रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने के लिए भारी भीड़ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
दावा: वीडियो को शेयर करने वाले लोगों का दावा है कि पुलिस की तरफ से 'आई लव मोहम्मद' प्रदर्शन के बाद हुई कथित हिंसा में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है, जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग बरेली छोड़कर भागते दिखे.
क्या ये दावा सच है?: नहीं, ये वीडियो 21 अगस्त का है, यानी कि ये बरेली में शुरू हुए 'आई लव मोहम्मद' विवाद के बाद हुई हिंसा से पहले का है
हमें पड़ताल में क्या मिला ? : सबसे पहले, हमने वीडियो को अलग-अलग स्क्रीनशॉट्स में बांटा, और उनमें से कुछ पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया.
इससे हमें द लीडर हिंदी नाम के एक यूट्यूब चैनल पर यही वीडियो मिला. इसे 21 अगस्त को पोस्ट किया गया था.
वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा था, "उर्स ए रजवी के बाद स्टेशन पर भीड़."
इस वीडियो को 21 अगस्त को द लीडर हिंदी के इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी अपलोड किया गया था.
इससे साफ होता है कि ये वीडियो बरेली में हुई हिंसा से पहले का है.
दैनिक जागरण की अगस्त की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उर्स ए रजवी 18 से 20 अगस्त के बीच आयोजित किया गया था.
उर्स ए रजवी, बरेली में दरगाह आला हजरत पर इमाम अहमद रजा खान की बरसी पर आयोजित होने वाला तीन दिन का कार्यक्रम है.
बरेली में पुलिस एक्शन: द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने 8 लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें मौलवी और इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के नेता तौकीर रजा खान भी शामिल हां. तौकीर रजा खान की 'आई लव मोहम्मद' कैंपेन के समर्थन में विरोध प्रदर्शन करने की अपील के बाद 26 सितंबर को बरेली में हिंसा भड़क गई थी.
अमर उजाला की खबर के मुताबिक, पुलिस इस हिंसा की 92 फुटेज की जांच कर रही है, जिसमें प्रदर्शनकारी बैरीकेड तोड़ते और हाथापाई करते देखे जा सकते हैं.
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि नये संदिग्धों की लगातार पहचान की जा रही है, वहीं, 150 सीसीटीवी कैमरों की दोबारा जांच की जा रही है.
निष्कर्ष: ये वीडियो बरेली से ही है, लेकिन इसका सितंबर में हुई हिंसा से कोई संबंध नहीं है. ये वीडियो 21 अगस्त का है.
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