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लखनऊः2019 में हुई CAA हिंसा पर महिलाओं का दर्द- पुलिस ने गंदी गालियां दी और पीटा

कई नागरिकों ने आरोप लगाया था कि पुलिस उनके घरों के अंदर घुस गई, उनकी संपत्ति में तोड़फोड़ की और उनके साथ मारपीट की.

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दिसंबर 2019 में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) ने देश के बाकी हिस्सों के साथ-साथ नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखा. लेकिन यूपी (UP) में विरोध प्रदर्शनों के बाद हुई हिंसा में विरोध प्रदर्शन कुचले गए, जिसमें 21 लोग मारे गए, और कई अन्य गिरफ्तार किए गए. राज्य भर में 'वांटेड' पुरुषों की तस्वीरों वाले पोस्टर लगाए गए.

यूपी पुलिस ने की नाइंसाफी

यूपी पुलिस (UP police) ने उस समय कहा था कि राज्य में 1,100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था और 5,558 लोगों को एहतियातन हिरासत में रखा गया था. लेकिन जिस बात पर ज्यादा चर्चा नहीं हुई, वह थी मुस्लिम महिलाओं को जो झेलना पड़ा आघात, जो अपनी मुस्लिम और महिला पहचान के आधार पर खुद को दोगुनी बार असुरक्षित महसूस करती थीं. यह यूपी में द क्विंट 'एवरीडे कम्युनलिज्म' सीरीज का हिस्सा है. यह इस सीरीज की पांचवीं रिपोर्ट है.

लखनऊ के दौलतगंज इलाके में इखतरा खातून को अपने 3 साल के बेटे के साथ रसोई में छिपकर अपनी 65 वर्षीय सास को अंदर से झांकते हुए, पीटते हुए देखना याद है. अपनी सास की चीखें सुनने के बावजूद डरी हुई और असहाय, इखतारा के पास अपनी जीभ काटने और छुपे रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.

इखतारा ने कहा, "मैं चिंतित थी कि अगर मैं उनकी मदद करने के लिए बाहर निकलती हूं, तो वे मेरे सम्मान को भंग कर सकते हैं, या मेरे बच्चे को चोट पहुंचा सकते हैं. इसलिए मैं रुकी रही"

यह दिसंबर 2019 की बात है जब सीएए के विरोध के बाद यूपी के विभिन्न हिस्सों में हिंसा भड़क उठी थी. कई नागरिकों ने आरोप लगाया था कि पुलिस उनके घरों के अंदर घुस गई, उनकी संपत्ति में तोड़फोड़ की और उनके साथ मारपीट की. इखतारा की सास रजिया अपने लिविंग रूम में बिस्तर पर बैठी थीं, तभी पुलिस से भागते हुए दो आदमी अंदर घुसे.

रजिया ने कहा, "मुझे नहीं पता था कि वे दो आदमी कौन थे. वे हमारे लिए अजनबी थे जिन्होंने पुलिस से बचने के लिए हमारे घर का इस्तेमाल भागने के रास्ते के रूप में किया था."

जबकि लोग छत पर चढ़ गए और भाग गए, अंगों में कमजोर रजिया का कहना है कि उसे पुलिस अधिकारीयों ने नील पड़ने तक पीटा था. उन्होंने उस वक्त को याद करते हुए कहा, "उन्होंने मुझे सबसे बुरी तरह की गलियां दीं. उन्होंने मुझे मेरे घुटने, मेरे कंधे पर मारा, कई दिनों तक मेरे शरीर के अंग पर नील पड़े थे.”

रजिया ने कहा कि पुलिस अधिकारी ऊपर गए और दूसरे घरों में जाने से पहले उनका एसी, फ्रिज और बच्चे के खिलौने तोड़ दिए.

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