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PM का CM योगी के नाम लिखा बताकर शेयर किया जा रहा ये लेटर फेक है

वायरल हो रहे इस फेक लेटर में पीएम मोदी के हस्ताक्षर भी हैं.

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पीएम मोदी के नाम से यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखा गया एक फेक लेटर (फर्जी पत्र) सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस फेक लेटर में ऐसा दिखाया गया है कि पीएम मोदी की ओर से 'हिंदू राष्ट्र' के लिए सीएम योगी के 'योगदान' की सराहना लिखी गई है.

लेटर में लिखा है कि पीएम मोदी ने अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के सीएम के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और राज्य सरकार ने जिले के लिए 1000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. लेटर में ''भगवाकरण'' के लिए योगी आदित्यनाथ की 'कड़ी मेहनत' की सराहना भी की गई है.

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दावा

इस लेटर को कई यूजर्स ने ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा है कि, ''The hidden truth of Modi government is exposed, BJP is engaged in making the country a Hindu nation''

(हिंदी अनुवाद- ''मोदी सरकार का छुपा हुआ सच सामने आ गया है, बीजेपी देश को हिंदू राष्ट्र बनाने में जुटी है.'')

क्विंट को Whatsapp टिपलाइन में इस लेटर से जुड़ी एक क्वेरी भी आई थी.

पड़ताल में हमने क्या पाया

पीएम मोदी के नाम से सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखा गया ऐसा ही एक फेक लेटर अगस्त 2020 में भी वायरल हुआ था, जिसको PIB fact-check ने फेक बताया था.

इन दोनों ही लेटर में लिखा पहला वाक्य एक ही है. इसके अलावा, अन्य कई वाक्य हैं जो एक जैसे हैं.

हमें वायरल हो रहे लेटर में लिखने के तरीकों में कमियां भी नजर आईं. पीएम मोदी की ओर से क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना को भेजे गए ओरिजिनल लेटर में तारीख, दिन-महीना-साल (DD Month, YYYY) फॉर्मैट में लिखी है. वहीं वायरल लेटर में महीना-दिन-साल (Month DD, YYYY) फॉर्मैट में लिखी है.

मोदी की ओर से सीएम योगी आदित्यनाथ को देवनागरी में लिखे गए ओरिजिनल लेटर और क्रिकेटर्स के लिए लिखे गए ओरिजिनल लेटर में, पाने वाले का पता सबसे नीचे लिखा गया है.

कई न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के यूपी सरकार के प्रस्ताव को 26 फरवरी को ही केंद्र से मंजूरी मिल गई थी. जबकि वायरल लेटर में इसके बाद की तारीख लिखी है.

सीएम ने तब कहा था कि राज्य सरकार की ओर से जिला प्रशासन को 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जबकि केंद्र ने 250 करोड़ रुपये दिए थे.

यूपी सरकार की फैक्ट चेकिंग टीम ने भी ट्विटर पर इस लेटर को फेक बताया है.

मतलब साफ है कि सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के नाम से वायरल हो रहा ये लेटर फेक है. क्विंट की वेबकूफ टीम ने इसके पहले भी फेक लेटर से संबंधित इसी तरह के एक दावे को खारिज किया था, जिसमें दावा किया गया था कि पीएम मोदी ने अयोध्या फैसले पर सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों वाली संविधान पीठ को "हिंदू राष्ट्र के लिए शानदार योगदान" के लिए बधाई दी थी.

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