सोशल मीडिया पर इंडिया टीवी के एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा का एक वीडियो शेयर किया जा रहा है. इस वीडियो में रजत शर्मा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान की बात कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने भारत को 'डेड इकनॉमी' कहा है.
इस वीडियो में, शर्मा को भारत पर लगाए गए अमेरिकी टैरिफ और ट्रंप के टेक कंपनियों से भारतीयों को नौकरी पर न रखने की अपील पर बात करते देखे जा सकते हैं. इसके साथ ही वो ये भी दावा कर रहे हैं कि टैरिफ पर जवाबी कार्रवाई में भारत सरकार ने अमेरिका को भेजी जाने वाली जेनरिक दवाओं के निर्यात में 50 फीसदी की कटौती की है और साथ ही रूस से कच्चे तेल का आयात भी बढ़ा दिया है.
उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए संघर्ष में सीजफायर कराने का दावा करने वाले ट्रंप के बार-बार दिए गए बयानों का भी जिक्र किया.
लेकिन...? : इस वीडियो को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) टूल्स की मदद से बनाया गया है. ये वीडियो असली नहीं है.
हमें सच कैसे पता चला?: सबसे पहले, हमने अमेरिका को दवा एक्सपोर्ट में कटौती के बारे में न्यूज रिपोर्ट्स खोजीं, लेकिन हमें इसे लेकर कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली.
इसके बाद, हमने ये वीडियो ढूंढने के लिए रजत शर्मा और इंडिया टीवी के सोशल मीडिया और यूट्यूब चैनल्स को खंगाला (लिंक्स, यहां, यहां, यहां, यहां और यहां), लेकिन हमें इन प्लेटफॉर्म्स पर ऐसा कोई वीडियो नहीं मिला.
वीडियो को ध्यान से देखने पर, रजत शर्मा की आवाज सपाट लगती है, और ऑडियो के साथ उनके माउथ मूवमेंट मैच नहीं करते, मतलब ऑडियो और वीडियो आपस में मेल नहीं खाता.
इससे लगता है कि इस वीडियो को AI की मदद से बनाया गया है.
क्या ये AI है ? : इसे वेरिफाई करने के लिए, हमने वीडियो के एक हिस्से को AI पहचानने वाले ऑनलाइन सॉफ्टवेयर Hive Moderation पर चेक किया.
इस टूल के मुताबिक, 99 फीसदी संभावना है कि इसका ऑडियो AI-जेनरेटेड या डीपफेक कंटेट है.
DAU का विश्लेषण: इस वीडियो पर और विश्लेषण के लिए हमने इसे मिसइंफॉर्मेशन कॉम्बैट अलाएंस (MCA) की डीपफेक एनालिसिस यूनिट (DAU) के साथ भी शेयर किया.
वीडियो के लंबे होने के कारण (8 मिनट से ज्यादा), इसे तीन हिस्सों में बांटा गया, ताकि बेहतर विश्लेषण किया जा सके.
वीडियो के पहले सेक्शन पर DAU की रिपोर्ट में, Hive के AI ऑडियो क्लासिफायर ने पाया कि पूरा ऑडियो AI की मदद से तैयार किया गया है.
Eleven Labs के स्पीच क्लासिफायर ने पाया कि इसकी "काफी संभावना" है कि ऑडियो उनके टूल्स की मदद से बनाया गया था.
इसमें दो जगह पर ट्रंप के चेहरे को लेकर भी चिन्हित किया गया है. इसमें कहा गया है कि दो जगह ऐसा लगता है कि वीडियो में AI की मदद से छेड़छाड़ की गई है.
पहले सेक्शन के लिए, Hiya के ऑडियो इंटेलीजेंस टूल ने कहा कि ऑडियो "असली" है, लेकिन इसकी संभावना कम दिखाई.
ये भी बताया कि Eleven Labs के स्पीच क्लासिफायर ने पाया कि इसकी "काफी संभावना" है कि ऑडियो उनके टूल्स की मदद से बनाया गया था.
जबकि Hive के ऑडियो क्लासिफायर और Eleven Labs के रिजल्ट दूसरे दो सेक्शन के लिए भी एक जैसे ही रहे, दूसरे सेक्शन के विश्लेषण में, Hiya का कहना था कि उस पार्ट का ऑडियो "AI जेनरेटेड या मॉडिफाईड" लगता है, लेकिन इस रिजल्ट में उसने कम विश्वास दिखाया. इससे पता लगता है कि डीपफेक का पता लगना कितना मुश्किल होता जा रहा है.
इसी तरह, Hiya के टूल्स ने तीसरे सेक्शन के लिए भी अलग रिजल्ट दिखाया.
इसके मुताबिक, आखिरी सेक्शन में ऑडियो असली है.
इसी सेक्शन में, Hive ने फिर से ट्रंप के चेहरे को डीपफेक विजुअल्स बताकर फ्लैग किया. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बगल में खड़े एक शख्स का चेहरा भी चिन्हित किया.
निष्कर्ष: AI की मदद से तैयार किए गए ऑडियो वाला एक वीडियो इस झूठे दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि सीनियर जर्नलिस्ट रजत शर्मा ने भारत पर अमेरिकी टैरिफ और भारत के अमेरिका को दवा एक्सपोर्ट पर ये बातें कहीं.
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