सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पदयात्रा के दौरान मुस्लिमों ने मुगल शासक औरंगजेब की तस्वीरें दिखाईं और भड़काऊ नारे लगाए.
वायरल पोस्ट में क्या लिखा है ?: एक X (पूर्व में ट्विटर) प्रीमियम यूजर ने एक क्लिप शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, "बाबा धीरेंद्र शास्त्री जी की पदयात्रा को मुसलमानो ने औरंगजेब की फोटो दिखाकर नारे लगाए औरंगजेब तेरा बाप औरंगजेब तेरा बाप, हिंदुओं ने बड़ी शांति का परिचय दिया. "
सच क्या है?: इस वीडियो में असल में मोहम्मद जावेद की रैली के वीडियो दिखाए गए हैं, जो महाराष्ट्र की औरंगाबाद सेंट्रल सीट से चुनाव लड़ रहे थे.
वायरल वीडियो की पड़ताल: हमने वायरल क्लिप को ध्यान से देखने पर एक पोस्टर पाया जिसमें लोगों से जावेद कुरैशी को वोट देने का आग्रह किया गया था. लोकेशन की पहचान औरंगाबाद के रूप में की गई थी.
इसके अलावा, हमने देखा कि शिवसेना (SS) का चुनाव चिन्ह और भारतीय जनता पार्टी (BJP) का झंडा भी देखा जा सकता है. दोनों पक्षों को नारे लगाते देखा जा सकता है.
यहां से अंदाजा लेते हुए, हमने "जावेद हुसैन औरंगाबाद रैली औरंगजेब" शब्दों का इस्तेमाल करके एक कीवर्ड सर्च किया जिससे हमें 'जावेद कुरैशी' नाम के इस फेसबुक हैंडल पर अपलोड किया गया यही वीडियो मिला.
यह वीडियो 18 नवंबर को छपा था और इसके कैप्शन में लिखा था, "औरंगाबाद मध्य वंचित के उमीदवार जावीद कुरेशी कि रेली में आमने सामने प्रदीप जायसवाल से भिड़े औरंगजेब (rh) फोटो दिखाकर जिंदाबाद के नारे लगाए."
अन्य सोर्स: हमें जावेद कुरैशी के समर्थकों द्वारा मुगल शासक औरंगजेब की तस्वीरें उठाने की ऐसी ही अन्य वीडियो 'औरंगाबाद अपडेट्स' नाम के एक असत्यापित यूट्यूब चैनल पर मिले.
इसका टाइटल था, "औरंगाबाद सेंट्रल: कार्यकर्ता औरंगजेब की तस्वीर लेकर जावेद कुरैशी की बाइक रैली में पहुंचे और जिंदाबाद के नारे लगाए."
औरंगाबाद सेंट्रल सीट के बारे में विस्तृत जानकारी: जावेद कुरैशी वंचित बहुजन आघाडी पार्टी के उम्मीदवार थे. वे चौथे स्थान पर रहे, जबकि शिवसेना उम्मीदवार प्रदीप जायसवाल को विजेता घोषित किया गया था.
धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा: धीरेंद्र शास्त्री के आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल के मुताबिक उनकी पदयात्रा 21 से 29 नवंबर तक मध्य प्रदेश में होने वाली थी.
इससे यह साफ हो गया कि पदयात्रा शुरू होने से पहले ही वीडियो इंटरनेट पर मौजूद था.
निष्कर्ष: हालांकि हम स्वतंत्र रूप से वायरल क्लिप में लगाए गए नारों की पुष्टि नहीं कर सके, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह क्लिप मध्य प्रदेश में धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा से जुड़ा नहीं है.
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