सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल है, जिसमें भारतीय सेना के एक पुलिस अफसर और दो महिला अफसर दिख रही हैं. फोटो देखने पर लग रहा है कि महिलाएं उन्हें सम्मानित कर रही हैं. वायरल हो रही दूसरी फोटो में तिरंगे में लिपटा एक ताबूत है. दावा किया जा रहा है कि एक ही परिवार के तीन सदस्य, पिता और दोनों बेटियां देश की सेवा करते हुए शहीद हो गए.
क्या ये सच है ? : नहीं, वायरल वीडियो में दिख रहे शख्स लेफ्टिनेंट जनरल डीपी सिंह हैं. 2024 की इस फोटो में उनकी दोनों बेटियां हैं, जो भारतीय सेना में ही अफसर हैं. ये दोनों डीपी सिंह को कार्यभार संभालने का बैज पहनाती दिख रही है. पोस्ट में किया जा रहा ये दावा सच नहीं है कि ये तीनों शहीद हो गए हैं.
दूसरी फोटो में जो ताबूत रखे दिख रहे हैं वो साल 2018 की है. जब सीमा पार से हुई फायरिंग में BSF के तीन जवान शहीद हो गए थे.
हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : पहली तस्वीर को गूगल लेंस के जरिए सर्च करने पर हमें द इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट मिली, जिसमें यही फोटो थी.
4 नवंबर 2024 को छपी इस रिपोर्ट के मुताबिक लेफ्टिनेंट जनरल डी पी सिंह ने पुणे में मिलिट्री इंटेलिजेंस ट्रेनिंग स्कूल एंड डिपो (MINTSD) का कार्यभार संभाला, जहां उनकी थ्री-स्टार रैंक के बैज उनकी दो बेटियों ने लगाए. ये दोनों भी भारतीय सेना में अधिकारी हैं.
कई सोशल मीडिया पोस्ट्स में हमें दूसरे एंगल से ली गई इस सैरेमनी की अन्य तस्वीरें भी मिलीं. इनमें दोनों बेटियां अपने पिता को बैज पहनाती दिख रही हैं.
दूसरी फोटो
दूसरी फोटो को गूगल लेंस के जरिए सर्च करने पर हमें फोटो स्टॉक वेबसाइट Getty Images पर एक फोटो मिली.
कैप्शन में बताया गया है कि तस्वीर 13 जून 2018 की है. इसमें BSF के चार जवानों के शव के ताबूत हैं. ये जवान सीमा पार से हुई फायरिंग के दौरान शहीद हुए थे.
इस फोटो को वायरल पोस्ट में शामिल फोटो से साफ हो रहा है कि ये एक ही जगह की हैं.
भारत सरकार की एजेंसी PIB ने भी वायरल हो रहे पोस्ट में किए गए दावे को गलत बताया है.
निष्कर्ष : सोशल मीडिया पर वायरल एक ही परिवार के तीन अफसरों की फोटो को लेकर हो रहा दावा गलत है.
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