पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एकादशी के व्रत को लेकर एक पोस्ट वायरल हो रही है. इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि मेडिसिन में 2018 का नोबेल प्राइज जीतने वाले तासूकू होंजो और जेम्स एलिसन ने कैंसर का खतरा कम करने के लिए एकादशी का व्रत रखने को कहा है.
वायरल पोस्ट में इन दोनों रिसर्चर के हवाले से कहा जा रहा है कि एकादशी का व्रत रखने से कैंसर की आशंका 90 फीसदी तक कम हो जाती है. इतना ही नहीं, ये भी दावा किया जा रहा है कि इसी खोज की वजह से उन्हें नोबेल प्राइज मिला.
इस पोस्ट के मुताबिक, इन दोनों रिसर्चर का कहना है कि साल में 20 दिन 10 घंटे भूखे रहने से कैंसर होने की आशंका 90 फीसदी कम हो जाती है, क्योंकि जब शरीर में खाना नहीं पहुंचता, तो वो कैंसर के सेल को खत्म करने लगता है. और इसी रिसर्च के लिए जापान के तासुको होंजो और अमेरिका के जेम्स एलिसन को मेडिसिन में नोबेल प्राइज से सम्मानित किया गया है.
क्या है सच्चाई?
- जिन दो रिसर्चर की फोटो का इस्तेमाल किया गया है, वो नोबेल प्राइज पाने वाले तासूको होंजो और जेम्स एलिसन हैं.
- उन्हें 2018 में फिजियोलॉजी और मेडिसिन में अपने काम के लिए नोबेल प्राइज मिला है, न कि कैंसर से लड़ने के लिए व्रत रखने की खोज पर.
इन रिसर्चर ने इम्यूनोथेरेपी, यानी शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता पर बेहतरीन काम किया है. इनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है चेक पॉइंट इन्हीबिटर ड्रग, जो शरीर में कैंसर सेल्स से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है.
जाहिर है सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाह बिलकुल गलत है.
( क्या आपने भी ऐसी कोई जानकारी पढ़ी है जिसकी सच्चाई आप जानना चाहेंगे? lतो हमें लिख भेजिए WebQoof@TheQuint.com पर और हम उसकी जांच करेंगे. आप ऐसे और वायरल खबरों की सच्चाई यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं)