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कोरोना पर फेक न्यूज से निपटने के लिए TikTok ने लॉन्च किया ये फीचर

फेक न्यूज TikTok की हमेशा से दिक्कत रही

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सोशल मीडिया ऐप TikTok ने 30 अप्रैल को ऐलान किया कि उसने एक फीचर जोड़ा है जिसके जरिए ऐप के अंदर ही COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी के बारे में रिपोर्ट किया जा सकता है. कोरोना वायरस महामारी के बीच TikTok पर गलत जानकारी फैलने की दिक्कत काफी बढ़ गई है.

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TikTok ने बताया कि उसने COVID-19 को ध्यान में रखते हुए गलत जानकारी की दिक्कत का मुकाबला करने के लिए कई कदम उठाए हैं.

ये नया रिपोर्टिंग फीचर सभी यूजर के लिए कई फेज में उपलब्ध होगा. ये फीचर लोगों को ऐसे किसी कंटेंट को रिपोर्ट करने की सहूलियत देगा, जो उन्हें लगता है कि जानबूझकर धोखा देने के लिए बनाया गया है. ऐसा करने के लिए यूजर को ऐप में 'मिसलीडिंग इन्फॉर्मेशन' केटेगरी चुननी होगी. इसी केटेगरी में COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारियों के लिए एक सब-केटेगरी भी है.

यूजर जब किसी COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी की खबर देता है, तो वो ‘प्रायोरिटी मॉडरेशन क्यू’ में चली जाती है. इसे संभालने के लिए कंपनी की कई टीमों के सदस्यों की एक ‘टास्कफोर्स’ मौजूद है. इसके बाद इस जानकारी को थर्ड-पार्टी फैक्ट-चेकर के पास भेजा जाता है.  

फैक्ट-चेकिंग के काम के लिए TikTok ने IFCN-सर्टिफाइड विश्वास न्यूज से साझेदारी की है. विश्वास न्यूज जागरण ग्रुप का फैक्ट-चेकिंग विभाग है.

इसके अलावा TikTok ने 35 लाख रुपये के मिसइन्फॉर्मेशन रिसर्च ग्रांट के लिए प्रस्ताव आमंत्रित करने का ऐलान किया है. ये कंपनी की उस पहल का हिस्सा है, जिसके जरिए वो जानना चाहती है कि गलत जानकारी कैसे और क्यों फैलती है और इसके नेगेटिव प्रभाव से कैसे डील किया जाए.

फेक न्यूज TikTok की हमेशा से दिक्कत रही

TikTok लंबे समय से फेक न्यूज की 'बाढ़' से जूझ रहा है. कोरोना वायरस महामारी में ये समस्या और ज्यादा बढ़ गई है.

अप्रैल की शुरुआत में इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय (MeitY) ने TikTok और Helo से कहा था कि वो अपने प्लेटफॉर्म्स से ऐसे यूजर को हटाएं, जो फेक न्यूज और गलत जानकारी फैलाते हों.

MeitY ने ये कदम दिल्ली स्थित डिजिटल लैब Voyager Infosec की उस रिपोर्ट के बाद उठाया था, जिसमें कहा गया है कि महामारी के बीच टिकटॉक पर मुस्लिमों को कोरोना वायरस पर भ्रमित करने वाले फेक वीडियो में इजाफा हुआ है. 

क्विंट के पास MeitY का टिकटॉक और हेलो को भेजा गया मेमो है. इसके मुताबिक, मंत्रालय ने प्लेटफॉर्म्स से ऐसे सभी यूजर को हटाने को कहा. इसके साथ ही ये सुनिश्चित करने को कहा कि ऐसे वीडियो वायरल न हों और हटाए भी जाएं. मंत्रालय ने इन वीडियो की जानकारी संभाल के रखने के निर्देश दिए हैं, ताकि कानूनी एजेंसियों के साथ इन्हें साझा किया जा सके.

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