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'BJP में हूं जिंदगी खराब कर दूंगा' एंबुलेंस के आगे लगाई कार, मरीज की मौत, FIR

UP Sitapur: कथित बीजेपी नेता वीडियो में खुद को बीजेपी ब्लॉक प्रमुख का छोटा भाई बता रहा है, अब पुलिस हिरासत में है

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यूपी के सीतापुर से एक कथित बीजेपी नेता का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह गाली-गलौज करता नजर आ रहा है, जिंदगी खराब कर देने की धमकी दे रहा है. आरोप है कि इस कथित बीजेपी नेता जिला अस्पताल परिसर में एम्बुलेंस के सामने ही गेट पर बिना नंबर वाली गाड़ी लगा कर चला गया, जिससे लखनऊ रेफर हुए एक अधिवक्ता की एम्बुलेंस में ही मौत हो गयी. पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 341, 304, 504 और 506 के तहत FIR दर्ज की है. सीतापुर पुलिस ने जानकारी दी है कि आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है.

इस दौरान गाड़ी हटाने की बात पर कथित बीजेपी नेता मृतक अधिवक्ता के परिजनों से ही उलझ गया और सरेआम गाली गलौज करने लगा. कथित बीजेपी नेता ने खुद को मिश्रिख ब्लॉक प्रमुख राम किंकर पांडेय का छोटा भाई बताते हुए परिजन को झूठे मुकदमे में ही जेल भिजवाने की धमकी तक दे डाली.

हालांकि, इस पूरे मामले पर बीजेपी ब्लॉक प्रमुख, रामकिंकर पांडे ने अपना वीडियो जारी करके कहा है कि...

वीडियो में गुंडई करने वाला ना मेरा कोई भाई है और ना मेरा कोई रिश्तेदार है. मैं उसे नहीं पहचानता. यह सरकार को बदनाम करने का तरीका है.
रामकिंकर पांडे, ब्लॉक प्रमुख, बीजेपी

कथित बीजेपी नेता के वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि वह एम्बुलेंस ड्राइवर से बदतमीजी करते नजर आ रहा है. उसने यह भी कहा है कि मैं बीजेपी में हूं, लोग मेरे नाम से खौफ खाते हैं. इतना ही नहीं, उसने यह भी कहा कि एसपी-डीएम से कहकर इतने मुकदमे लगवाऊंगा कि तुम्हारी जिंदगी नाश हो जायेगी. वायरल वीडियो में कार मालिक खुद को ब्लॉक प्रमुख रामकिंकर का भाई बता रहा है और अपना नाम उमेश मिश्रा बता रहा है.

कथित बीजेपी नेता की इस करतूत के 3 दिन बाद वीडियो वायरल हुआ तो अधिवक्ताओं ने लामबंध होकर कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, पूरा मामला सीतापुर शहर कोतवाली इलाके के जिला अस्पताल परिसर का है. जहां, 1 अप्रैल की रात को हार्ट अटैक पड़ने पर दुर्गापुरवा निवासी अधिवक्ता सुरेश चन्द्र राठौर को परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया. परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों ने अधिकवक्ता की हालत गंभीर देखते हुए उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया. जिसके बाद मरीज को एम्बुलेंस में ले जाने की तैयारी शुरू हो गई. तभी रास्ते में एम्बुलेंस के सामने एक कार खड़ी थी, जिसको हटाने के लिए परिजनों ने गुहार लगाई, लेकिन कोई सामने नहीं आया, ऐसे में गाड़ी नहीं निकल पाई. जिससे मरीज की मौत होने की भी बात सामने आ रही है.

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