ADVERTISEMENTREMOVE AD

वायरल। मस्जिद के अंदर पीटा जा रहा ये शख्स दलित नहीं है, सच जानिए

हापुड़ के एसपी ने खुद मार खा रहे  शख्स के दलित न होने की पुष्टि की है

story-hero-img
i
Aa
Aa
Small
Aa
Medium
Aa
Large

क्या है दावा?

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था, इस वीडियो के साथ ये दावा किया जा रहा था कि एक दलित आदमी को कुछ लोगों ने मस्जिद में ले जाकर बहुत मारा. ये वीडियो ट्विटर पर शैलेंद्र प्रताप नाम के शख्स ने पोस्ट किया था जिसे गृह मंत्री अमित शाह भी फॉलो करते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इस वीडियो में एक शख्स को कुछ लोग घेरकर मार रहे हैं और फर्श पर गिरा शख्स उनसे रुकने के लिए गुहार लगा रहा है. ये वीडियो ट्विटर पर वायरल हुआ था और 1300 लाइक्स के साथ इसे 1800 बार रीट्वीट किया गया था. साथ ही इस वीडियो को Whatsapp पर भी शेयर किया गया था.

सही या गलत?

क्विंट की पड़ताल में पता चला है कि वीडियो के साथ फैलाई जा रही बात गलत है. ये वीडियो उत्तर प्रदेश के हापुड़ की है. वीडियो सही है लेकिन मारने वाले लोग और पीड़ित शख्स दोनों ही मुस्लिम समुदाय के हैं. मार खाने वाला शख्स दलित नहीं है.

पड़ताल में क्या मिला?

वीडियो देखने के बाद पता चला कि मामला फोन चोरी का था. फिर हमने गूगल पर "man beaten inside mosque for stealing Uttar Pradesh,” सर्च किया. सर्च करने पर हमें दैनिक भास्कर की एक खबर मिली जिसमें इस घटना का जिक्र था.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक. हापुड़ में मोबाइल फोन चोरी के शक में एक युवक को कमरे में बंधक करके पीटा गया था. इस युवक का नाम समीर है और इसे कुछ लोगों ने थोड़े समय के लिए अपने कब्जे में कर तब तक पीटा था जब तक की उसके घरवाले मौके पर नहीं पहुंचे थे. समीर के घरवालों ने उसको बंधक से छुड़वाया और हॉस्पिटल ले गए. जिन लोगों ने समीर को पीटा था उन्होंने उसका वीडियो भी बनाया.

हापुड़ के एसपी यशवीर सिंह ने क्विंट से बात करते हुए इस बात की पुष्टि की है कि वीडियो में जिस शख्स को मारा जा रहा है वो दलित नहीं है.

29 मई को समीर नाम के शख्स को मोबाइल फोन के चोरी के शक में मारा गया था. मारने वाले सभी लोग मुसलमान थे जो बुलंदशहर के रहने वाले हैं. हालांकि इन लोगों ने कहा है कि समीर ने फोन चोरी किए थे लेकिन हमने कोई भी फोन बरामद नहीं किया है.
यशवीर सिंह, एसपी हापुड़

उन्होंने आगे कहा अभी मामला बातचीत से सुलझाने की कोशिश की जा रही है. जब ये घटना हुई थी उस वक्त पुलिस को किसी ने भी सूचित नहीं किया था.

2 जून को समीर के भाई जीशान ने शिकायत दर्ज कराई थी. आईपीसी की धारा 323 और 504 के तहत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

Published: 
Speaking truth to power requires allies like you.
Become a Member
Monthly
6-Monthly
Annual
Check Member Benefits
×
×