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(सुरक्षा के लिहाज से इस स्टोरी में छात्रों के नाम गुप्त रखे गए हैं.)
"कोई बाहर नहीं निकल पा रहा है. हम घर तक नहीं जा पा रहे हैं. चौक पर चेकिंग हो रही है कि कौन हिंदू और कौन मुस्लिम है. अगर उन्हें पता चला कि हम कश्मीरी हैं तो हमें जान से मार देंगे."
ये कहना है उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पढ़ाई कर रहे 20 वर्षीय कश्मीरी छात्र का. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद उत्तराखंड में कश्मीरी छात्रों को दक्षिणपंथी समूहों की ओर से धमकियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसके बाद से छात्र डरे हुए हैं.
द क्विंट से बातचीत में देहरादून में पढ़ रहे एक कश्मीरी छात्र ने कहा, "हमें खुलेआम सोशल मीडिया पर धमकी दी जा रही है. देहरादून से निकल जाने के लिए कहा जा रहा है. यहां तक की लोग कॉलेज में घुसकर कश्मीरियों को बाहर निकालने की बात कह रहे हैं."
हालांकि, उन्होंने बताया कि कश्मीरी छात्रों को निजी तौर पर कोई धमकी नहीं मिली है. लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से वे और उनके घरवाले डरे हुए हैं.
बता दें कि देहरादून में हिंदू रक्षा दल के ललित शर्मा ने एक वीडियो जारी कर कश्मीर के लोगों को गुरुवार सुबह 10 बजे तक देहरादून छोड़ने का अल्टीमेटम दिया था. वीडियो में ललित शर्मा ने कहा, "कोई कश्मीरी मुसलमान हमें देहरादून में मिला तो उसका इलाज हम अवश्य करेंगे. कल (गुरुवार) 10 बजे से हिंदू रक्षा दल की टीम अपने-अपने घरों से निकलेगी और कहीं भी कश्मीरी मुसलमान मिलता है, उसका इलाज करेगी."
हिंदू रक्षा दल के ललित शर्मा
(फोटो: स्क्रीनशॉट)
धमकी भरे वीडियो के सामने आने के बाद देहरादून में ही पढ़ाई करने 22 वर्षीय कश्मीरी छात्र ने कहा, "हिंदू रक्षक दल के ललित शर्मा ने वीडियो जारी कर कश्मीरी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है. हमें देहरादून छोड़ने को लेकर अल्टीमेटम भी दिया है."
कश्मीरी छात्रा ने आगे कहा, "हमारे घरवालों ने भी ललित शर्मा का वीडियो देखा है. इसके बाद से वे लोग भी परेशान हैं. सुबह से कई कॉल आ चुके हैं."
पूरे मामले पर प्रेस को संबोधित करते हुए देहरादून SSP अजय सिंह ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के 1201 छात्र देहरादून में पढ़ाई कर रहे हैं, जिनकी लिस्टिंग की गई है. पुलिस द्वारा सभी छात्रों से संपर्क करने की कोशिश की गई है.
SSP सिंह ने बताया कि एक संगठन द्वारा भड़काऊ भाषण और हेट स्पीच के तहत सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई थी. संबंधित संगठन के अधिकारियों के खिलाफ पटेल नगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है.
कश्मीरी छात्रों और स्थानीय लोगों के साथ पुलिस की बैठक
(फोटो: द क्विंट द्वारा प्राप्त)
उत्तराखंड में पढ़ाई कर रहे एक छात्र ने बताया कि हिंदू रक्षा दल की धमकी के बीच कई कश्मीरी छात्र फ्लाइट्स से घर जा चुके हैं. वहीं कई छात्र परीक्षाओं की वजह से अभी रुके हुए हैं.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जो छात्र रुके हैं, वे सभी सुरक्षित हैं, "धमकी की वजह से कुछ बच्चे डर गए थे. फिलहाल अभी सब सेफ हैं. किसी भी छात्र को निजी तौर पर कोई कॉल नहीं आया है."
कश्मीरी छात्र अपने कुछ दोस्तों के साथ फ्लैट लेकर रहते हैं. वे बताते हैं कि मकान मालिक और आसपास के लोग उनका सपोर्ट कर रहे हैं.
इसके साथ ही वे कहते हैं, "हमारे संपर्क में 10-12 बच्चे हैं और सभी सुरक्षित हैं."
वहीं पंजाब के जालंधर में पढ़ाई में कर रहे एक कश्मीरी छात्र ने द क्विंट को बताया कि वे लोग हॉस्टल से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, "अपनी सुरक्षा की वजह से हम हॉस्टल हैं. हमें पता है कि बाहर क्या चल रहा है, इस वजह से हम लोग हॉस्टल में ही हैं."
वे बताते हैं कि करीब 200 कश्मीरी छात्र कॉलेज में हैं. वे आगे कहते हैं,
पहलगाम हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में भी कश्मीरी छात्रों से वापस जाने के लिए कहा. नासिर खुएहामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी है. अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा, "प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में कश्मीरी छात्रों और युवाओं के कई कॉल आए हैं. मकान मालिक सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए उन्हें तुरंत घर खाली करने के लिए कह रहे हैं."
इस मामले में द क्विंट से बातचीत में उन्होंने बताया, "बुधवार को हमें प्रयागराज से कॉल आया था. स्टूडेंट्स ने बताया कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, मकान मालिक ने उन्हें घर जाने के लिए कहा है."
वे आगे बताते हैं,
नासिर बताते हैं कि तीन छात्र वहां रह रहे थे. उनमें से दो छात्र रातों-रात घर वापस चले गए. वहीं एक छात्र ने मदद के लिए कॉल किया था.
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, "मैंने ये मामला मुख्यमंत्री कार्यालय के समक्ष उठाया है. मुझे आश्वासन मिला है कि इस मुद्दे को तत्परता से संबोधित किया जा रहा है और किसी को भी किसी भी बहाने से कश्मीरियों को परेशान करने, धमकाने या निशाना बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी."
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं. एक्स पोस्ट में उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर सरकार उन राज्यों की सरकारों के संपर्क में है, जहां से ये रिपोर्ट आ रही हैं. मैं इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के संपर्क में भी हूं और उनसे विशेष ध्यान देने की गुजारिश की है."
द क्विंट ने जम्मू और बेंगलुरु में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों से भी बात की और वहां किस तरह का माहौल है ये जानने की कोशिश की.
किसी प्रकार की परेशानी या फिर धमकी के सवाल पर जम्मू में पढ़ाई कर रहे 22 वर्षीय कश्मीरी छात्र कहते हैं कि ऐसा कुछ नहीं है. "मैं और मेरे सारे दोस्त सुरक्षित हैं. इस तरह की कोई बात नहीं है."
बेंगलुरु में बी फार्मा की पढ़ाई कर रहे 24 वर्षीय छात्र बताते हैं कि उन्हें भी किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है. वो कहते हैं,
बहरहाल, इन सबके बीच जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने कश्मीरी छात्रों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है. एसोसिएशन के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुएहामी ने छात्रों से अपील करते हुए कहा,
एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष उमर जमाल ने कहा कि तत्काल सहायता और स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय के लिए एक समर्पित रिस्पॉन्स टीम बनाई गई है.