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वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता और मोहम्मद इब्राहिम
मध्य प्रदेश में नए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शपथ ले ली है. राज्य में कांग्रेस की सरकार गई और बीजेपी ने सरकार बना ली. 23 मार्च को शिवराज ने चौथी बार बतौर मध्य प्रदेश सीएम शपथ ली.
शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक सफर पर एक नजर.
- मार्च 1959 में एक किसान परिवार में जन्मे शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक सफर किशोरावस्था में शुरू हुआ.
- 16 साल की उम्र में वे ABVP से जुड़े. 1975 में मॉडल स्कूल स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष चुने गए.
एमए (दर्शनशास्त्र) में गोल्ड मेडलिस्ट रहे चौहान. - आपातकाल के दौरान जेल भी गए.
- अक्टूबर 1989 चौहान के जीवन में एक निर्णायक मोड़ था. भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने 1 लाख से ज्यादा युवाओं के साथ क्रांति मशाल यात्रा की अगुआई की. इससे पार्टी में चौहान की स्थिति मजबूत हो गई.
- 1990 में, उन्हें मध्य प्रदेश के बुधनी से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी ने टिकट दिया
एमपी के विदिशा में लोकसभा सीट के लिए काम करने के बाद. वे अटल बिहारी वाजपेयी के नजदीक आए. - वाजपेयी के लखनऊ चले जाने के बाद ये सीट चौहान को हासिल हो गई . 1990 से 2005 तक, शिवराज सिंह चौहान 5 बार संसद के सदस्य रहे.
- नवंबर 2005 में उन्हें पहली बार मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया.
- पार्टी के अंदर और बाहर बढ़ रहे समर्थकों के चलते 2008 विधानसभा चुनाव में एक बार फिर
उन्हें निर्विरोध रूप से सीएम उम्मीदवार बनाया गया. मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से बीजेपी को 143 सीटों पर जीत मिली और शिवराज दूसरी बार राज्य के सीएम बने. - 2013 तक देश में कांग्रेस की लोकप्रियता में गिरावट आ गई थी. चौहान के लिए राज्य में चुनाव की राह आसान थी. उन्होंने एमपी को बीजेपी का गढ़ बनाया और समर्थकों के बीच अपने लिए
'मामाजी' की उपाधि अर्जित की. - हालांकि 2018 में बीजेपी कम अंतर से चुनाव हार गई. कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस को बहुमत मिला.
- दो साल बाद समीकरण बदल गए. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी का दामन थाम लिया और कांग्रेस सरकार का गिरना तय हो गया.विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले ही कमलनाथ ने इस्तीफा दे दिया और 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली.