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"मैंने धुएं की जांच करा ली है, चिंता की बात नहीं है", लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला

13 दिसंबर 2001 को आज ही के दिन संसद पर हमला हुआ था.

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13 दिसंबर 2023 को लोकसभा (Parliament) की कार्यवाही के दौरान सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है. कहा जा रहा है कि दर्शकदीर्घा से दो युवक कूद कर सीधे सांसदों की बेंच तक पहुंच गए, उनमें से एक युवक लोकसभा स्पीकर की कुर्सी की तरफ भागा. सांसदों का कहना है कि उनके द्वारा कुछ फेंका गया जिससे गैस निकल रही थी. उन्होंने कुछ नारे भी लगाए. विपक्षी सांसद इसे 13 दिसंबर 2001 में संसद पर हुए हमले से जोड़कर देख रहे हैं.

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इस मामले पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि, ''शून्यकाल के दौरान हुई घटना की लोकसभा अपने स्तर पर संपूर्ण जांच कर रही है. इस संबंध में दिल्ली पुलिस को भी जरूरी निर्देश दे दिए गए हैं. प्राथमिक जांच के अनुसार यह सिर्फ साधारण धुआं था इसलिए यह धुआं चिंता का विषय नहीं है."

बीजेपी सांसद राजेंद्र अग्रवाल, जो लोकसभा में कथित सुरक्षा उल्लंघन के समय सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता कर रहे थे, उन्होंने कहा:

दो लोग गैलेरी में से सीधे सदन की कार्यवाही दोरान अंदर कूदे, उन्होंने अपने जूते में कुछ निकाला जिससे कुछ आवाज आई और फिर पीला धुंआ फैल गया, इसके बाद ही सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया. अब आगे की जांच में पता चलेगा कि वे कौन हैं, कहां से आए थे, उनका क्या उद्देश्य था और वे किस संगठन से जुड़े हैं.

दिल्ली पुलिस की आतंकवाद रोधी इकाई विशेष सेल उन लोगों से पूछताछ करने के लिए संसद पहुंची, जिन्होंने लोकसभा में सुरक्षा उल्लंघन किया था.

इस मामले पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी सदन में सुरक्षा उल्लंघन पर कहा कि..."दो युवक गैलरी से कूद गए और उनके द्वारा कुछ फेंका गया जिससे गैस निकल रही थी. उन्हें सांसदों ने पकड़ लिया, सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें बाहर निकाला. सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. यह निश्चित रूप से एक सुरक्षा उल्लंघन है क्योंकि आज हम 2001 (संसद हमले) में अपने प्राणों की आहुति देने वाले लोगों की पुण्य तिथि मनाई..."

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि, "अचानक करीब 20 साल के दो युवक गैलेरी से सदन में कूद पड़े और उनके हाथ में कनस्तर थे. इन कनस्तरों से पीला धुआं निकल रहा था. उनमें से एक अध्यक्ष की कुर्सी की ओर भागने की कोशिश कर रहा था. उन्होंने कुछ नारे लगाए. धुआं जहरीला हो सकता था. यह सुरक्षा का गंभीर उल्लंघन है, खासकर 13 दिसंबर को, जिस दिन 2001 में संसद पर हमला हुआ था..."

वहीं समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव का कहना है, "जो भी लोग यहां आते हैं - चाहे वे आगंतुक हों या पत्रकार - वे टैग नहीं रखते हैं. इसलिए, मुझे लगता है कि सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. मुझे लगता है कि यह पूरी तरह से सुरक्षा चूक है." लोकसभा के अंदर कुछ भी हो सकता था..."

टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि, "यह एक भयानक अनुभव था. कोई भी अनुमान नहीं लगा सका कि उनका लक्ष्य क्या है और वे ऐसा क्यों कर रहे हैं. हम सभी तुरंत सदन से बाहर चले गए, लेकिन यह एक सुरक्षा चूक थी. वे धुआं छोड़ने वाले उपकरणों के साथ कैसे घुस सकते हैं?"

सांसद दानिश अली ने कहा कि, "दो लोग सार्वजनिक गैलरी से कूद गए और धुआं फैल गया. चारों ओर अफरा-तफरी मच गई. सुरक्षा अधिकारियों ने उन दोनों को काबू कर लिया."

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