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पप्पू यादव के रोने का पुराना वीडियो बिहार बंद प्रदर्शन से जोड़ा जा रहा

ये वीडियो साल 2018 का है, और इसे गलत संदर्भ में बिहार बंद से जोड़ा जा रहा है.

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बिहार के पूर्णिया से सांसद, राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव (Pappu Yadav) का मीडिया के सामने रोने का वीडियो क्लिप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर काफी शेयर किया जा रहा है. वीडियो शेयर करने वालों ने वीडियो को विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा वोटर लिस्ट में संशोधन के खिलाफ बुलाए गए बिहार बंद से जोड़ा है.

(इसी तरह के दूसरे दावों के आर्काइव्स को यहां और यहां देखा जा सकता है.)

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क्या ये दावा सच है?: नहीं, ये दावा झूठा है.

  • ये क्लिप साल 2018 की है, जब मुजफ्फरपुर में प्रदर्शनकारियों द्वारा कथित हमले के बाद यादव रोने लगे थे.

हमें क्या पता चला ? : हमने वीडियो को अलग-अलग स्क्रीनशॉट्स में बांटा और उनमें से कुछ पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया.

हमने ये सच कैसे पता लगाया? : हमने वीडियो को अलग-अलग स्क्रीनशॉट्स में बांटा और उनमें से कुछ पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया.

  • हमें 6 सितंबर 2018 को द क्विंट पर अपलोड हुआ एक यूट्यूब वीडियो भी मिला.

  • वीडियो के डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, 'भारत बंद' के दौरान 'नारी बचाओ यात्रा' के लिए जाते समय पप्पू यादव पर प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर हमला कर दिया था, जिसके बाद पत्रकारों से बात करते समय वो भावुक हो गए थे.

  • इससे साफ होता है कि घटना विपक्षी पार्टियों द्वारा बुलाए गए बिहार बंद से पहले की है.

  • यादव ने मीडिया को बताया था कि मुजफ्फरपुर में महिला सुरक्षा वॉकथॉन के लिए जाते समय प्रदर्शनकारियों एक समूह ने उनपर हमला किया.

  • इस रिपोर्ट में यादव के कार में बैठकर रोने वाले विजुअल्स भी थे, जो वायरल वीडियो से मैच करते हैं.

  • अमर उजाला ने भी 2018 में इस घटना को कवर किया था.

  • सितंबर 2018 में, 35 जाति समूहों ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) एक्ट में किए गए बदलावों के विरोध में 'भारत बंद' का आयोजन किया था.

  • इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यसभा ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को पलटने वाले बिल को मंजूरी दी थी, जिसमें एक्ट के तहत आरोपी व्यक्ति की तत्काल गिरफ्तारी के प्रावधान को खत्म कर दिया गया था, और गिरफ्तारी से पहले पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच अनिवार्य कर दी गई थी.

निष्कर्ष: पप्पू यादव का एक पुराना वीडियो हाल ही में बुलाए गए बिहार बंद से गलत तरीके से जोड़कर वायरल किया जा रहा है.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर  9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं.)

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