें प्रतिवादीगण को यदि उचित समझें तो विधि के अनुसार, सुनवाई का अवसर देकर नए आदेश पारित करने की अनुमति दी जाती है.
यह भी स्पष्ट किया जाता है कि जिन याचिकाकर्ताओं के परिसरों को सील किया गया है, उन्हें संबंधित प्राधिकरण द्वारा तत्काल खोल दिया जाएगा.
उपर्युक्त टिप्पणियों के साथ सभी याचिकाएं निस्तारित की जाती हैं.
हाईकोर्ट के फैसले पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के कानूनी सलाहकार मौलाना सैयद काब रशीदी ने कहा, "23 जुलाई को हाईकोर्ट का जो आदेश है वह भी बहुत पॉजिटिव था. उसमें साफ-साफ कहा गया है कि मान्यता प्राप्त न होना, मदरसे को सील करने का ग्राउंड नहीं हो सकता है."
"डिपार्टमेंट के लोग अपनी ही सरकार के आदेश को नहीं मान रहे हैं. अब तो कोर्ट ने भी ये बात बोल दी है. ऐसी उम्मीद है कि अब आगे कम से कम ये तमाशा नहीं होना चाहिए."
किन-किन मदरसों को खोलने का आदेश दिया है-
मदरसा मोइनुल इस्लाम कासमिया समिति
मदरसा रज़विया अहले सुन्नत कंज़ुल उलूम
मदरसा अरबिया दारुल कुरान
मदरसा जामिया मसूदिया दारुल उलूम
जामिया आइशा लिलबनात शिक्षा समिति
मदरसा बैतुल उलूम, तहसील भिंगा, श्रावस्ती
मदरसा हिदायतुल उलूम समिति
मदरसा हमीदिया रियाज़ुल उलूम
मदरसा अहले सुन्नत वल जमात गौसुल उलूम
मदरसा मजहरे हक
मदरसा गौसिया गुलशन-ए-ग़ाज़ी मुख्तारुल उलूम
मदरसा मसूदिया फैज़ान-ए-अहमद रज़ा खैरी तराई, श्रावस्ती
दारुल उलूम गौसिया चिश्तिया ताजुल उलूम
मदरसा मसूदिया दारुल उलूम यतीम खाना
जामिया अबू बक्रा अनवारुल कुरान, जनपद श्रावस्ती
मदरसा इर्शादुल उलूम
मदरसा मिस्बाहुल उलूम
मदरसा इस्लामिया दारुल उलूम मजीदिया
मदरसा इमादुल उलूम कासमिया
मदरसा इरफानिया तहफीज़ुल कुरान
मदरसा अहले सुन्नत गौसिया इमाम अहमद खान
मदरसा दाई हलीमा लिलबनात शिक्षा समिति
मदरसा दारुल उलूम अहले सुन्नत गौसे आज़म
मदरसा गाज़िया गुलशन-ए-रज़ा अहले सुन्नत
मदरसा इस्लामिया अनवारुल इस्लाम समिति
मदरसा गौसिया सुल्तानुल उलूम
मदरसा अरबिया दारुल उलूम
एम.पी. मकतब इस्लामिया शिवतारा
मदरसा दारुल उलूम अहले सुन्नत महबूबे सुब्हानी
मदरसा अरबिया अमीर-उल-उलूम दरगाह