सोशल मीडिया पर एक पोस्ट काफी वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि हाल ही में पता चला है कि महाराष्ट्र के हिंगोली में 14 हजार महिलाएं कैंसर से पीड़ित हैं.
यूजर्स ने क्या कहा ? : मीडिया संगठनों की आलोचना करते हुए, '@satyaagrahindia' नाम के एक प्रीमियम X (पहले ट्विटर) यूजर ने लिखा कि सरकार की संजीवनी स्कीम के बाद इस मामले का पता चला है.
क्या हैं फैक्ट्स ? : हालिया न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र के हिंगोली में स्क्रीनिंग के बाद 14,000 महिलाओं में 'कैंसर जैसे लक्षण' पाए गए हैं.
हमें कैसे पता चली सच्चाई ? : हमने "हिंगोली महाराष्ट् कैंसर" जैसे शब्दों को सर्च किया, जिससे हमें न्यूज एजेंसी PTI की एक रिपोर्ट मिली.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर ने विधानसभा में बताया कि हिंगोली में 14,500 महिलाओं में "कैंसर जैसे लक्षण" पाए गए हैं. संजीवनी योजना के तहत स्क्रीनिंग के दौरान इसका पता लगा है.
आबिटकर ने आगे बताया कि एक महिला में ब्रेस्ट कैंसर, 8 में ओरल कैंसर और 3 में गर्भाशय का कैंसर पाया गया है. ये जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल दावे को भ्रामक साबित करती हैं.
केवल लक्षण से नतीजे पर पहुंचना कितना सही ? : टीम वेबकूफ ने यूनाइटेड किंगडम की नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) की आधिकारिक वेबसाइट को चेक किया, जहां कैंसर के लक्षणों के बारे में जानकारी दी गई है.
इसके मुताबिक, ज्यादातर लक्षण आम हैं और ये दूसरे कारणों से भी हो सकते हैं.
वेबसाइट में साफ तौर पर लिखा है, "इन लक्षणों का होना इसकी पुष्टि नहीं करता है कि शख्स को कैंसर है, लेकिन GP (जनरल प्रैक्टिशनर) से जांच कराना जरूरी है."
ये दावा भ्रामक क्यों है ? : ये साफ है कि किसी में लक्षण पाए जाने का मतलब ये नहीं है कि वो किसी खास बीमारी से पीड़ित है.
निष्कर्ष : साफ है कि महाराष्ट्र के हिंगोली में 14 हजार महिलाओं के कैंसर पीड़ित होने की खबर भ्रामक है.
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