ADVERTISEMENTREMOVE AD

सरकारी योजना के तहत सभी को मिलेंगे 10 हजार रुपये? नहीं, फेक है वीडियो

वीडियो में बतायी गई वेबसाइट, 'लोनपुर', किसी सरकारी योजना की आधिकारिक वेबसाइट नहीं है.

story-hero-img
i
Aa
Aa
Small
Aa
Medium
Aa
Large

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का एक हिस्सा, डीडी न्यूज के पत्रकार सुधीर चौधरी की एक क्लिप के साथ जोड़कर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इस वीडियो में बैंक अकाउंट में सीधा 10,000 रुपये मिलने की एक योजना का जिक्र हो रहा है.

क्या है मामला?: वीडियो में, पीएम मोदी लोगों से कहते हैं कि वो ऐसा पैसा पाने के हकदार हैं, जिसे उन्हें वापस नहीं करना पड़े.

  • इसके बाद, सुधीर चौधरी लोगों से कहते हैं कि अगर वो ये वीडियो 15 अक्टूबर से पहले देख रहे हैं, और अगर उनके पास वीडियो में दिख रहे बैंक में अकाउंट है, तो वो 10,000 रुपये पाने के हकदार हैं. इसके लिए उन्हें 'लोनपुर' वेबसाइट पर जा कर एक फॉर्म भरना पड़ेगा.

(इसी तरह के दूसरे दावे कर रहे पोस्ट्स के आर्काइव्स को यहां और यहां देखा जा सकता है.)

ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या ये सच है?: नहीं. इस तरह की कोई योजना नहीं है. झूठा दावा करने के लिए इस वीडियो के साथ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से छेड़छाड़ की गई है.

हमने ये सच कैसे पता लगाया ? :
दावे में जिस योजना का जिक्र किया गया था, उसे ढूंढने के लिए हमने 'सरकार 10000 अक्टूबर 15' जैसे कीवर्ड्स के साथ सर्च किया.

  • इससे हमें बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले महिलाओं को मिली आर्थिक मदद के रिजल्ट मिले. बिहार में पीएम मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेरोजगार महिलाओं को 10,000 रुपये देने की घोषणा की है.

हालांकि, हमें ऐसी किसी योजना के बारे में जानकारी नहीं मिली, जिसमें हर किसी के खाते में 10,000 रुपये दिए जाने का जिक्र हो, और न ही 15 अक्टूबर की डेडलाइन जैसी कोई खबर मिली.
  • वीडियो में, 'लोनपुर' नाम की एक वेबसाइट का जिक्र है, जिसपर फॉर्म भरने से 10,000 रपये मिलेंगे.

  • जब हमने इस वेबसाइट को देखा, तो हमने पाया कि इस वेबसाइट के URL के आखिर में '.net' लिखा था, न ही '.gov.in'.

  • इसके साथ ही, ये वेबसाइट किसी सरकारी वेबसाइट जैसी नहीं लग रही थी. असली सरकारी योजनाओं की वेबसाइट पर उससे संबंधित विभाग की भी जानकारी होती है, जैसे की प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) की वेबसाइट.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

हमने डोमेन सर्च टूल, Whois, पर भी इस URL को सर्च किया, जिससे हमें पता चला कि लोनपुर के डोमेन को अमेरिका के सैन होजे में निजी तौर पर रजिस्टर किया गया था.

इससे हमें अंदाजा मिला कि ये सरकारी वेबसाइट नहीं है. सरकारी वेबसाइट, नेशनल इंफॉर्मैटिक्स सेंटर द्वारा रजिस्टर की जाती हैं, और उनकी जानकारी असली होती है.

वीडियो का सच क्या है ? : क्योंकि वीडियो में दी गई जानकारी गलत है और वीडियो में चौधरी की आवाज सपाट और बनावटी लगती है, इसलिए हमने क्लिप को AI-जेनरेटेड कंटेंट का पता लगाने वाले टूल्स पर चलाया.

Hive Moderation टूल ने 99.9 फीसदी संभावना जताई कि वीडियो में "AI-जेनरेटेड या डीपफेक कंटेंट है."

ADVERTISEMENTREMOVE AD
  • Hiya के AI वॉयस डिटेक्टर ने ऑडियो को 100 में से 1 नंबर दिए. इसका कहना था कि ऑडियो के डीपफेक होने की संभावना काफी है.

निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर एक AI-जेनरेटेड वीडियो इस गलत दावे के साथ वायरल हो रहा है कि एक वेबसाइट पर रजिस्टर करने पर लोगों को बैंक अकाउंट में 10,000 रुपये मिलेंगे.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर  9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं.? )

Speaking truth to power requires allies like you.
Become a Member
Monthly
6-Monthly
Annual
Check Member Benefits
×
×