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भारत बायोटेक के VP ने नहीं लिया ‘Covaxin’ का इंजेक्शन,फेक है दावा 

भारत बायोटेक ने वायरल तस्वीर पर स्पष्टीकरण दिया है

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सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है. दावा किया जा रहा है कि ये भारत बायोटेक के वाइस-प्रेजिडेंट पर भारत की पहली स्वदेशी COVID-19 वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल की तस्वीर है.

हालांकि भारत बायोटेक ने साफ किया है कि तस्वीर ब्लड सैंपल लेने की रूटीन प्रक्रिया को दिखाती है.

ये तस्वीर ऐसे समय में वायरल हुई है, जब ICMR ने दावा किया है कि भारत बायोटेक के साथ बनाई गई वैक्सीन को 15 अगस्त तक लॉन्च करने का लक्ष्य है.

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दावा

फोटो पर लिखा है: "भारत बायोटेक के वाइस-प्रेजिडेंट डॉ वीके श्रीनिवास कोरोना वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल लेते हुए. पहली डोज लेने के तुरंत बाद उन्होंने कहा कि वो भारत में इस वैक्सीन को लेने वाले पहले शख्स हैं."

सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस फोटो को फेसबुक और ट्विटर पर इसी दावे के साथ शेयर किया.

ये फोटो WhatsApp पर भी सर्कुलेट हो रही है.

हमें क्या मिला?

अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भारत बायोटेक ने स्पष्टीकरण जारी किया और लिखा कि वायरल हो रही तस्वीर "ब्लड सैंपल लेने की रूटीन प्रक्रिया' को दिखाती है.

इसके अलावा हमने देखा कि भारत बायोटेक के चेयरमैन और एमडी डॉ कृष्णा एला ने 2 जुलाई को NDTV से कहा था कि कोरोना वायरस वैक्सीन (Covaxin) के ह्यूमन ट्रायल 10 दिन में शुरू होंगे.

वैक्सीन इंजेक्ट करने की प्रक्रिया के बारे में दिल्ली-एनसीआर में क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ सुमित रे ने क्विंट को बताया, "इंजेक्ट की जाने वाली ज्यादातर वैक्सीन 'इंट्रामस्क्युलर या सबक्यूटेनसली' इंजेक्ट की जाती हैं."

वायरल फोटो में दिख रहा काला बैंड दिखाता है कि ब्लड सैंपल लिया जा रहा है. कोई भी वैक्सीन इंट्रावेनस (नसों में) नहीं दी जाती है.
डॉ सुमित रे

वहीं, फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज ने पाया कि क्लीनिकल ट्रायल्स रजिस्ट्री-इंडिया (CTRI) में रजिस्टर्ड BBV152 COVID-19 वैक्सीन (Covaxin) के डॉक्युमेंट के मुताबिक, वैक्सीन देने का तरीका इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन है.

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