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बेंगलुरु के महालक्ष्मी मर्डर केस को लेकर झूठे सांप्रदायिक दावे वायरल

पुलिस ने मामले के मुख्य आरोपी की पहचान मुक्ति रंजन रॉय के रूप में की है, जिसकी कर्नाटक से भागने के बाद आत्महत्या से मौत हो गई थी.

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सोशल मीडिया यूजर्स ने कर्नाटक के बेंगलुरु में एक महिला की हत्या के बारे में पोस्ट शेयर करते हुए दावा किया है कि ये 'लव जिहाद' का मामला है.

'लव जिहाद' (Love Jihad) दक्षिणपंथियों द्वारा इस्तेमाल होने वाला एक शब्द है, जिसमें एक साजिश का दावा किया जाता है. दावा है कि इस साजिश में मुस्लिम पुरुष, हिंदू महिलाओं को शादी के लिए फंसाते हैं और जबरन उनका धर्म परिवर्तन कराते हैं.'

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दावा : पोस्ट को शेयर करने वाले लोगों ने दावा किया है कि पीड़ित की पहचान महालक्ष्मी के रूप में हुई है, जिसकी हत्या अशरफ नाम के शख्स ने की है, जिसके साथ उसका कथित तौर पर एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर चल रहा था.

  • X प्लेटफॉर्म पर कई जानी-मानी हस्तियों और प्रीमियम अकाउंट्स ने इसी दावे के साथ खबरें शेयर कीं, जिसमें आरोपी की पहचान अशरफ के रूप में की गई है.

  • इसमें बीजेपी कर्नाटक, ऋषि बागरी, अरुण पुडुर और Wokeflix और मीडिया संस्थान DNA इंडिया शामिल है.

(इसी तरह के दूसरे दावों को यहांयहांयहां और यहां देखा जा सकता है.)

लेकिन...? : कई न्यूज रिपोर्ट्स, बेंगलुरु पुलिस और भद्रक पुलिस ने मुख्य आरोपी की पहचान मुक्ति रंजन रॉय (या राय) के रूप में हुई है.

मामले पर न्यूज रिपोर्ट्स: हमने इस केस के बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए 'महालक्ष्मी बेंगलुरु मर्डर' नाम के कीवर्ड्स से गूगल सर्च किया.

  • इससे हमें इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें पुलिस सूत्रों का हवाला देते हुए कहा गया था कि मामले का मुख्य आरोपी मुक्ति रंजन रॉय ओडिशा भाग गया था, जहां उसने कथित तौर पर अपनी मां के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया था.

  • एक दूसरी रिपोर्ट में कहा गया है कि महालक्ष्मी की शादी हेमंत दास नाम के शख्स से हुई थी, लेकिन वो अलग हो गए थे. दास ने मामले में संदिग्ध के तौर पर अशरफ का नाम लिया था, जिसके बारे में उन्हें लगा कि लक्ष्मी का उसके साथ अफेयर है.

  • एबीपी न्यूज के एक आर्टिकल में, जिसमें न्यूज एजेंसी PTI के हवाले से कहा गया है, कि अशरफ को शुरू में बेंगलुरु पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया गया.

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  • हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में भी इसी तरह की जानकारी दी गई है. इसमें आगे लिखा है कि रॉय ने अपने गांव, ओडिशा के भद्रक भागने के लिए अपने भाइयों की मदद ली, जहां आत्महत्या से उसकी मौत हो गई.

  • भद्रक के एसपी वरुण गुंटुपल्ली ने द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि पुलिस को संदेह है कि हत्या में 'गिरफ्तारी के डर' से रॉय ने ये कदम उठाया.

मीडिया में पुलिस का बयान: हमे न्यूज एजेंसी ANI द्वारा शेयर की गई एक पुलिस अधिकारी की बाइट भी मिली, जिसमें उन्होंने आरोपी की पहचान मुक्ति रंजन रॉय के रूप में की है. उन्होंने बताया कि उसकी मौत के बाद पुलिस ने 'अप्राकृतिक मौत' का मामला दर्ज किया है और बेंगलुरु पुलिस के साथ सहयोग कर रही थी.

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  • उन्होंने बताया कि उन्हें रॉय का एक नोट भी मिला, जिसमें उसने हत्या का जुर्म कबूल किया था.

  • बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर बी दयानंद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से बात की, जहां उन्होंने रॉय और नोट मिलने को लेकर इसी तरह की बात बतायी.

  • उन्होंने ये भी कहा कि 27 सितंबर तक बेंगलुरु पुलिस को ओडिशा में मामला विचाराधीन होने के कारण नोट की कॉपी नहीं मिली थी, और वो मामले की आगे जांच करेंगे.

  • इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो बेंगलुरु सिटी पुलिस के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया है, जिसमें 19:04 बजे उन्हें इस बारे में बात करते हुए देखा जा सकता है.

रिपोर्ट लिखे जाने के वक्त न तो मामला आगे बढ़ा था, और न ही केस बंद हुआ है.

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