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50 साल बाद भी खुशवंत सिंह का सवाल मौजूं- मैं भारतीय क्यों हूं?

खुशवंत सिंह के संपादकीय के 50 साल बाद भी सवाल मौजूं है-‘मैं भारतीय क्यों हूं?’

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वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता, मोहम्मद इब्राहीम

CAA,NRC और NPR पर बहस और हंगामे ने एक बार फिर ये सवाल सामने खड़ा कर दिया है कि- 'मैं भारतीय क्यों हूं?'

'द इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया' में छपे खुशवंत सिंह के संपादकीय के 50 साल बाद भी ये सवाल मौजूं है और सिंह के वो शब्द आज कई लोगों की आवाज बन गए हैं. दशकों बाद आज भी सरकार CAA और NRC को लागू कर रही है, जिससे कई लोगों की नागरिकता पर सवाल उठ रहा है.

देश में कई चीजों पर अपनी असहमति जताने को लेकर सिंह लिखते हैं-

‘मैं अपने देश में कई चीजों को नापसंद करता हूं- ज्यादातर सरकार को, मैं जानता हूं कि सरकार कभी भी देश जैसी नहीं होती है लेकिन सरकार खुद को ऐसा ही दिखाने की कोशिश करती है ये वो जगह है जहां का मैं हूं, और ये वो जगह है जहां मैं जीने और मरने का इरादा रखता हूं.’

देश से अपने प्यार को लेकर सिंह कहते हैं

‘आज जो हम कर रहे हैं, उस पर गर्व करने की शायद ही कोई वजह हो. संतुलित होकर कहूं तो मैं कहूंगा,-‘नहीं, मुझे भारतीय होने पर गर्व नहीं है लेकिन मुझे इससे बहुत प्यार है’

खुशवंत लिखते हैं, “ दो बार हमारी भारतीयता को चुनौती दी गई: 1962 में चीनियों की ओर से; 1965 में पाकिस्तानियों की ओर से. इसके बावजूद हमारी भाषा, धर्म और आस्था के कई अंतरों के बावजूद हम अपने देश की रक्षा के लिए एक होकर उभरे.

उन सभी लोगों से खुशवंत सिंह का सवाल है जो उनकी नागरिकता पर सवाल उठाते हैं , फिर उन लोगों की भारतीय बनाने की बात क्यों जो पहले से ही भारतीय हैं?

हम आज भी अपनी पहचान पर उठे सवालों का जवाब दे रहे हैं. हम सभी की भावनाओं को आवाज देने के लिए खुशवंत सिंह के शब्द आज भी मोजूं हैं- 'मैं भारतीय क्यों हूं?'

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