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FACT CHECK: इजरायल-हमास जंग का नहीं मेडल फेंकते अमेरिकी सैनिकों का ये वीडियो

Fact Check: अमेरिकी सैनिकों का ये वीडियो मई 2012 का है, जिन्होंने अफगानिस्तान और इराक में युद्ध के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया था.

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें अमेरिकी (USA) के सैनिकों को माइक पर बोलते देखा जा सकता है. इस वीडियो को इजरायल - हमास (Israel - Hamas) के बीच चल रही जंग से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.

क्या है दावा?: दावा किया जा रहा है कि इजरायल के हमले में मारे गए गाजा के नागरिकों को देखकर 40000 अमेरिकी सैनिकों ने नौकरी छोड़ दी और मेडल वापस कर दिए.

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वीडियो कैप्शन में लिखा गया है, ''#Gaza में मासूमों को मरता देख कर 40,000 US FORS के जवानों ने आर्मी की नोकरी छोड़ी इनमे से ज्यादातर वो जवान थे जिन्होने #Iraq #Syria #Palestine #Libya जैसे देशों मे जंग लड़ी है और बड़े मेडल भी प्राप्त किए है उन्हें लौटा दिया के लिए शर्म की बात है'' (SIS)

(ऐसे और भी पोस्ट के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.)

सच क्या है?: ये वीडियो न तो हाल का है और न ही इसका इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध से कोई संबंध है.

  • ये वीडियो मई 2012 का है. तब इराक और अफगानिस्तान में लड़ चुके अमेरिकी सैनिकों ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए शिकागो में एक मार्च में अपने मेडल सड़क पर फेंक दिए थे.

हमने सच का पता कैसे लगाया?: वायरल वीडियो के अलग-अलग कीफ्रेम्स को चेक करने पर हमने पाया कि इसमें 'Democracy Now' जैसा कुछ लिखा दिख रहा है.

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  • यहां से क्लू लेकर हमने यूट्यूब पर 'Democracy Now' कीवर्ड के साथ सर्च किया, तो इसी नाम से एक वेरिफाइड यूट्यूब चैनल मिला.

  • हमने चैनल पर जरूरी कीवर्ड्स के साथ सर्च किया तो हमें 21 मई 2012 का एक वीडियो मिला.

  • 15 मिनट 43 सेकेंड के इस वीडियो के टाइटल में बताया गया है कि इराक और अफगानिस्तान में जंग में गए अमेरिकी सैनिकों ने नाटो शिखर सम्मेलन में अपने मेडल लौटाए.

  • इस वीडियो के 3 मिनट 11 सेकेंड, 3 मिनट 35 सेकेंड, 6 मिनट 34 सेकेंड के हिस्सों में वायरल वीडियो वाले विजुअल देखे जा सकते हैं.

  • डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, ये वीडियो अमेरिका के शिकागो का है और 20 मई का है, जहां नाटो का शिखर सम्मेलन होना था.

  • यहां इराक और अफगानिस्तान युद्ध में शामिल हो चुके सैनिकों के साथ-साथ 'अफगान फॉर पीस' के सदस्यों ने एक शांति मार्च निकाला था और करीब 50 सैनिकों ने अपने मेडल सड़क पर फेंक दिए.

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प्रदर्शन से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट्स: हमें The New York Times, Al Jazeera और CNN जैसी न्यूज वेबसाइटों पर 20 मई 2012 को शिकागो में हुए इस आयोजन से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट्स भी मिलीं.

  • रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शन में सैनिक अमेरिका के नेतृत्व में हो रहे अफगानिस्तान और इराक में युद्धों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा रहे थे. सैनिक प्रतीकात्मक रूप से अपने मेडल वापस करना चाहते थे.

  • हजारों लोगों की रैली में स्थिति बिगड़ गई और पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़प भी हुई.

  • हमने 40000 अमेरिकी सैनिकों के इस्तीफे से जुड़ी खबरें भी सर्च कीं. लेकिन हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिलीं.

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निष्कर्ष: इजरायल-हमास के बीच जंग 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुई, जबकि ये वीडियो मई 2012 का है यानी 11 साल पहले का. जिसे इस झूठे दावे से शेयर किया जा रहा है कि इजरायल के हमले में गाजा में मारे गए मासूमों को देखकर 40 हजार अमेरिकी सैनिकों ने अपने मेडल वापस कर दिए.

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(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)

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