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(चेतावनी: इस लेख में आत्महत्या का जिक्र है. अगर आपके मन में आत्महत्या से जुड़े ख्याल आ रहे हैं या किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो संकट में है, तो कृपया उनसे संपर्क करें. आप स्थानीय आपातकालीन सेवाओं, हेल्पलाइन और मानसिक स्वास्थ्य NGO से यहां संपर्क कर सकते हैं.)
"वो कहती थी कि BLO के काम का इतना दबाव है कि कुछ संभल ही नहीं रहा था. कहीं से मदद नहीं मिली और वो अंदर ही अंदर टूट गई. सुबह हम समझे थे कि खाना बनाने गई है, लेकिन जब देखा तो वो फंदे से लटकी मिली."
यह कहना है सोको एक्का का, जिनकी पत्नी शांतिमणि एक्का की 19 नवंबर को आत्महत्या से मौत हो गई. पश्चिम बंगाल के मालबाजार की रहने वाली 51 वर्षीय शांतिमणि एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता थीं, जिन्हें बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी. परिवार का दावा है कि विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) के दौरान शांतिमणि अकेले ही पूरे बूथ का काम संभाल रही थीं.
परिवार का आरोप है कि काम के बढ़ते दबाव, गलत फॉर्म ठीक कराने की जिम्मेदारी और अधिकारियों द्वारा मदद न मिलने ने उन्हें मानसिक रूप से बेहद परेशान कर दिया था.
शांतिमणि का बीएलओ पहचान पत्र
द क्विंट को प्राप्त
शांतिमणि रंगमती ग्राम पंचायत के बूथ संख्या 20/101 की BLO थीं. चुनाव आयोग ने इस मामले में जलपाईगुड़ी जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी है, जबकि पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है.
इस मामले को लेकर मालबाजार पुलिस स्टेशन ने द क्विंट को बताया कि एक अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया है और पुलिस घटना की जांच कर रही है.
ऐसे ही कई मामले देश के अलग-अलग राज्यों से भी सामने आए हैं. चुनाव आयोग की 'विशेष गहन निरीक्षण' (SIR) प्रक्रिया के कारण कई BLOs ने मानसिक दबाव की बात उठाई है. केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और पश्चिम बंगाल में पिछले कुछ हफ्तों में अबतक पांच BLOs ने कथित रूप से आत्महत्या से अपनी जान गंवा दी.
इन मौतों के पीछे परिवारों का आरोप है कि BLOs पर SIR के दौरान लगातार बढ़ता कार्यभार, गलत फॉर्म ठीक कराने का दबाव और अधिकारियों की सख्ती अमानवीय स्तर तक पहुंच गई थी. वहीं उत्तर प्रदेश में सैकड़ों BLOs पर SIR का लक्ष्य पूरा न करने के आरोप में FIR दर्ज की गई हैं, जो इस दबाव की गंभीरता को और उजागर करता है.
इससे सवाल और गहरा होता है कि मौतों के पीछे आखिर क्या वजह थी और BLOs पर FIR क्यों हो रही हैं? एक-एक कर देखते हैं कि किन राज्यों में क्या कुछ हुआ.
राजस्थान के जयपुर में एक 36 साल के सरकारी शिक्षक की 16 नवंबर को आत्महत्या से मौत हो गई. वह जयपुर के झोटवाड़ा इलाके में बूथ लेवल ऑफिसर के रूप में भी काम कर रहे थे.
पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान मुकेश कुमार जांगिड़ के रूप में हुई है, जो कालवड़ गांव के रहने वाले थे और एक सरकारी स्कूल में तैनात थे. मुकेश चलती ट्रेन के सामने कूद गए.
बिंदायका थाना प्रभारी (HSO) विनोद वर्मा ने द क्विंट को बताया कि पुलिस को मुकेश की जेब से एक पर्ची मिली है और परिवार के आरोपों के आधार पर मर्ग रिपोर्ट (पुलिस द्वारा किसी संदिग्ध मौत के मामले में दर्ज की जाने वाली एक प्रारंभिक रिपोर्ट) दर्ज की गई है. उन्होंने कहा, हमें यह भी सूचना मिली है कि परिवार कुछ निजी परेशानियों से भी गुजर रहा था. फिलहाल हम पूरे मामले की जांच कर रहे हैं.”
गुजरात के एक BLO की कथित SIR के काम के प्रेशर के कारण 21 नवंबर को आत्महत्या से मौत हो गई. सुसाइड करने से पहले शिक्षक ने अपने कथित सुसाइड नोट में लिखा कि वह BLO के काम की वजह से मानसिक तनाव और थकान महसूस कर रहे थे.
अरविंद मुलजी वढेर (40 ) गिर सोमनाथ जिले के देवली गांव के रहने वाले थे और प्राइमरी स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्यरत थे.
पुलिस के अनुसार अरविंद की मौत सुबह अपने घर में फांसी लगाने से हुई.
अरविंद के भाई ने बताया, "उनकी जेब से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने साफ लिखा है कि 'मैं SIR की कामगिरी की वजह से सुसाइड कर रहा हूं'.
उन्होंने आगे बताया कि अरविंद पिछले कुछ दिनों से गहरे डिप्रेशन में थे. "23 तारीख तक 95% टारगेट पूरा करना हमारे लिए इंपॉसिबल जैसा था. कल रात भी हमारी 15 मिनट बात हुई थी, जिसमें उन्होंने यही चिंता जताई थी."
गिर सोमनाथ कलेक्टर एन. वी. उपाध्याय ने द क्विंट से कहा कि अरविंद ने किसी को अपनी परेशानी नहीं बताई. उनका काम पहले चरण में 43% पूरा हो चुका था और दूसरों की मदद भी कर रहे थे. घटना की रात उन्होंने काम पूरी निष्ठा से किया और उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला. कलेक्टर ने कहा कि मामले की निष्पक्ष समीक्षा केवल पुलिस रिपोर्ट के बाद होगी.
अरविंद मुलजी वढेर लिखा का कथित नोट
द क्विंट को प्राप्त
केरल के कन्नूर जिले में 16 नवंबर को एक बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की कथित रूप से काम के दबाव में आत्महत्या से मौत हो गई. BLO अनीश जॉर्ज 44 वर्ष के थे और पय्यानूर विधानसभा क्षेत्र के 18वें बूथ के लिए तैनात थे. अनीश एक सरकारी सहायता प्राप्त उप-प्राथमिक स्कूल में कार्यालय सहायक के रूप में भी काम कर रहे थे. उन्हें रविवार को उनके घर पर मृत पाया गया.
उनके पड़ोसी शिजू वी के ने बताया कि अनीश रविवार सुबह परिवार को चर्च ले गए थे और घर लौटने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया. शिजू के अनुसार अनीश कभी-कभी कुछ घरों की पहचान को लेकर भ्रमित हो जाते थे लेकिन लोगों की मदद से काम पूरा करने की कोशिश कर रहे थे.
मृतक अनीश जॉर्ज
जिले के कलेक्टर अरुण के विजयन ने प्रारंभिक जांच के आधार पर कहा कि फिलहाल काम के दबाव का कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला है.
मध्य प्रदेश के दतिया जिले के ग्राम सालोंन बी स्थित प्राइमरी स्कूल में 50 वर्षीय शिक्षक उदयभान सिहारे की 10 नवंबर को वॉशरूम में फांसी लगाने से आत्महत्या से मौत हो गई.
हाल ही में उदयभान को BLO का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था.
SIR प्रक्रिया के दौरान देश के कई राज्यों में BLOs की मौतों ने सवाल खड़े कर दिए हैं. परिवारों का आरोप है कि भारी कार्यभार, लंबी यात्राएं और दबाव से उनकी सेहत प्रभावित हुई. गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और तनाव के कारण कई मौतें हुईं.
गुजरात के कपड़वंज, नवापुरा प्राथमिक विद्यालय में 20 नवंबर 2025 को प्रिंसिपल और BLO रमेशभाई परमार की हार्ट अटैक से मौत हो गई. परिवार का कहना है कि SIR का भारी कार्यभार और रोजाना 94 किमी से अधिक की यात्रा उनकी सेहत पर भारी पड़ा.
मध्य प्रदेश के अलीराजपुर, उदयगढ़ जनपद पंचायत, ग्राम सोलिया में 19 नवंबर 2025 को BLO भुवान सिंह चौहान की तबीयत अचानक बिगड़ने से मौत हो गई. उन्हें 18 नवंबर को निलंबित किया गया था.
राजस्थान के सवाई माधोपुर, बहरावंडा खुर्द गांव में 19 नवंबर 2025 को BLO हरिओम बैरवा (34 वर्ष) को फोन पर अधिकारी से बात के कुछ ही मिनट बाद हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई. परिवार के अनुसार लगातार दबाव और तनाव उनके लिए चुनौतीपूर्ण था.
पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्दवान, मेमारी ब्लॉक में 9 नवंबर 2025 को महिला BLO की ब्रेन स्ट्रोक से मौत हुई. उनके पति का आरोप है कि SIR के काम के बढ़ते दबाव के कारण वह तनाव में थीं.
उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) अभियान के दौरान कई जिलों में सैकड़ों बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) के खिलाफ कार्रवाई हुई है, जिसमें एफआईआर दर्ज करना, वेतन रोकना और अनुशासनात्मक नोटिस जारी करना शामिल है, जबकि BLOs का कहना है कि स्टाफ की कमी, भारी जिम्मेदारियां और असंगठित कार्य-प्रणाली की वजह से काम करना बेहद दबाव वाला हो गया है.
बुलंदशहर के सिकंदराबाद विधानसभा क्षेत्र में SIR अभियान में लगातार लापरवाही बरतने वाले छह बूथ लेवल ऑफिसर्स के खिलाफ प्रशासन ने एफआईआर दर्ज की है. राजस्व निरीक्षक सुभाष चंद की तहरीर पर एक प्रधानाध्यापक, एक सहायक अध्यापक, तीन शिक्षामित्र और एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल हैं. प्रशासन ने इसे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 32 का उल्लंघन माना है.
चुनाव आयोग ने 27 अक्टूबर के आदेश के तहत नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में SIR अभ्यास शुरू किया. BLOs को हर घर जाकर वोटर्स के न्यूमेरेशन फॉर्म बांटने, भरवाने और ऐप/ECINet पर अपलोड करने का काम करना होता है. जिन्होंने फॉर्म जमा नहीं किए, उनके लिए कारण नोट करना पड़ता है. इसकी डेडलाइन 4 दिसंबर और ड्राफ्ट रोल 9 दिसंबर को जारी होंगे. इसके साथ ही साथ BLOs को अपना रेगुलर काम भी करना है जिससे दबाव और बढ़ गया है.
चुनाव आयोग के अनुसार, 21 नवंबर 2025 तक Special Intensive Revision (SIR) Phase II में कुल 50,97,44,423 मतदाताओं में से 50,43,01,458 मतदाताओं के न्यूमेरेशन फॉर्म फॉर्म बांटे जा चुके हैं, यानी लगभग 98.93% वितरण पूरा हो चुका है. वहीं, कुल 13,64,42,428 फॉर्म डिजिटाइज किए गए हैं, जो कि लगभग 26.77% है.
यूपी इनपुट- नौशाद आलम