सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें पहाड़ पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ दिख रही है. वीडियो को अरावली पर्वत से जुड़े हालिया विवाद से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. दावा है कि ये लोग तब पहुंचे, जब पर्वत को काटा जा रहा था.
क्या है विवाद ? : नवंबर 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने अरावली पर्वतमाला को लेकर “100 मीटर की परिभाषा” को मजूरी दे दी थी. इसके मुताबिक, सिर्फ वही पहाड़ अरावली का हिस्सा माने जाएंगे जो आसपास की ज़मीन से 100 मीटर या उससे ज़्यादा ऊंचे हों. इससे कम ऊंचाई वाले कई इलाके पर्यावरण संरक्षण के दायरे से बाहर हो सकते हैं और वहां खनन व निर्माण का रास्ता खुल सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस फैसले से अरावली का करीब 90 प्रतिशत हिस्सा नुकसान की जद में आ सकता है.
क्या ये सच है ? : नहीं, वायरल वीडियो अरावली पर्वत का नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के सरगुजा का है, जहां कोयले के खनन के लिए अधिग्रहित की जा रही जमीन का स्थानीय लोगों ने भारी विरोध किया था. इस दौरान खदान खाली कराने गए पुलिसकर्मियों पर कथित तौर पर हमला भी हुआ था.
हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट को गूगल लेंस के जरिए सर्च करने पर हमें इससे मिलते - जुलते विजुअल दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में मिले. रिपोर्ट में बताया गया है कि ये घटना छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के परसोढ़ी गांव की है. यहां अमेरा खदान के विस्तार के विरोध में चल रहा ग्रामीणों का प्रदर्शन 3 दिसंबर 2025 को हिंसक हो गया. इस दौरान 25 पुलिसकर्मी घायल भी हुए.
ABP न्यूज की रिपोर्ट में हमें वही वीडियो मिला, जिसका हिस्सा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यहां भी वीडियो के साथ यही जानकारी दी गई है कि ये छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले का है.
निष्कर्ष : छत्तीसगढ़ के सरगुजा के वीडियो को अरावली विवाद से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.
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