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कुंभ में हुई पत्थरबाजी नहीं बगवाल मेले का है यह वायरल वीडियो

वीडियो में कोई उग्र लड़ाई नहीं हो रही बल्कि एक पर्व मनाया जा रहा है जिसे बगवाल मेला के नाम से जाना जाता है.

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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जारी महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh 2025) में मची भगदड़ के बाद तमाम तरह की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. इस बीच एक ऐसा भी वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें भीड़ के दो गुटों को आपस में पत्थरबाजी करते हुए देखा जा सकता है.

दावा: इस पोस्ट को शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि यह महाकुंभ की वीडियो है और वहां दो गुटों के बीच में यह पत्थरबाजी हुई है.

( ऐसे ही दावे करने वाले पोस्ट के अर्काइव यहां और यहां देख सकते हैं. )

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क्या यह दावा सही है ? नहीं, यह दावा सही नहीं है.

  • यह वीडियो महाकुंभ का नहीं है, नाही यह वीडियो प्रयागराज का है.

  • इस वीडियो में कोई उग्र लड़ाई नहीं हो रही बल्कि एक पर्व मनाया जा रहा है जिसे बगवाल : देवीधुरा मेला के नाम से जाना जाता है.

  • बगवाल मेला उत्तराखंड के देवीधुरा में रक्षाबंधन के मौके पर मनाया जाता है.

हमने सच का पता कैसे लगाया ? हमने वायरल वीडियो पर Google Lens की मदद से इमेज सर्च ऑप्शन का इस्तेमाल किया.

  • हमारी सर्च में हमें इन तस्वीरों के साथ Bagwal Mela 2024 लिखा दिखाई दिया. यहां से अंदाजा लगाकर हमने इससे मिलते-जुलते कीवर्ड्स इंटरनेट पर सर्च किए.

  • हमारी सर्च में हमें 'मुस्तकीम अहमद' नाम के Youtube चैनल पर पोस्ट की गई यही वीडियो मिली.

  • यह वीडियो 20 दिसंबर 2024 को पोस्ट किया गया था और इसमें लिखा था "बग्वाल"

  • इमेज सर्च के दौरान हमें इंस्टाग्राम हैंडल पर पोस्ट की गई क्लिप का एक पुराना वर्जन मिला.

  • इसे 21 अगस्त 2024 को पोस्ट किया गया था जिसमें यूजर्स ने इस वीडियो को बगवाल का बताया था.

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न्यूज रिपोर्ट: अमर उजाला की रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तराखंड के वरही धाम देवीधुरा में रक्षाबंधन के अवसर पर पहली बार दो बार बगवाल खेली गई थी.

  • इसमें कहा गया है कि बगवाल स्थानीय लोगों द्वारा खेली जाती है, जिसमें एक समूह खुद का बचाव करता है और इसके साथ ही दूसरे समूह द्वारा फेंके गए फल, फूल या पत्थर को वापस फेंकता है.

  • रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बगवाल करीब 11 मिनट तक चली और इसमें करीब 212 लोग घायल भी हुए. हालांकि, प्राथमिक उपचार के बाद सभी को छुट्टी दे दी गई.

  • इसमें कहा गया है कि बगवाल पहले पत्थरों का इस्तेमाल करके खेली जाती थी, लेकिन अब इसे फलों और फूलों के साथ खेला जाता है.

  • दैनिक जागरण की इस रिपोर्ट में त्योहार के कई दृश्य दिखाए गए, जो वायरल क्लिप से मेल खाते हैं.

निष्कर्ष: यह साफ है कि यह वीडियो पुराना है और 2025 में होने वाले महाकुंभ से इसका कोई संबंध नहीं है.

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(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर  9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं.)

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