लेह में पुलिस अधिकारियों की प्रेस ब्रीफिंग का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो लेह में हिंसा भड़कने के बाद लद्दाखी एक्टिलिस्ट सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के संबंध में पुलिस के बयान को लेकर है.
पुलिस ने वीडियो में क्या कहा?: वीडियो में, एक अधिकारी लद्दाख में हुई हिंसा के दौरान जान गंवाने वालों और घायलों की संख्या के बारे में जानकारी दे रहे हैं.
वो आगे कहते हैं कि सोनम वांगचुक को गिरफ्तार करने के आर्डर सीधा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के ऑफिस से आए थे और वांगचुक पर 'पाकिस्तानी एजेंट' होने का भी आरोप लगाने को कहा गया था.
अधिकारी ने इसके बाद लेह के लोगों से अपील की कि वो पुलिस पर हमला न करें, क्योंकि वो केवल ऊपरी आदेश का पालन कर रहे हैं. उन्होंने लोगों से अपनी समस्या लेकर बीजेपी दफ्तर जाने को कहा, और कहा कि वो केवल "नौकर हैं" और "इस गिरफ्तारी में उनका कोई रोल नहीं है."
हमें कैसे पता चला?: हमने लेह प्रशासन के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स पर प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो ढूंढा, जिससे हमें लेह, लद्दाख के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के आधिकारिक फेसबुक पेज पर ये वीडियो मिला.
इसमें लिखा है कि ये लेह के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर (ADC), गुलाम मोहम्मद और एडिशनल एसपी, रेगजीन संगदूप की प्रेस ब्रीफिंग है.
वीडियो में, ADC गुलाम मोहम्मद लद्दाख में हुई हिंसा के बाद मृतकों, घायलों और अस्पताल से डिस्चार्ज हुए लोगों की संख्या के बारे में जानकारी दे रहे हैं. वो साथ ही ये भी बताते हैं कि कुछ लोगों को इलाज के लिए दिल्ली भेजा गया है.
इसके बाद उन्होंने लोगों से कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की.
दावे से उलट, आधिकारिक प्रेस ब्रीफिंग में सोनम वांगचुक, अमित शाह या बीजेपी का कोई जिक्र नहीं हुआ.
वहीं, वायरल दावे में, अमित शाह का जिक्र आते ही ऑडियो क्वालिटी और ADC की आवाज में बदलाव देखा जा सकता है, जिससे इशारा मिलता है कि इस वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है.
हमने इस वीडियो को बफैलो यूनिवर्सिटी के मीडिया फोरेंसिक लैब के टूल, Deepfake-O-Meter पर चेक किया, जिससे पता चला कि ऑडियो के AI-जेनरेटेड होने के काफी ज्यादा चांस हैं.
इस टूल ने वीडियो के भी AI-जेनरेटेड होने की ओर इशारा किया.
अन्य AI-पहचान उपकरणों द्वारा जानकारी: काफी जांच करने के बाद, हमने वीडियो को मिसइंफॉर्मेशन कॉम्बैट अलायंस (MCA) के डीपफेक एनालिसिस यूनिट (DAU) के साथ शेयर किया, जिन्होंने इसे AI-जेनरेट कंटेंट का पता लगाने वाले अलग-अलग टूल्स पर चेक किया.
जहां Hive Moderation के टूल को वीडियो में कोई AI-जेनरेटेड कंटेंट नहीं मिला, वहीं, Hiya का कहना था कि "आवाज AI से बनी या बदली हुई लगती है."
स्विस डीप-टेक कंपनी Aurigin.ai के टूल ने भी ऑडियो के 82 फीसदी हिस्से को AI-जेनरेटेड पाया.
PIB की सफाई: प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के फैक्ट-चेक विभाग ने भी इस दावे को लेकर अपने X अकांउट पर एक पोस्ट किया है. PIB ने कहा है कि वीडियो के साथ AI की मदद से छेड़छाड़ की गई है.
निष्कर्ष: सोनम वांगचुक और अमित शाह को लेकर झूठा दावा करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से बदले गए एक वीडियो को शेयर किया जा रहा है.
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