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जामा मस्जिद जाकर क्या चंद्रशेखर ने जमानत शर्तों का उल्लंघन किया?

हाथ में भारत के संविधान की किताब लिए जामा मस्जिद पहुंचे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद

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भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद तिहाड़ जेल से आने के बाद जामा मस्जिद पहुंचे. रिहा होने के अगले दिन, 17 जनवरी को चंद्रशेखर ने जामा मस्जिद में पहुंचकर देश का संविधान पढ़ा. आजाद के जामा मस्जिद जाने के बाद ये खबरें आने लगीं कि वो अपनी जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं, वो अगले चार हफ्तों तक दिल्ली नहीं आ सकते. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया कि चंद्रशेखर कोर्ट की रोक के बावजूद जामा मस्जिद गए.

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हालांकि, अगर दिल्ली सेशन कोर्ट के बेल ऑर्डर को ध्यान से देखा जाए तो पता चलता है कि चंद्रशेखर आजाद अपनी जमानत की शर्तों का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं. 15 जनवरी को दिए गए इस ऑर्डर में जज कामिनी लाउ ने कहा है कि आजाद रिहा होने के 24 घंटों के अंदर जामा मस्जिद, जोर बाग और गुरु रविदास मंदिर जा सकते हैं. ये बेल ऑर्डर देखिए:

दिल्ली पुलिस ने भी चंद्रशेखर आजाद की जमानत की शर्तों पर सफाई देते हुए कहा, 'तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद दिल्ली छोड़ने के लिए उनको 24 घंटे का समय दिया गया है. वो जामा मस्जिद पर कोई विरोध प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं.'

मीडिया ने किए गलत दावे

जब चंद्रशेखर आजाद के जामा मस्जिद में होने की तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हुईं, तो कुछ मीडिया ऑर्गेनाइजेशन ने चलाया कि वो बेल ऑर्डर का उल्लंघन कर रहे हैं. टाइम्स नाउ ने भी अपने बुलेटिन में गलत जानकरी दी.

वहीं, न्यूज18 हिंदी ने भी इसी तरह से ट्वीट किया- 'कोर्ट की रोक के बावजूद जामा मस्जिद पहुंचे चंद्रशेखर आजाद.'

मेल टुडे ने भी लिखा कि चंद्रशेखर आजाद ने दिल्ली कोर्ट के ऑर्डर का उल्लंघन किया.

मिड-डे के सीनियर जर्नलिस्ट गौरव सरकार ने भी दावा किया कि चंद्रशेखर ने जामा मस्जिद जाकर कोर्ट के फैसले का उल्लंघन किया है. हालांकि अब उन्होंने ये ट्वीट डिलीट कर दिया है.

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संविधान की किताब हाथ में लिए जामा मस्जिद पहुंचे आजाद

चंद्रशेखर हाथ में संविधान की किताब लेकर जामा मस्जिद पहुंच. वहां उन्होंने कहा-

‘शांतिपूर्ण विरोध हमारी ताकत है. सभी धर्मों के लोग जो हमारा समर्थन करते हैं, उन्हें बड़ी संख्या में हमारे साथ मिलकर यह साबित करना चाहिए कि ये विरोध अकेले मुसलमानों के नेतृत्व में नहीं हैं.’

बता दें, नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ विरोध करने के दौरान दिल्ली पुलिस ने उन्हें 20 दिसंबर को जामा मस्जिद से ही गिरफ्तार किया था. जिसके बाद उन्हें 25 दिनों तक जेल में रहना पड़ा.

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