ADVERTISEMENTREMOVE AD

किसान के शव की 7 महीने पुरानी फोटो, गलत दावे से वायरल

पंजाब में हुई किसान की मौत की पुरानी फोटो को दिल्ली सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन से जोड़कर शेयर किया जा रहा है

Published
story-hero-img
i
Aa
Aa
Small
Aa
Medium
Aa
Large

सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर की जा रही है जिसमें नीली पगड़ी पहने एक बुजुर्ग व्यक्ति सड़क पर पड़ा हुआ है. इस फोटो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि ये फोटो एक किसान की है जिसकी मौत कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के दौरान हुई है.

हालांकि, पड़ताल करने पर हमने पाया कि ये फोटो तो एक किसान की ही है लेकिन इसकी मौत दिल्ली बॉर्डर में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन में नहीं हुई है. ये तस्वीर भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के एक वरिष्ठ नेता की है. ये व्यक्ति 20, जुलाई 2020 को बठिंडा में गुरु नानक देव थर्मल प्लांट को बंद करने के पंजाब सरकार के आदेश के खिलाफ विरोध कर रहा था और उसके कुछ देर बाद ही इसकी मौत हो गई थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दावा

एकता क्रांति (Ekta Kranti) नाम के पेज पर 8 जनवरी, 2021 को इस तस्वीर को इस कैप्शन के साथ शेयर किया गया था, ''बाबा जी को नमन, इनकी मौत आज सुबह दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में हो गई''.

कई यूजर फेसबुक और ट्विटर पर इसी तरह की अन्य पोस्ट शेयर कर रहे हैं जिनमें इस किसान की मौत को दिल्ली बॉर्डर में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन से जोड़ा जा रहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पड़ताल में हमने क्या पाया?

वायरल हो रही इस तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमने पाया कि जुलाई, 2020 से इस तरह के कई पोस्ट सोशल मीडिया में किए जा चुके हैं जिनमें इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है. इसी तरह की एक पोस्ट पंजाब की एक विधायक सरबजीत कौर मानुके ने अपने फेसबुक पेज पर की थी.

इस पोस्ट में 6 तस्वीरें थीं. इसके कैप्शन में लिखा गया था, ''श्री गुरु नानक देव थर्मल प्लांट, बठिंडा के बंद करने के सरकार के आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में किसान यूनियन के एक वरिष्ठ नेता की हुई मौत.''

फेसबुक पर इस तरह की पोस्ट की जानकारी लेकर कीवर्ड सर्च करने पर हमें पता चला कि 2 जुलाई, 2020 को इंडियन एक्सप्रेस अखबार में एक रिपोर्ट छपी थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक जोगिंदर सिंह नाम के ये व्यक्ति संगरूर जिले के चीमा गांव का था.

इस रिपोर्ट में लिखा गया है कि 55 साल का बुजुर्ग किसान बठिंडा में श्री गुरु नानक देव थर्मल प्लांट के बंद होने के आदेश का विरोध कर रहा था और प्रदर्शन में कुछ देर बाद बैठने के बाद ही इसकी मौत हो गई.

कई रिपोर्ट के मुताबिक ''उसके पास भारतीय किसान यूनियन (उग्राहां) का झंडा और एक पोस्टर मिला था. इस पोस्टर में लिखा था कि वह थर्मल प्लांट की जमीन को बेचे जाने के फैसले के खिलाफ हैं और इसके विरोध में अपनी जान का बलिदान दे रहे हैं.''

हमें पंजाब केसरी में एक अन्य रिपोर्ट मिली जिसकी हेडलाइन में लिखा गया था, ''श्री गुरु नानक देव थर्मल प्लाट के बंद होने के आदेश के विरोध में बैठे व्यक्ति की हई मौत''.

1 जुलाई, 2020 को पब्लिश रिपोर्ट में सरबजीत कौर मानुके की उस फेसबुक पोस्ट से एक तस्वीर का इस्तेमाल किया था जिसमें किसान की मौत के बारे में लिखा गया था. इस रिपोर्ट में लिखा था कि मौत की असली वजह अब तक पता नहीं चल पाई है.

मतलब साफ है कि जुलाई 2020 की एक पुरानी तस्वीर को इस झूठे दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि इस किसान की मौत कृषि कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में हुई है.

Speaking truth to power requires allies like you.
Become a Member
Monthly
6-Monthly
Annual
Check Member Benefits
×
×