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मुर्शिदाबाद हिंसा का बताकर ट्रकों में जा रहे लोगों का पुराना वीडियो वायरल

न ही ये वीडियो हाल का है, और न ही इसका मुर्शिदाबाद में जारी हिंसा से कोई संबंध है.

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कई ट्रकों में लोगों को भर के ले जाया जा रहा है. यूजर्स इस वीडियो को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद (Murshidabad Violence) में हुई हिंसा से जोड़ रहे हैं.

यूजर्स ने क्या कहा ? : एक X (पहले ट्विटर) यूजर ने क्लिप को शेयर करते हुए लिखा, "उनकी तैयारी पुरी चुकी है वो तैयार हैं!! और आप? बंगाल"

(इसी तरह के दूसरे दावों के आर्काइव्स को यहांयहां और यहां देखा जा सकता है.)

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क्या ये सच है ? : ये वीडियो दिसंबर 2024 का है और इसका मुर्शिदाबाद हिंसा से कोई संबंध नहीं है. ये वीडियो असल में मध्य प्रदेश के घासीपुरा का है.

हमने कैसे पता लगाया ? :
हमने वीडियो वेरिफिकेशन टूल 'InVID' की मदद से वीडियो को कई कीफ्रेम्स में बांटा और उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया.

  • इससे हमें एक इंस्टाग्राम हैंडल पर 17 मार्च को पब्लिश हुआ वही वीडियो मिला, जिससे पता चलता है कि वीडियो हाल का नहीं है.

  • क्लिप में एक दूसरे इंस्टाग्राम अकाउंट का वॉटर मार्क लगा था - '@ABID.SHEIK315'.

  • इंस्टाग्राम पर ये यूजरनेम सर्च करने पर, हमने देखा कि यूजर ने यही वीडियो 3 दिसंबर 2024 को शेयर किया था.

  • प्लेटफॉर्म पर इस पोस्ट पर छह लाख से ज्यादा लाइक्स आ चुके थे.

  • हमने इंस्टाग्राम अकाउंट खंगाला, जिससे हमें कुछ और पोस्ट मिले, जो कि इसी इवेंट के नजर आ रहे थे.

  • एक क्लिप में 'इज्तिमा की खिदमत' लिखा था, वहीं एक दूसरी क्लिप में लोकेशन भोपाल की बतायी गई थी. आप इन वीडियोज को यहां और यहां देख सकते हैं.

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न्यूज रिपोर्ट्स : नवभारत टाइम्स में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक, 77वीं आलमी तब्लीगी इज्तिमा 2 दिसंबर 2024 को घासीपुरा में आयोजित होने जा रही थी, जो कि भोपाल से करीब 14 किलोमीटर दूर है.

  • रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इज्तिमा के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भारी संख्या में लोगों की भीड़ इकट्ठी हुई थी, और इज्तिमा का समापन सामूहिक प्रार्थना के साथ होना था.

जगह के बारे में कैसे पता लगा?: हमें वीडियो के बैकग्राउंड में एक साइनबोर्ड दिखा, जिसपर लिखा था, "सचिन टेंट सप्लायर्स."

यहां से अंदाजा लेकर हमने गूगल मैप पर ये लोकेशन ढूंढी. हम उस सटीक जगह का पता लगाने में सफल रहे, जहां से वीडियो रिकॉर्ड किया गया था.

विजुअल्स की तुलना : टीम वेबकूफ ने इसके बाद वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स और गूगल मैप्स पर मौजूद विजुअल्स की तुलना की, और पाया कि दोनों की लोकेशन एक ही है.

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निष्कर्ष: इससे साफ होता है कि वीडियो पुराना है और इसका मुर्शिदाबाद में जारी हिंसा से कोई संबंध नहीं है.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर  9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं.)

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